प्रदेश के सुनने लायक किस्सों पर विचार news की विशेष प्रस्तुति संजय जैन द्वारा.................
शिवराज पुत्र की *अमानत~~
पार्षद पति की धमकी,एसआई का जवाब* दावेदारों के सीने में उठा दर्द~~
हारी हुई बाजी जीत गये मित्र-* रद्दी*खेल में कौन बना करोड़पति~~
पहले अंगुली पकड़ी फिर हाथ -* तारीफ से सीना फूल जाए, पेट नहीं भरता-* मुंह में जमा दही~~
शिवराज पुत्र की *अमानत*~~~
झाबुआ। ब्यूरो चीफ.-संजय जैन~~
अनुपम बंसल का नाम भले ही जाना-पहचाना नहीं हो,लेकिन नामी शूज ब्रांड लिबर्टी का नाम तो सब जानते ही हैं। इसी लिबर्टी ब्रांड के डायरेक्टर बंसल है। अब वे जल्द ही 17 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समधी और उनकी पत्नी रुचिता बंसल व साधना सिंह आपस में समधन हो जाएंगी। बंसल परिवार की बेटी शिवराज के बड़े पुत्र कार्तिकेय की*अमानत* हो जाएंगी। कार्तिकेय सिंह से उनकी पहचान पढ़ाई के दौरान हुई थी। कार्तिकेय ने पुणे के मशहूर सिबायसिस कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है। अमानत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मनोवैज्ञानिक शोध में एमएससी की है। सभी जानते ही कि शिवराज के छोटे बेटे कुणाल की सगाई,इसी साल मई में भोपाल के इंद्रमल जैन की पोती और डॉक्टर आईएम जैन की बेटी रिद्धि जैन से हो चुकी है। राजनीति से दूर रहने वाले कुणाल विदिशा में मेसर्स सुंदर फूड्स एंड डेयरी का कामकाज देखते हैं।
पार्षद पति की धमकी,एसआई का जवाब..............
सिंगरोली जिले के बैढ़न थाना में टीआई से एसआई विनोद मिश्रा की शिकायत करने पहुंचे महिला पार्षद के पति अर्जुन गुप्ता ने दबंगई दिखाते हुए एसआई को धमकाया कि तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा। एसआई ने जवाब में कुछ कहने की अपेक्षा पहनी हुई वर्दी उतारी,फाड़ी और पार्षद पति के सामने फेंक दी। पार्षद पति का गुस्सा ठंडा करने थाने में बैठे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसआई के इस जवाब से हक्के-बक्के रह गए। एसपी ने तो एसआई पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई के साथ टीआई को भी लाईन अटैच कर दिया। अब प्रदेश भाजपा संगठन को चुनौती मिल गई है कि हिम्मत है तो पार्षद पति को भी सबक सिखाइये।
दावेदारों के सीने में उठा दर्द..................
सरकार का ताजा फैसला है कि अब पीएस की जगह निगम-मंडल के अध्यक्ष मंत्री होंगे। इस निर्णय से उन सैंकड़ों पार्टी नेताओं के सीने में रह रह-रह कर दर्द उठ रहा है। वो उम्मीद लगाए बैठे थे कि विधानसभा, लोकसभा चुनाव में पार्टी के निर्देशों के लिये जान झोंक देने के बदले में मंत्री-सांसद की सिफारिश पर सरकार किसी निगम मंडल में तो उन्हें एडजस्ट कर ही देगी। अब जब मंत्री ही अध्यक्ष हो जाएंगे,तो इन सैंकड़ों दावेदारों में से कितने उपाध्यक्ष या सदस्य बन पाएंगे....? यह देखना बाकी है कि इंदौर विकास प्राधिकरण में विभागीय मंत्री विजयवर्गीय किस का हाथ पकड़ कर कुर्सी पर बैठाएंगे....?
हारी हुई बाजी जीत गये मित्र..................
कर्बला मैदान वाली 7 एकड़ जमीन का फैसला नगर निगम के पक्ष में आना एक तरह से पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता महापौर पुष्यमित्र भार्गव के लिये तो उपलब्धि ही है। मालिनी गौड़ जब महापौर थीं,तब से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। 2018-19 में नगर निगम सिविल कोर्ट में केस हार गई थी,तब से फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी। महापौर भार्गव ने हारे हुए केस की फाइलें पढ़ने के लिये निकलवाईं और उन्होंने सबसे पहले कर्बला मैदान प्रकरण में अपील का निर्णय लिया। जिला न्यायालय से जो नतीजा आया,उससे हारी हुई बाजी तो जीत ही ली। वक्फ जमीनों को लेकर देश में शुरु हुए विवाद में कर्बला मैदान जमीन का फैसला देश में चर्चित होने के साथ ही हिंदू संगठनों में स्वत महापौर के नंबर भी बढ़ गए। एक पक्ष में जीत की खुशी है तो दूसरा पक्ष चिंतित भी है कि अगले मुहर्रम पर ताजिये ठंडे कहां करेंगे,मेला लगा पाएगा या नहीं....?
* रद्दी* खेल में कौन बना करोड़पति....
नगर निगम में वर्षों से एकत्र होने वाली रद्दी का खेल कौन खेल रहा है....? इस की खोजबीन शुरु हो गई है। इस रद्दी खेल में कौन बना करोड़पति....? उस विजेता का भी पता लगाया जा रहा है। दरअसल, निगम की उज्जवल छवि के लिये रात दिन एक करने वाले विभाग में हर रोज किलो से शहर के अखबार एकत्र होते हैं। ये पत्र-पत्रिका अगले दिन रद्दी हो जाते हैं। हर महीने रद्दी का ढेर तो होता है,लेकिन इस अटाले का पहाड़ नहीं बन पाए इसका भी ध्यान रखा जाता हैं। किंतु अब खोजबीन शुरु हो गई है कि इस* रद्दी* खेल का मास्टर माइंड कौन है....?
पहले अंगुली पकड़ी फिर हाथ..................
प्रदेश के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में इंदौर का एसएसएच दान में मिली 14 करोड़ की सिटी स्कैन मशीन के कारण नंबर वन हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ संजय द्विवेदी और इस दान के लिये सतत फॉलोअप करने वाले एसएसएच के अधीक्षक डॉ सुमित शुक्ला की तारीफ कर गये हैं। इसी समारोह में दानदाता से यह मांग भी कर दी गई कि एमवायएच को भी एमआरआई मशीन का दान कर दीजिये। दानदाता ने हां,कहने की यदि उदारता नहीं दिखाई तो शायद यह भी कारण रहा होगा कि एमवायएच का इतिहास दान में मिले सामान की कद्र करने वाला नहीं रहा है।
तारीफ से सीना फूल जाए, पेट नहीं भरता......
पेरालंपिक में प्रदेश के दो खिलाड़ी जबलपुर की रुबिका फ्रांसिस-एयर पिस्टल और सीहोर के कपिल परमार-जूडो में ब्रांज मैडल जीत कर लौटे। प्रधानमंत्री से लेकर सीएम तक ने तारीफ के पुल तो बांध दिए,लेकिन राज्य सरकार ने एक-एक करोड़ प्रोत्साहन राशि और सरकारी नौकरी देने की उदारता अब तक नहीं दिखाई है। सरकार की नजर में भेदभाव देख रहे,खिलाड़ियों को समझ नहीं आ रहा है कि इटारसी के हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर को एक करोड़ की राशि देने जैसी तत्परता सरकार ने क्यों नहीं दिखाई...?
मुंह में जमा दही.............
बांग्लादेश में भले ही हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार से बाकी दिनों में खून खौलता रहे,लेकिन ग्वालियर के शंकरपुर गांव के पास नवनिर्मित स्व माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में 6 अक्टूबर को भारत-बांग्लादेश के बीच टी-20 मुकाबले को लेकर अभी कहीं विरोध की आंधी नहीं है। विरोध करने वाले भी जानते हैं कि आईसीसी चेयरमैन जय शाह,केंद्रीय मंत्री सिंधिया से लेकर केंद्र सरकार ने यह मैच तय किया है तो इस खेल भावना का पहले सम्मान जरूरी है। अपनी भावना तो बाद में भी व्यक्त की जा सकती है।
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