धार~किसी ने काम में लगाए पैसे तो किसी ने घर की जिम्मेदारियों में बंटाया हाथ~~

खुद की बचत के लिए जद्दोजहद करने वाली महिलाओं के लिए 1 हजार दिल को सुकून देने वाली मदद~~

लाड़ली बहना योजना को महिलाआें ने सराहा, 3 हजार मिलने की संभावनाओं पर भी आंखों में चमक
बैंकों के हाथों योजना की बटेर लगी, महिलाओं के खातों में आए पैसे पुरानी वसूली कर ली~~

धार~( डॉ. अशोक शास्त्री )




धार। विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई लाड़ली बहना योजना से करीब 3 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में 1-1 हजार की राशि जमा होने के बाद इनके चेहरे पर एक सुकून देखा जा रहा है। घर की जिम्मेदारियों के बीच खुद की बचत को लेकर पाई-पाई जोड़ने वाली महिलाओं के लिए प्रतिमाह मिलने वाली 1 हजार रुपए की रकम ने एक नया जोश भर दिया है। यह खुशियां ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से लेकर शहरी क्षेत्र की महिलाओं में महसूस की जा रही है। हालांकि योजना के तहत पहली मासिक राशि मिलने के बाद उसके उपयोग को लेकर अलग-अलग तरह की बातें सामने आई है। राशि के उपयोग ने कहीं-कहीं महिलाओं के आगे बढ़ने के जज्बे को दिखाया है। वहीं कई महिलाओं ने 1 हजार की राशि परिवार की जिम्मेदारी में हाथ बंटाने के तौर खर्च किए है। योजना से लाभान्वित कुछ महिलाओं से बात की गई तो महिलाआें ने यह राशि अपने ऊपर ना खर्च करते हुए अपने बच्चों की ट्यूशन और पढ़ाई पर खर्च करने की बात बताई। कुछ कामकाजी महिलाओं ने 1 हजार का निवेश अपने छोटे व्यापार को और गति देने में खर्च किया है।

बचत भी हुई, पहली मर्तबा खाता खोला~~

कबीर मार्ग बड़ा गवलीवाड़ा निवासी 40 वर्षीय गृहिणी मुक्ताबाई के पोस्ट आॅफिस के खाते में सीएम लाड़ली बहना योजना की राशि आई है। 1 हजार की राशि मिलने की खुशी के साथ उन्हें यह खुशी है कि पहली मर्तबा उनका बचत खाता खुला है। सामान्य वर्ग की महिला को 5 वर्ष पूर्व तक किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिला था। दो जुड़वा बेटियां होने के बाद आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ताओं ने लाड़ली लक्ष्मी योजना में सर्टिफिकट बना दिया था। इसके बाद दूसरी मर्तबा लाड़ली बहना योजना में सरकारी योजना के लाभ के दायरे में आई है। खाते में राशि आने के बाद उसके उपयोग को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका बीमें में निवेश करूंगी।

बच्चों को कॉपी किताब दिलाई~~

जून माह में योजना के तहत पहली मर्तबा 1 हजार की राशि मिलने के बाद दौलत नगर धार निवासी श्रीमती शारदा राहुल वास्केल ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि हर महीने का यह आर्थिक संबल स्वयं की एवं परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मेरी भूमिका बढ़ाएगी। जून में बच्चों के स्कूल खूल रहे है। कॉपी-किताबों की दरें काफी ज्यादा है। अभी तक पति इनका खर्चो को उठाते थे। इस मर्तबा मैंने सीएम से मिली इस राशि से बच्चों के लिए किताबें खरीदी है। पहला खर्च परिवार के लिए किया है। हर महीने की राशि में अपने लिए जरूरतों पर खर्च करूंगी।

अपने व्यापार में लगाया पैसा~~

जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 30 की निवासी नीतू बोरदिया के बैंक खातें में लाड़ली बहना योजना की राशि पहुंची है। महिला गृहिणी होने के साथ घर से ही किराना दुकान संचालित करने का छोटा काम-काज करती है। उन्होंने सरकार द्वारा इस राशि को अपने व्यापार विस्तार में खर्च किया। 1 हजार रुपए में किराना दुकान से विक्रय करने के लिए सामान खरीदा। उन्होंने बताया कि हर महीने इसी तरह राशि का उपयोग करूंगी। नीतू की तरह कई कामकाजी महिलाओं को योजना का लाभ मिला है। यह सभी महिलाएं एक नई ऊर्जा से परिपूर्ण है। कई महिलाओं को 1 हजार करीब 1 सप्ताह काम करने के बाद बमुश्किल मिलते है। इधर छोटा आश्रम धार में रहने वाली पूजा भी लाड़ली बहना योजना में 1 हजार रुपए मिलने के बाद खुश है। वह सिलाई का काम जानती है। 1 हजार रुपए से कपड़े खरीदकर लाई है, इन्हें सिलकर विक्रय करेगी और हजार को 1500 करेगी। हर महीने इस तरह अपना काम बढ़ाएगी।  

खाते में पैसा आया हाथ में नहीं~~

लाड़ली बहना योजना की राशि से सिर्फ महिलाएं ही लाभान्वित नहीं हुई है, बैंकों को भी फायदा हुआ है। दरअसल बैंकों में कई महिलाओं के खाते 0 बैलेंस से लंबे समय से मैटनेंस किए जा रहे थे। कुछ महिलाआें का पुराना कुछ बकाया था। ऐसी महिलाओं के बैंक खातों में सीएम की मदद तो पहुंची है, लेकिन हाथ में नहीं आ पाई है। गवलीवाड़ा निवासी श्रीमती पूनम चौहान का शिवालिंक बैंक में खाता है। वह पैसा नहीं निकाल पा रही है। एटीएम से चेक करने पर बैंलेंस में 1200 जमा दिखते है, लेकिन एटीएम से पैसा नहीं निकलता है। बैंक ने खाता फ्रिज कर दिया है। इसी तरह गाछावाड़ी निवासी कविता पटेल का खाता 0 बैलेंस से मेंटनेंस होने पर 500 रुपए निकालने दिए।
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