रिंगनोद~कौन कहता है आसमान मे छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो वाक्य को चरितार्थ करते हुए~ रमेश मौलवा
बने मध्य प्रदेश दिव्यांग व्हिल चेयर क्रिकेट टीम का हिस्सा ~~
उपलब्धिया इतनी कि लोग दांतो तले ऊँगली दबाने पर हो जाए मजबूर~~
कौन कहता है आसमान मे छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो वाक्य को चरितार्थ करते हुए रमेश मौलवा बने मध्य प्रदेश दिव्यांग व्हिल चेयर क्रिकेट टीम का हिस्सा उपलब्धिया इतनी कि लोग दांतो तले ऊँगली दबाने पर हो जाए मजबूर-----पंखो से कुछ नहीं होता होसलो से उड़ान होती है कहावत को चरितार्थ करते हुए ऐसी ऐसी उपलब्धिया हासिल कि जो शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति भी प्राप्त करने मे कठिन से कठिन परिश्रम लगा दे शारिरीक रूप से कोई कमी है तो क्या हुआ,, हम भी क्रिकेट खेल सकते हैं ,चौके छक्के मार सकते हैं,विकेट ले सकते हैं ,फील्डिंग कर सकते हैं के जज्बे से परिश्रम कभी अपनी दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नही बनने देता ऐसा ही कीच कार्य नगर के रमेश मोलवा ने कर दिखाया अपने हौसले से गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित उमंग नेशनल ट्राफी भारत का पहला डे नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट 2024 का आयोजन भोपाल में हुआ जिसमे नगर के रमेश मोलवा ने जोरदार प्रदर्शन कर मध्यप्रदेश टीम में अपनी जगह बनाई । इस टूर्नामेंट में भारत के दस राज्यो ने हिस्सा लिया था यह टूर्नामेंट दिव्यांग महिलाओ एवं पुरषो का हुआ ।इस प्रतियोगिता का शुभारंभ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल,विश्वास कैलाश सारंग खेल मंत्री,नारायण सिंह कुशवाह सामाजिक न्याय दिव्यांगजन शसक्तीकरण विभाग,प्रमुख सचिव सोनाक्षी पोक्षे आयुक्त रामराव भोसले की गरिमा में उपस्थित हुए।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने उध्बोधन में दिव्यांग महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों शुभकामनाएं देते हुए उनके हौसले और जज्बे की सराहना की और कहा कि आप सभी वो खिलाड़ी हो जो कभी भी अपने आपको दिव्यांग नही समझते।खेल मंत्री विश्वास सारंग ,नारायण सिंह कुशवाह सामाजिक न्याय विभाग ने दिव्यांग खिलाड़ियों को खेलते देख आत्म विभोर होकर उनकी दिव्यांगता को सलामी दी एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की
रमेश मोलवा के जोरदार प्रदर्शन से मध्यप्रदेश दिव्यांग पुरुष टीम फाइन में पहुंची इस उपलब्धि के लिए ग्रामीणों ने बधाई दी।
दिव्यांग रमेश मोलवा की ये उपलब्धियाँ है
रमेश मोलवा ने 2023 में नेशनल रग्बी प्रतियोगिता पुणे में अपनी जगह बनाई ,वही 36 किलोमीटर मेराथन कर्नाटका का हिस्सा बने तीन बार वीलचेयर पर ही खाटूश्यामजी राजस्थान की यात्रा कर चुके,अमझेरा ऑपन नैशनल मैराथन का हिस्सा बने मलखम्भ के उस्ताद रहे मोलवा ऑयज भी नगर में बच्चों को मलखम्भ एवं रोप मलखम्भ सिखाते हैं मोलवा घर पर भी अपना सारा कार्य स्वयं करते हैं किसी को अपनी दिव्यांगता का अहसास नही होने देते दूर दराज कि एवं कई तीर्थं कि यात्रा और कावड़ यात्रा वे व्हील चेयर से कर चुके है इसी के कारण रमेश मोलवा को दो बार नगर गौरव सम्मान केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर,एसडीएम राहुल चौहान,एसडीओपी आशुतोष पटेल एवं देश के राष्ट्रीय सन्तो द्वारा नवाज़ा गया है आज श्री मौलवा युवाओं के लिए दिव्यांगों के लिए आदर्श बन चुके है निश्चित रूप से सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाइये उन्होंने शारीरिक कमी को गौण नाम मात्र सिद्ध कर यह बताया है कि यदि हम ठान ले तो दिव्यांगता एक वाक्य मात्र है ।
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