झाबुआ~गरीबो के लिए उज्वला योजना बनी जल-जला योजना-दो साल में रसोई गैस की कीमत 477 रुपए बढ़ी,गरीब अब लकड़ी के चूल्हे जला रहे.............

शहर में उज्ज्वला योजना के 17 हजार से ज्यादा उपभोक्ता,सब्सिडी 6 रुपए- 14 हजार से अधिक नहीं भरा रहे सिलेंडर...................

झाबुआ। संजय जैन~~


जिला मुख्यालय पर अब तक 17 हजार से ज्यादा गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हे सहित सिलेंडर वितरित किए गए हैं। लेकिन इनमें से 20 प्रतिशत के लोग ही सिलेंडर की रिफिलिंग करा रहे हैं, बाकी उपभोक्ता चूल्हे व अन्य साधनों से अपना काम चला रहे हैं। क्योंकि दो साल में रसोई गैस के 14 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत डबल हो गई है। इसके साथ ही सब्सिडी भी घटकर नाम मात्र की रह गई है।

उज्जवला योजना में क्या क्या मिलता है.........?
यह योजना पात्र बीपीएल परिवारों को प्रत्येक एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस योजना के तहत कनेक्शनों को परिवार के महिला मुखिया के नाम पर जारी किया जायेगा। सरकार ईएमआई की सुविधा भी प्रदान करेगी। पीएम उज्ज्वला योजना में आवेदन के लिए बीपीएल कार्ड धारक परिवार की महिलाएं जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक है यह आवेदन के पात्र होंगी।

उज्जवला योजना का उद्देश्य................
केंद्र सरकार द्वारा पीएम उज्ज्वला योजना को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य देश के ऐसे परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है जिसके कारण वह गैस कनेक्शन नहीं ले पाते ऐसे सभी परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन की सुविधा प्रदान करना है। इससे वह महिलाएं जिन्हे चूल्हे में लकड़ी या उपले के जरिए खाना बनाना पड़ता है और उसके हानिकारक धुएँ से उन्हें बहुत सी स्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बना रहता है, इसके साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। ऐसे में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए साकार उन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर और गैस की सुविधा प्रदान करती है, जिससे महिलाएं बिना किसी समस्या के गैस में खाना पका सकेंगी और बीमारियों के खतरे से सुरक्षित हो सके।

परिवारों ने सिलेंडर रिफिल कराना बंद कर दिए ...................
शहर मे उपभोक्ता थोक भंडार नाम से एकमात्र गैस एजेंसी है। इस एजेंसी के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा दो बार योजना चलाकर शहर के 17 हजार से ज्यादा गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के कनेक्शन देते हुए गैस चूल्हे और सिलेंडर वितरित किए। जिसमें से 14 हजार से अधिक परिवारों ने अब सिलेंडर रिफिल कराना बंद कर दिए हैं। क्योंकि रसोई गैस की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। साथ ही केंद्र सरकार ने सब्सिडी घटाकर नाम मात्र के लिए 6 रुपए दी है। जिससे इन गरीब परिवारों के सामने सिलेंडर रिफिल कराने में दिक्कत खड़ी हो गई है।

केंद्र सरकार ने सब्सिडी घटाई और दाम बढ़ाए..............
जिस प्रकार शहर में उज्ज्वला योजना के हितग्राही बढ़े,उसी प्रकार केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर की कीमतें भी बढ़ाई। साथ ही सब्सिडी भी घटाकर नाम मात्र कर दी। जनवरी 2021 में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत मात्र 650 रुपए थी, जिसमें 190 रुपए की सब्सिडी उपभोक्ताओं को दी जाती थी। इसलिए उपभोक्ता को अपनी जेब से 461 रुपए देने पड़ते थे। लेकिन अब सिलेंडर रिफिलिंग का मूल्य 1127 रुपए पर पहुंच गया है, साथ ही सब्सिडी के नाम पर मात्र 6 रुपए के उसके खाते में आ रहे हैं। इसलिए आज उज्ज्वला और सामान्य उपभोक्ता को अपनी जेब से एक सिलेंडर के लिए 1121 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
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गरीबो के लिए उज्वला योजना बनी जल-जला योजना ......................
इस बारे में उज्वला उपभोक्ताओं से हमने चर्चा की तो अधिकतर लोगों का कहना था कि प्रारंभ में तो यह योजना अच्छी और लाभकारी थी। लेकिन जैसे-जैसे उपभोक्ता बढ़ते गये,वैसे-वैसे सरकार गैस के दाम बढ़ाती चली गयी। इस कारण हमारे सामने सिलेंडर रिफिल कराने की दिक्कत खड़ी हो गयी हैं। अब हम दोबारा लकड़ी के चुल्हे का उपयोग करने के लिए मजबूर हो गए है। कुछ उपभोक्ताओं ने रोषपूर्वक कहा कि यह उज्वला योजना किसका भविष्य उज्जवल कर रही हैं,यह अब हम समझ गए है। हमारे लिए तो यह जल-जला योजना बन चुकी है। सरकार को इस पर चिंतन करना चाहिए।
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कम रिफिलिंग करा रहे लोगों को करेंगे जागरूक..............
उज्ज्वला योजना के उपभोक्ता सिलेंडर की रिफिलिंग कम करा रहे हैं, इस बात की मुझे जानकारी नहीं है। आपने अवगत कराया है तो एजेंसी संचालक के माध्यम से उन्हें जागरूक किया जाएगा।
..................................संजय पाटिल-प्रभारी खाद्य अधिकारी-झाबुआ


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