रिंगनोद~हौसला-अपने जज्बे के आडे नही आने देते अपनी कमजोरी मोलवा बन रहै मीसाल दिव्यांगता के बावजुद करेंगे 750 कीमी का सफर तय~~

अनुराग डोडिया रिंगनोद~~

ग्राम रिंगनोद के पहलवान और वर्तमान मै बालक बालिकाओ के कोच रमेश मोलवा  ने एक हादसे मै अपने पैरो के कार्य करने की क्षमता खो दी लैकिन उसके बाद भी कभी हिम्मत नही हारी उसी ताजगी और  जींदादीली से जीवन जीते है रोज सुबह तीन की मी अपने खेत पर जाना और दिन भर सभी कार्यो को सामान्य रुप से करना यह लगने ही नही देता की वे दिव्यांग है टेम्पो रिक्शा होते हुए भी वे स्वस्थ जीवन शैली के लिए व्हील चैयर का ईस्तेमाल करते है पहले बजरंग दल अखाडे मै पहलवानी और कोच का कार्य भी करते थे अब हादसे के बाद भी बालक बालिकाओ को मलखंभ और पहलवानी के गुर सीखाते है पिछले वर्ष भी अमझेरा मै हुई प्रतियोगिता मै अपनी बालिका वर्ग की टीम को लैकर पहुँचे थे वो भी खुद व्हिल चैयर से ना कि किसी वाहन से और अब वे करीब 750 कीमी की राजस्थान स्थित खाटू नरेश बाबा श्याम धाम कि यात्रा मै पैदल निशान यात्रा संघ के साथ  सहर्ष सम्मिलित होकर निकले है जो करीब 21 दिनो मै पुर्ण होगी ईस यात्रा मै उनके साथ रिंगनोद राजगढ रतनपुरा गुमानपुरा एवं अन्य कई आस पास के श्रद्धालु सम्मिलित है ईतना लम्बा सफर भी वे किसी प्रकार की सहायता के बिना अपनी व्हिल चेयर से ही तय करेंगे यात्रा का जहां जहां रात्री विश्राम होगा वहां बाबा का भजन किर्तन किया जाएगा ग्रामजनो को उनके हौसले पर गर्व और हर्ष है ग्रामिणो ने रवानगी पुर्व यात्रीयो का पुष्प हार से सम्मान कर विदा किया मोलवा आज के समय मै एसे दिव्यांग भाई बहनो के लिए मीसाल है जो अपनी दिव्यांगता अथवा कमजोरी से हार मान लेते है विचार न्युज परिवार मोलवा के जज्बे को सलाम करता है ईश्वर उनकी यात्रा सफल करे यही कामना


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