झाबुआ~३०० लीगो द्वारा शैयर की १९ हजारों लोगो द्वारा अभी तक सुनी गई डॉ रामशंकर चंचल की अद्भुत कविता को, प्रतिदिन सेकडों द्वारा सुनी जाती हैं,बनी जन जन की अद्भुत अविरल कविता~~


झाबुआ । प्रख्यात साहित्यकार  डॉ रामशंकर चंचल की कविता 
*अकेला होना*बनी जन जन की अद्भुत अविरल कवित, जिसे पूरे विश्व में प्रतिदिन सेकडों द्वारा सुनी जा रही हैं।
अभी तक इस कविता को ३०० शेयर हो चुकी हैं वही १९ हजारों द्वारा सुनी जा चुकी है।जिसे उनके लाखों चाहने वालों द्वारा अपनी संस्था,शाला आदि में भीप्रतिदिन सेकडों युवा वर्ग,किशोर और सभी को सुनाते है। कविता बेहद सकारात्मक ऊर्जा देती है।अद्भुत अविरल कविता है जो पाठकों के दिल और दिमाग को बेहद  प्रभावित करती भी हैं।जिसे वह तो बार बार सुनाना चाहता ही है और को भी सुनाने में सुख और सुकूंन महसूस करता है। पाठकों द्वारा कविता की बेहद सराहना प्रतिदिन हो रही है ।
डॉ  रामशंकर चंचल का कहना है ये मेरी जिंदगी का सच है। में जैसा हुँ वो ही लिखा है। मेरी ईश्वर में आस्था की यह एक दिल से भावना और स्वर है ।
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