झाबुआ~मस्तिष्क में होता है भूख का अहसास-हमारा मस्तिष्क भूख पैदा करता है,पेट नहीं~~
डकार आती है,खाना खाने के बाद~~
झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~
आपने महसूस किया होगा कि भोजन करने के बाद शरीर में सुस्ती-नींद आने लगती है। शिशु तो दूध पीते-पीते ही सो जाते हैं। वहीं,बड़ों की भी भोजन करने के बाद पलकें भारी होने लगती हैं। ऐसा क्यों होता है....? पढ़िय भूख से जुड़ी रोचक जानकारी।
हमारा मस्तिष्क भूख पैदा करता है,पेट नहीं...............
शरीर को उचित पोषण न मिलने की वजह से हमें भूख लगती है। हमारे मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के दो केंद्र होते हैं। पहला केंद्र भूख लगने पर रियो अट्रोपिन और एड्रेनालाइन हार्मोन रिलीज करता है। इससे हमें कुछ खाने का मन करता है। भूख शांत होने के बाद दूसरा केन्द्र हमें यह बताता है कि हमारा पेट भर गया है। दोनों केंद्र सम्मिलित रूप से कार्य करते हैं। भूख लगने-पेट भरने के चक्र को नियंत्रित रखते हैं। यानी हमारा मस्तिष्क भूख पैदा करता है, हमारा पेट नहीं।
सुस्ती और नींद का होता है अहसास.......
भोजन करने पर हमारी पाचन क्रिया आरंभ हो जाती है। इस क्रिया के लिए पेट को अधिक रक्त की आवश्यकता होती है। सामान्य परिस्थितियों में हृदय से आने वाले रक्त का 28 प्रतिशत यकृत को,24 प्रतिशत गुर्दों को,15 प्रतिशत मांसपेशियों,14 प्रतिशत मस्तिष्क को और 19 प्रतिशत शरीर के अन्य भागों को जाता है। भोजन करने से कुछ समय के लिए मस्तिष्क में रक्त की मात्रा कम हो जाती है। इससे उसकी क्रियाशीलता मंद पड़ जाती है। इससे सुस्ती और नींद का अहसास होता है।
डकार आती है,खाना खाने के बाद........
खाना खाने के बाद लगभग सभी लोगों को डकार आती है। डकार आने पर यही सोचा जाता है कि पेट भर गया है। खाना खाते समय खाने के साथ कुछ हवा हमारे पेट में चली जाती है। छाती और पेट के बीच एक दरवाजा होता है,जो खाना निगलते समय खुल जाता है और भोजन पेट में जाने के साथ ही दरवाजा बंद हो जाता है। यही दरवाजा पाचक रसों को बाहर आने से भी रोकता है। भोजन पचने के बाद गैस बनती है। सोडा जैसे पेय पीने पर भी गैस बनती है।
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