भोपाल~सूर्योदय बालग्रह की बेटी की शादी~~
वरिष्ठ समाजसेवी का डॉक्टर आयुषी देशमुख ने बताया सूर्योदय बालगृह अकोला जो मेरे (HIV) बच्चो के का एक ममता भरा आशियाना है जिसमे अभी 87 बच्चे ररहे है सद्गुरु भय्यू जी महाराज जी के विचारो को बढ़ाते हुए हम सब मिलकर सूर्योदय बालगृह में बच्चो को एक नए जीवन देने की कोशिश कर रहे है , इसी कोशिश को जब पंख लग जाते है जब मेरे बालगृह की बेटी की शादी होती है आप जो यह चित्र देख रहे है ये पुणे में जन्मी दो बहनो की कहानी है जो (एड्स) से ग्रसित माँ बाप की मृत्यु के बाद अलग अलग रह रही थी जिसमे उसकी छोटी बहन (हर्षा )हमारे पास अकोला में रह रही है और उसकी बड़ी बहन पुणे के अनाथ आश्रम में रह रही थी जब मुझे पता लगता है की हर्षा की एक बहन (गोरी) पुणे के अनाथ आश्रम में रह रही है तो मेरे मन में दोनों को मिलाने की व्याकुलता होती और में इंदौर से बालगृह के संचालक शिवराज को लेकर लड़की ढूढ़ने लगती हु थोड़ी कोसिस के बाद हमें गोरी मिल जाती है और हम उसे लेकर अकोला आ जाते है और दोनों बहने (हर्षा - गोरी ) १२ सालो के बाद मिलते है जब जो आनंद की अनुभूति महसूस मुझे हुई वो मेरी आँखों से अश्रु में बहकर निकलने लगती है और ऐसी कही किस्सों से बना है आपका अपना सूर्योदय परिवार ये कहानी है मेरे (HIV) बालगृह की है आज उसी मेरी बिटिया गोरी की जिसकी शादी 22- फरवरी को सूर्योदय बालगृह अकोला में दोपहर 1 बजे संपन्न हुई सभी ने आशीर्वाद दुआएं दी।
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