धार~गुरुपूर्णिमा- संतों का गुरुभक्तों ने लिया आशीर्वाद, मंदिरों में हुए विशेष पूजन~~
नित्यानंद आश्रम में सुबह हुआ रूद्राभिषेक, शाम को निकली पालकी यात्रा ~~
धार~( डॉ. अशोक शास्त्री )
धार। भगवान से पहला दर्जा गुरु का माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के पास जाने व अपनी आत्मा का कल्याण करने का रास्ता बताते है। जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन शुरु नहीं। प्रत्येक महापुरुष आज इसलिए पूजा रहे हैं कि उन्हें उनके गुरु का मार्गदर्शन मिला। उक्त विचार गुरुपूर्णिमा के अवसर पर अनेक संतों ने मंदिरों व आश्रमों में व्यक्त किए। भक्तजनों ने इस अवसर पर गुरुओं का पूजन किया और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। अनेक स्थानों पर आरती के साथ भंडारे के आयोजन भी किए गए। नगर सहित अंचल में गुरू और शिष्यों का आत्मीय संबंधों का पर्व गुरू पूर्णिमा पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। धार व धार जिले में अनेक मंदिरों में गुरुपूर्णिमा उत्सव के दौरान सैकड़ों की संख्या में गुरुभक्त गुरुपूजन करने पहुंचे। धार के नित्यानंद आश्रम, धामनोद के राजराजेश्वरी धाम, मनावर के समीप बालीपुर धाम पर गुरुभक्ति के आयोजन हुए।
प्रात: से ही दिख रही थी चहल-पहल
गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाने का उत्साह गुरुभक्तों में दो दिन पूर्व से ही दिखाई दे रहा था। इसके लिए उन्होंने मंदिरों, गुरुद्वारों व आश्रमों में इसकी तैयारियां शुरु कर दी थी। बुधवार को प्रात: 4 बजे से ही गुरुपूर्णिमा उत्सव को लेकर मंदिरों व आश्रमों में चहल-पहल दिखना प्रारंभ हो गई थी। शहर के नित्यानंद आश्रम में हजारों श्रद्धालु अपने गुरुदेव के चरणों में नतमस्तक हुए। आश्रम में इंदौर, रतलाम, उज्जैन, झाबुआ, बड़वानी व विशेषकर गुजरात व राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे व गुरुपूर्णिमा उत्सव में भाग लिया। परंपरानुसार आश्रम परिसर में पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रद्धालु भजन-कीर्तन करने के साथ थिरकते भी रहे।
नालछा के सर्वेश्वरदासजी महाराज की तपोस्थली रामपालकी धाम में श्रद्धालुओं द्वारा गुरुमहोत्सव मनाया गया। बाबा सर्वेश्वरदासजी महाराज का स्वर्गवास हो जाने के कारण श्रद्धालुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने गुरु को नमन किया। इसके साथ ही तिरला स्थित गणेश मंदिर, धामनोद के राजराजेश्वरी धाम, धार स्थित सत्यसार्इं मंदिर में जहां गुरु उत्सव मनाया गया वहीं नालछा दरवाजा स्थित श्री सार्इं सेवा समिति द्वारा पालकी यात्रा भी निकाली गई। यहां संस्था द्वारा गुरुपूर्णिमा पर्व पर कई धार्मिक आयोजन किए गए।
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