धार~जिले में 1 महीने बाद भी 7 हजार लाड़ली बहनों को नहीं मिल पाई पहली किश्त~~

लाभ से वंचित को राशि का इंतजार, 5 दिन बाद साढ़े 7 लाख महिलाओं के खातों में पहुंचेगी दूसरी मर्तबा 1-1 हजार की राशि  ~~

खाते डीबीटी नहीं, डेड एकाउंट होने से अधिकारी भी परेशान, पलायन कर चुके कई आवेदक~~

धार~( डॉ. अशोक शास्त्री )




धार। लाड़ली बहना योजना के तहत 1 हजार रुपए महीन की दूसरी किश्त 5 दिन बाद जिले की साढ़े 3 लाख करीब महिलाआें के खातों में पहुंचने वाली है। जहां दूसरी किश्त का इंतजार हो रहा है। वहीं आवेदन करने वाली 7 हजार के लगभग महिलाओं का पहली किश्त ही नहीं मिल पाई है। ऐसी महिलाओं के खातों में पैसे ट्रांसर्फर करवाने में अधिकारियों को भी पसीने आ रहे है। दरअसल अभी भी बड़ी संख्या में महिलाओं के खाते डीबीटी नहीं है। वहीं कई महिलाओं के खाते जनधन जैसी योजनाओं में शून्य राशि से खुले थे। उसके बाद उसमें 1 रुपया भी जमा ना होने से डेड एकाउंट हो गए है। अधिकारी आवेदकों को फोन कर-करके बुला रहे है। उनके खाते पोस्ट आॅफिस में खुलवाए जा रहे है। पहली किश्त ना मिलने वाली महिलाओं का आंकड़ा करीब 9 हजार था। 1 महीने में 2 हजार महिलाओं के खातों की दिक्कतों को दूर करके पैसा डाला गया है।
पलायन कर गए कई आवेदक
लाड़ली बहना योजना में करीब 7 हजार राशि से वंचित महिला हितग्राहियों में अधिकांश महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र से है। यहां पर आवेदकों का पलायन करना भी अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या बन गया है। ऐसे लोगों के आवेदन दस्तावेजों की पूर्ति ना हाने से पेंडिंग होना बताया जा रहा है। इधर आवेदिकाओं को फोन करने के दौरान यह बात भी सामने आई है कि कई महिलाओं का खाता आधार लिंकेज दर्शा रहा है, लेकिन महिलाओं को मालूम ही नहीं कि उनका कोई बैंक खाता है। इन महिलाओं के खाते कैसे खुले, उन्हें जानकारी ही नहीं है।
दूसरी किश्त से होगी नई शुुरूआत
प्रदेश सरकार द्वारा शुरु की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने कमजोर आय वर्ग वाली महिलाओं को आर्थिक संबल दिया है। शहरी क्षेत्रों में भी महिलाओं के लिए यह मासिक राशि एक बड़ी सौगात बन गई है। पहली किश्त ट्रांसर्फर होने के बाद महिलाओं का पूरी राशि हाथ में नहीं मिल पाई। बैंक ने खाता मैंटनेंस और लो बैलेंस के नाम पर अपनी वसूली पूरी कर ली है। इसके कारण कई महिलाएं योजना की शुभारंभ किश्त 1 हजार का लाभ नहीं ले पाई। दूसरी किश्त मिलने पर अभी महिलाएं इसका उपयोग कर सकेगी। हालांकि कई महिलाओं ने प्रथम किश्त मिलने के बाद अपने रोटी-रोजगार को गति दी है। कुछ ने बचत का रास्ता अपना लिया है। अनेकों महिलाओं ने अपने परिवार की जरूरतों में अपने हक की राशि खर्च की है।
2.0 की चर्चा, आदेश नहीं
लाड़ली बहना योजना 2.0 में 23 वर्ष की युवतियों को भी शामिल करके लाभ देने की चर्चा हुई थी। इसके बाद से बड़े पैमाने पर युवतियां योजना का दूसरा चरण 2.0 प्रारंभ होने की उम्मीदें लगाकर बैठी है। इधर अधिकारियों के पास दूसरे चरण को लेकर कोई आदेश नहीं आया है। जिले के अधिकारी लाभ से वंचित प्रथम चरण की 7 हजार आवेदिका बहनों को लाभ देकर शत प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने में जुटे हुए है। हालांकि टारगेट से अधिक आवेदन आने से 100 प्रतिशत पूरा हो गया है।
Share To:

Post A Comment: