।। *शुभ बसंतोत्सव* ।।
।। *संस्था जय हो* ।।
।। *दैनिक राशि - फल* ।।
आज दिनांक 16 फरवरी 2021 मंगलवार संवत् 2077 मास माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि अगले दिन प्रातःकाल 05:51 बजे तक रहेगी पश्चात् षष्ठी तिथि लगेगी । आज सूर्योदय प्रातःकाल 07:02 बजे एवं सूर्यास्त सायं 06:20 बजे होगा । रेवती नक्षत्र प्रातःकाल 06:37 बजे तक रहेगा पश्चात् अश्विनी नक्षत्र आरंभ होगा । आज का चंद्रमा मीन राशि मे प्रातःकाल 06:37 बजे तक भ्रमण करते हुए मेष राशि मे प्रवेश करेंगे । आज का राहुकाल दोपहर 03:34 से 04:59 बजे तक रहेगा । अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:21 से 01:07 बजे तक रहेगा । दिशाशूल उत्तर दिशा मे रहेगा यदि आवश्यक हो तो गुड का सेवन कर यात्रा आरंभ करे ।। जय हो ।।
*--: विशेष :--*
*वसंत पंचमी*
*16 जनवरी 2021 मंगलवार को वसंत पंचमी हैं ।*
*ब्रह्मवैवर्त पुराण तथा देवीभागवत पुराण के अनुसार जो मानव माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन संयमपूर्वक उत्तम भक्ति के साथ षोडशोपचार से भगवती सरस्वती की अर्चना करता है, वह वैकुण्ठ धाम में स्थान पाता है। माघ शुक्ल पंचमी विद्यारम्भ की मुख्य तिथि है। “माघस्य शुक्लपञ्चम्यां विद्यारम्भदिनेऽपि च।”*
*श्रीकृष्ण ने सरस्वती से कहा था*
*प्रतिविश्वेषु ते पूजां महतीं ते मुदाऽन्विताः । माघस्य शुक्लपञ्चम्यां विद्यारम्भेषु सुन्दरि ।।*
*मानवा मनवो देवा मुनीन्द्राश्च मुमुक्षवः । सन्तश्च योगिनः सिद्धा नागगन्धर्वकिंनराः ।।*
*मद्वरेण करिष्यन्ति कल्पे कल्पे यथाविधि । भक्तियुक्ताश्च दत्त्वा वै चोपचारांश्च षोडश ।।*
*काण्वशाखोक्तविधिना ध्यानेन स्तवनेन च । जितेन्द्रियाः संयताश्च पुस्तकेषु घटेऽपि च ।।*
*कृत्वा सुवर्णगुटिकां गन्धचन्दन चर्च्चिताम् । कवचं ते ग्रहीष्यन्ति कण्ठे वा दक्षिणे भुजे ।।*
*पठिष्यन्ति च विद्वांसः पूजाकाले च पूजिते । इत्युक्त्वा पूजयामास तां देवीं सर्वपूजितः ।।*
*ततस्तत्पूजनं चक्रुर्ब्रह्मविष्णुमहेश्वराः । अनन्तश्चापि धर्मश्च मुनीन्द्राः सनकादयः ।।*
*सर्वे देवाश्च मनवो नृपा वा मानवादयः । बभूव पूजिता नित्या सर्वलोकैः सरस्वती ।।*
*“सुन्दरि! प्रत्येक ब्रह्माण्ड में माघ शुक्ल पंचमी के दिन विद्यारम्भ के शुभ अवसर पर बड़े गौरव के साथ तुम्हारी विशाल पूजा होगी। मेरे वर के प्रभाव से आज से लेकर प्रलयपर्यन्त प्रत्येक कल्प में मनुष्य, मनुगण, देवता, मोक्षकामी प्रसिद्ध मुनिगण, वसु, योगी, सिद्ध, नाग, गन्धर्व और राक्षस– सभी बड़ी भक्ति के साथ सोलह प्रकार के उपचारों के द्वारा तुम्हारी पूजा करेंगे। उन संयमशील जितेन्द्रिय पुरुषों के द्वारा कण्वशाखा में कही हुई विधि के अनुसार तुम्हारा ध्यान और पूजन होगा। वे कलश अथवा पुस्तक में तुम्हें आवाहित करेंगे। तुम्हारे कवच को भोजपत्र पर लिखकर उसे सोने की डिब्बी में रख गन्ध एवं चन्दन आदि से सुपूजित करके लोग अपने गले अथवा दाहिनी भुजा में धारण करेंगे। पूजा के पवित्र अवसर पर विद्वान पुरुषों के द्वारा तुम्हारा सम्यक प्रकार से स्तुति-पाठ होगा। इस प्रकार कहकर सर्वपूजित भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती की पूजा की। तत्पश्चात, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अनन्त, धर्म, मुनीश्वर, सनकगण, देवता, मुनि, राजा और मनुगण– इन सब ने भगवती सरस्वती की आराधना की। तब से ये सरस्वती सम्पूर्ण प्राणियों द्वारा सदा पूजित होने लगीं।*
*वसन्त पंचमी पर सरस्वती मूल मंत्र की कम से कम 1 माला जप जरूर करना चाहिए।*
*मूल मंत्र : “श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”*
*सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।*
*सरस्वती पूजा के लिए नैवैद्य (ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार)*
*नवनीतं दधि क्षीरं लाजांश्च तिललड्डुकान् । इक्षुमिक्षुरसं शुक्लवर्णं पक्वगुडं मधु ।।*
*स्वस्तिकं शर्करां शुक्लधान्यस्याक्षतमक्षतम्। अस्विन्नशुक्लधान्यस्य पृथुकं शुक्लमोदकम् ।।*
*घृतसैन्धवसंस्कारैर्हविष्यैर्व्यञ्जनैस्तथा । यवगोधूमचूर्णानां पिष्टकं घृतसंस्कृ तम् ।।*
*पिष्टकं स्वस्तिकस्यापि पक्वरम्भाफलस्य च । परमान्नं च सघृतं मिष्टान्नं च सुधोपमम् ।।*
*नारिकेलं तदुदकं केशरं मूलमार्द्रकम् । पक्वरम्भाफलं चारु श्रीफलं बदरीफलम् ।।*
*कालदेशोद्भवं पक्वफलं शुक्लं सुसंस्कृतम् ।।*
*ताजा मक्खन, दही, दूध, धान का लावा, तिल के लड्डू, सफेद गन्ना और उसका रस, उसे पकाकर बनाया हुआ गुड़, स्वास्तिक (एक प्रकार का पकवान), शक्कर या मिश्री, सफेद धान का चावल जो टूटा न हो (अक्षत), बिना उबाले हुए धान का चिउड़ा, सफेद लड्डू, घी और सेंधा नमक डालकर तैयार किये गये व्यंजन के साथ शास्त्रोक्त हविष्यान्न, जौ अथवा गेहूँ के आटे से घृत में तले हुए पदार्थ, पके हुए स्वच्छ केले का पिष्टक, उत्तम अन्न को घृत में पकाकर उससे बना हुआ अमृत के समान मधुर मिष्टान्न, नारियल, उसका पानी, कसेरू, मूली, अदरख, पका हुआ केला, बढ़िया बेल, बेर का फल, देश और काल के अनुसार उपलब्ध ऋतुफल तथा अन्य भी पवित्र स्वच्छ वर्ण के फल – ये सब नैवेद्य के समान हैं।*
*सुगन्धि शुक्लपुष्पं च गन्धाढ्यं शुक्लचन्दनम् । नवीनं शुक्लवस्त्रं च शङ्खं च सुमनोहरम् ।।*
*माल्यं च शुक्लपुष्पाणां मुक्ताहीरादिभूषणम् ।।*
*सुगन्धित सफेद पुष्प, सफेद स्वच्छ चन्दन तथा नवीन श्वेत वस्त्र और सुन्दर शंख देवी सरस्वती को अर्पण करना चाहिये। श्वेत पुष्पों की माला और श्वेत भूषण भी भगवती को चढ़ावे।*
*स्मरण शक्ति प्राप्त करने के लिए वसंत पंचमी से शुरू करके प्रतिदिन याज्ञवल्क्य द्वारा रचित भगवती सरस्वती की स्तुति करनी चाहिए ।*जय हो*
*ज्योतिषाचार्य*
डाँ. पं. अशोक नारायण शास्त्री
श्रीमंगलप्रद् ज्योतिष कार्यालय
245 , एम. जी. रोड ( आनंद चौपाटी ) धार , एम. पी.
मो. नं. 9425491351
*आज का राशिफल*
मेष :~ आज आप अस्वस्थ रहेंगे । व्यर्थ खर्च बढेगा । पूंजी - निवेश मे ध्यान रखे । परोपकार करने में गंवाने की नौबत आएगी । लेन - देन करते समय संभलकर रहे । आध्यात्मिकता के प्रति रुचि रहेगी । लाभ के लालच में न फंसे । निर्णयशक्ति का अभाव दुविधा में डालेगा ।
वृषभ :~ आज का दिन आनंद से परिपूर्ण है । व्यापार में आय वृद्धि होने में लक्ष्मीजी की कृपा रहेगी । परिवारजनों और मित्रों के साथ आनंदप्रमोद का वातावरण रहेगा । नए संपर्क और परिचय व्यापार में लाभप्रद रहेंगे । छोटे प्रवास आनंददायी रहेगा । आज पूरे दिन मन में उल्लास और प्रसन्नता से भरा होगा ।
मिथुन :~ आज आपको शारीरिक और मानसिक प्रसन्नता रहेगी । व्यवसाय में कार्य की प्रशंसा होने से उत्साह भी बढेगा । सहकार्यकरों का सहयोग प्राप्त होगा । सामाजिक मान - सम्मान प्राप्त होगा । परिवारजनों के साथ समय आनंद पूर्वक बिता पाएंगे । व्यवसाय में पदोन्नति होगी । सरकारी कार्य भी सरलतापूर्वक संपन्न होंगे ।
कर्क :~ आज आपके भाग्य में वृद्धि होने का दिन है । विदेश या दूर देश से शुभ समाचार प्राप्त होंगे । छोटा प्रवास या किसी धार्मिक यात्रा से प्रसन्नता में वृद्धि होगी । शारीरिक और मानसिक रुप से भी प्रसन्नता रहेगी । मित्रों और परिवारजनों के साथ दिन आनंद के साथ बितेगा । व्यावसाय में लाभ होगा । आकस्मिक धनप्राप्ति के योग हैं ।
सिंह :~ स्वास्थ्य का आज अधिक ध्यान रखे । स्वास्थ्य के पीछे खर्च हो सकता है । आज खान - पान घर का ही करें तो अच्छा रहेगा । वैचारिक नकारात्मकता को दूर करे । आध्यात्मिकता के प्रति रुचि , ध्यान तथा जप उचित मार्ग पर ले जाएंगे । जिससे मानसिक अस्वस्थता बहुत कम हो जाएगी ।
कन्या :~ आज का दिन आपके लिए शुभ है । यश कीर्ति प्राप्त होगी । व्यापार में भागीदारों के साथ सम्बंधो में सकारात्मकता बढेगी । वस्त्राभूषणों की खरीदी से मन प्रसन्न होगा । मित्रों के साथ प्रवास का मजा लेंगे ।
तुला :~ आप का स्वास्थ्य आज अच्छा रहेगा । व्यवसाय में लाभ होगा । सहकार्यकरो का सहयोग मिलेगा । परिवारजनों के साथ समय आनंदपू्र्वक बिताएंगे । वाणी पर संयम बरते । अधिक खर्च न हो जाए ध्यान रखे । कार्य में सफलता के साथ यश भी प्राप्त होगा ।
वृश्चिक :~ आज आप वाद - विवादों में न फंसे । संतानों की चिंता रहेगी । विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त होने से उनके उत्साह में वृद्धि होगी । शेयर - सट्टे में पूंजी - निवेश न करे । यात्रा या प्रवास टाले । भविष्य की योजनाएं बनाने के लिए समय अनुकूल है । परिश्रम के अनुसार सफलता भी प्राप्त होगी ।
धनु :~ मानसिकरुप से आज आप में उत्साह का अभाव रहेगा , जिससे मन में अशांति बनी रहेगी । पारिवारिक वातावरण क्लेशपूर्ण रहेगा । स्थाई संपत्ति के दस्तावेज करते समय विशेष ध्यान रखे । धनहानि हो सकती है । मानहानि न हो ध्यान रखे । माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी । छाती में भी पीडा हो सकती है ।
मकर :~ मित्रों और परिवारजनों के साथ आज का दिन आनंदपूर्वक बितेगा । किसी पर्यटन स्थल पर प्रवास हो सकता है । स्थाई संपत्ति के कार्य आज कर पाएँगे । व्यवसाय मे समय अनुकूल है । विद्यार्थियों को समय की अनुकूलता रहेगी । प्रतिस्पर्धी परास्त होंगे । शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । आज आर्थिक लाभ हो सकता हैं । नये कार्यो का शुभारंभ कर पाएँगे ।
कुंभ :~ मानसिक दुविधा होने से अनिर्णय की स्थिती रहेगी । निरर्थक खर्च से बचे । वाणी पर संयम न रखने से परिवार मे अनबन हो सकती है । विद्यार्थियों को अभ्यास में मन की एकाग्रता पर जोर देना पडेगा । कार्य सफलता में विलंब हो सकता है ।
मीन :~ आज आपका शारीरिक और मानसिक स्वस्थ अच्छा रहेगा । उत्साहपूर्ण वातावरण से नए कार्य का प्रारंभ कर सकेंगे । पारिवार में सुख - शांति रहेगी । मित्रों और परिवारजनों के साथ प्रवास पर जा सकते है । धनप्राप्ति के योग है । धार्मिक यात्रा अथवा धार्मिक कार्य होगे ।
( डाँ. अशोक शास्त्री )
।। शुभम् भवतु ।। जय सियाराम ।।
।। जय श्री कृष्ण ।। जय गुरुदेव ।।
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