झाबुआ/पेटलावाद~मोहन सरकार का कैसा जीरो टॉलरेन्स वाला सुशासन~~

हादसे को 106 दिन बीत गए* *क्यो दोषी पेटलावाद सीएमओ पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई~~

क्या इसे समझे नारी सशक्तिकरण~~

झाबुआ/पेटलावाद।संजय जैन सह संपादक~~


 गत 23 मार्च 2025 रविवार को पेटलावद के थांदला रोड पर दर्दनाक हादसा हुआ था। बगैर अनुमति के निर्माणाधीन मल्टी फ्लैक्स सह शॉपिंग कांप्लेक्स की छत के नीचे दबने से दो श्रमिकों की मृत्यु होने की हृदय विदारक घटना को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

कई लापरवाह सीएमओ पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई...?*

पेटलावद शहर के थांदला रोड पर भंडारी पेट्रोल पंप के सामने नरसिहदास पिता प्रकाशचंद्र बैरागी निवासी पेटलावद के द्वारा एक मल्टी फ्लैक्स सह शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण नगर परिषद पेटलावद की बगैर अनुमति के छत गिरने के 8 माह पहले से किया जा रहा था। इस हादसे की जांच हेतु कलेक्टर झाबुआ नेहा मीना ने तीन सदस्यीय एक जांच समिति बनाई थी। जांच में पेटलावाद सीएमओ आशा भंडारी दोषी पायी गयी थी। जिसकी जांच रिपोर्ट कलेक्टर झाबुआ को सौंप दी गयी थी। कलेक्टर झाबुआ ने जांच रिपोर्ट पर अपना प्रतिवेदन भी बनाकर प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल को भेज भी दिया है। गौरतलब है कि उक्त घटना को बीते 106 दिवस हो गए है, लेकिन नगर परिषद पेटलावद की लापरवाह सीएमओ पर अब तक कोई कार्यवाही ही नहीं हुई है।

महारानी मां अहिल्या की 300 वी जन्म जयंती धूमधाम से मनाई गई..*

 मध्यप्रदेश में होलकर स्टेट की महारानी मां अहिल्या की 300 वी जन्म जयंती पुलिस से लेकर प्रधानमंत्री तक ने बड़ी धूमधाम से मनाया। कई कार्यक्रमो का आयोजन प्रदेश में 31 मई 25 शनिवार को रखे गए थे। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं मध्यप्रदेश के दौरे पर भोपाल आए थे साथ ही उन्होंने कई योजनाओं की सौगात भी दी थी,वही इंदौर को मेट्रो तो उज्जैन को 29 किलो मीटर क्षिप्रा नदी पर घाट की दी थी।

*नगर परिषद का ध्यान नगर की इस धरोहर पर नही..*

होलकर स्टेट के अंतर्गत पेटलावद शहर भी आता है,जिसमें स्टेट समय से नगर पालिका बनी हुई है ₹, जिसको आज नगर परिषद से जाना जाता है। जानकारी अनुसार शहर में 1717 में होलकर स्टेट की महारानी मां अहिल्या देवी ने जो कि भगवान शंकर की परम भक्त थी ने एक शंकर भगवान का मंदिर बनवाया था, आज भी वह मंदिर काबिज है। वहा एक छोटा सा बगीचा बना हुआ है, जिसमें नगर के लोगो ने मां अहिल्या देवी की प्रतिमा वर्षो पहले लगाई थी। पुजारी का कहना है कि नगर परिषद का ध्यान, नगर की इस धरोहर पर है ही नही। और तो और इस छोटे से बगीचे की सफाई के लिए नगर परिषद की ओर से नियमित सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
*इतनी गंभीर चूक पेटलावद में कैसे हो गई..*?
मजेदार बात तो यह है कि जहाँ पूरे प्रदेश में मां अहिल्या देवी की 300 वी जन्म जयंती तीन दिन के आयोजन सहित बड़ी धूमधाम से मनाई गई थीं।वही दूसरी ओर पेटलावाद स्थानीय प्रशासन,जन प्रतिनिधियों और नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियो ने मां अहिल्या देवी के शहर में ही ₹,न तो उनकी 300 वी जयंती मनाने का कोई प्रयास किया और ना ही प्रतिमा का रंग रोगन और उसके आसपास की सफाई पर भी ध्यान ही दिया। इतनी गंभीर चूक पेटलावद में कैसे हो गई? और उसके लिए उत्तरदायित्व किसका बनता था...?यह प्रश्न नगर ने सतत चर्चा का विषय बना हुआ है। उल्लखनीय हैं कि जिले में दो-दो मातृ शक्ति आईएएस अधिकारी काबिज जिसमे एक तो कलेक्टर और दूसरी पेटलावाद एसडीएम है,बावजूद इसके इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी.. ?अधिकारियी को इस मामले को तुरन्त संज्ञान में लाकर लापरवाह सीएमओ पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए,ऐसा हमारा मानना है।

क्या यही मोहन सरकार का जीरो टॉलरेन्स वाला सुशासन है...?*

कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन के साथ ही मां अहिल्या बाई होलकर के कार्यक्रम की उपेक्षा और उनको नजरअंदाज करने वाली नगर परिषद पेटलावद की लापरवाह अधिकारी सीएमओ के विरुद्ध शासन के द्वारा हादसे के 106 दिन बीतने के बाद भी कार्यवाही तो ठीक, बल्कि इनको अब तक पेटलावाद से स्थानांतरण नहीं होने पर नगर में तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। अब शासन के द्वारा इस लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने को क्या समझा जाए ? यह तो वे ही बेहतर जाने इससे एक बात तो तय है कि आने वाले समय मे जनता के साथ यह अधिकारी बेखौफ होकर मनमानी ही करेंगी और उनकी सुनेगे भी नहीं....
क्या यही मोहन सरकार का जीरो टॉलरेन्स सुशासन है....?जिसका फायदा एक लापरवाह महिला अधिकारी बेख़ौफ उठा रही है। कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है तो क्या इसको नारी सशक्तिकरण ही माने...?*
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