*राम नवमी को बन रहे हैं कई शुभ संयोग इसमे आराधना करने से होगी सभी की मनोंकानना पूर्ण* *( डाॅ. अशोक शास्त्री )*
आज रामनवमी का त्योहार है । मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाॅ. अशोक शास्त्री ने इस संदर्भ मे विस्तृत से बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था । पूरे देश में रामनवमी को प्रभु राम के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है । रामनवमी पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ पढ़ा जाता है ।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राम का जन्म दोपहर के प्रहर में हुआ था । मुहूर्त शास्त्र में दोपहर के अभिजीत मुहूर्त को सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है । भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न , अभिजीत मुहूर्त , सूर्य , बुध , गुरु , शुक्र और शनि ग्रह के विशेष योग में हुआ था । चैत्र नवरात्रि के समापन पर तिथि पर राम नवमी का त्योहार बड़े ही धूम - धाम के साथ मनाया जाता है ।
डाॅ. अशोक शास्त्री ने बताया कि भगवान के पूजन सुबह- 11:11 से 01: 40 बजे तक , अभिजीत मुहूर्त: 11:57 से 12:46 तक , ब्रह्ममुहूर्त: 04:49 से 05:37 तक
अमृतकाल: शाम 08:18 से 10:05 बजे तक रहेगा ।
डाॅ. शास्त्री के मुताबिक इस बार रामनवमी पर ग्रह - नक्षत्रों का बहुत ही शुभ और दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है । ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार रामनवमी के पर्व पर एक साथ 5 दुर्लभ संयोग बन रहा है । राम नवमी पर अमृत सिद्धि योग , गुरु पुष्य योग , शुभ योग , सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं । इसके अलावा रामनवमी गुरुवार के दिन पड़ने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है । हिंदू धर्म में रामनवमी का त्योहार बहुत ही खास होता है । चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन पर भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही उत्साह और भक्तिभाव से मनाया जाता है । आइए जानते हैं रामनवमी की संपूर्ण पूजा विधि -
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर दैनिक क्रिया करते हुए स्नान करें और साफ - सुथरा वस्त्र धारण करते हुए सबसे पहले सूर्यदेव को जल अर्पित करें ।
- पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करते हुए सफाई करें ।
- हाथ में अक्षत लेकर पूजा और व्रत का संकल्प लें और भगवान राम की पूजा आराधना शुरू करें ।
- पूजन में माला , फूल , फल , मिठाई , रोली ,चंदन , धूप , दीपक , तुलसी के पत्ते से भगवान राम संग माता सीता की पूजा करें ।
- रामचरितमानस , रामायण , रामरक्षास्तोत्र , बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
रामनवमी पर भगवान राम के इन मंत्रों का करें जाप होगा विशेष लाभ ।
1- ॐ श्री रामाय नमः॥
2- श्री राम जय राम जय जय राम॥
ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि,तन्नो राम प्रचोदयात्॥
3- रामनवमी के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
4- ‘ॐ हम हनुमते नमः’ मंत्र का उच्चारण भी अवश्य करना चाहिए ।
5- किस्किंधा कांड की एक चौपाई है ‘कवन सौ काज कठिन जग माही जोय नहीं होय तात तुम पाही’
इस चौपाई को 108 बार बोलने से कठिन से कठिन कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं ।
6- रामचरितमानस का पाठ करें ।
7- रामरक्षास्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के ऊपर कभी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है ।
8- राम जी के मूल मंत्र का करें जाप
ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम ! श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय सीताया पतये नमः ।।
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