धार~उपलब्धि- पुलिस सायबर सेल की मदद से 132 गुमशुदा बच्चें तलाशे ~~

साढ़े 6 लाख के 40 गुम मोबाईल ढूंढकर मालिकों को सौंपे, सायबर फ्रॉड में ठगाए लोगों की पौने 3 लाख की राशि भी दिलवाई~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

धार जिले के अलग-अलग इलाकों से गुमशुदा हुए करीब 132 बच्चे   पुलिस के सायबर सेल की मदद से तलाशे गए है। इन बच्चों में बड़ी संख्या में बालिकाएं भी शामिल है। सेल की तकनीकी टीम ने इनकी लोकेशन जुटाकर अधिकारियों को दी। जिसके बाद अलग-अलग जिलों और राज्यों से पुलिस ने इन्हें दस्तयाब कर परिजनों तक पहुंचाया है। बच्चों के परिजनों के बीच पहुंचने पर सभी के चेहरे पर ‘मुस्कान’ आ गई है। गौरतलब है कि जिले में लगातार गुमशुदगी के मामले होते रहते हैं। आॅपरेशन मुस्कान के माध्यम से धार पुलिस कई सालों से सैकड़ों की संख्या में बच्चों को दस्तयाब कर घर तक पहुंचा रही है। वर्ष 2022 में करीब 477 बच्चें गुम हुए है जिनमें 132 बच्चे सायबर सेल की तकनीकी टीम ने खोजे है। 
आॅनलाईन ठगाए लोगों को राशि दिलवाई 
जिले में सायबर फ्रॉड के मामलों में पुलिस द्वारा वॉटसअप नंबर शिकायतें दर्ज कराने के लिए सार्वजनिक किया गया है। इस पर ठगाए लोगों की शिकायतें भी मिलने लगी है। सायबर सेल की टीम की मदद से पेटीएम, फोन-पे, लोन, ओएलएक्स फ्रॉड सहित अलग-अलग तरीके से ठगाए 6 पीड़ितों की करीब 2 लाख 62 हजार 818 रुपए की राशि वापस खाते में जमा करवाई गई है। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रतापसिंह ने बताया कि फ्रॉड होने की घटना के तुरंत बाद ही यदि सूचना पुलिस को कर दी जाए तो काफी हद तक राशि का जोखिम खत्म हो जाता है। अधिक देर करने पर दिक्कतें बढ़ती है। 
सायबर सेल का महत्व बढ़ा 
डिजीटल व्यवस्था आधारित जीवन शैली में मोबाईल की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। पैसों का ई व्यवहार हो या फिर परस्पर संवाद। मोबाईल के माध्यम से सरल तरीके से हो रहा है। मोबाईल के इन फायदों के मध्य सायबर फ्रॉड जैसी घटनाएं भी तेजी से बढ़ने लगी है। इस तरह के अपराधों के नियंत्रण में पुलिस का सायबर सेल महत्वपूर्ण भूमिका के साथ ई अपराध को रोकने में मददगार साबित हो रहा है। यही नहीं अन्य अपराधों में सायबर सेल की मदद से कई बड़ी वारदातें पकड़ी गई है। 
बॉक्स-1 
एसपी ने दिए 40 लोगों को साढ़े 6 लाख कीमत के स्मार्ट फोन 
सोमवार को धार पुलिस की सायबर टीम के प्रयासों स 40 लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। यह वह लोग है जिनके महंगे स्मार्ट फोन गुम हो चुके थे। पुलिस में आवेदन देने के पश्चात यह लोग मोबाईल मिलने की उम्मीदें  खो चुके थे। आवेदनों में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की सायबर टीम लगातार सीडीआर और लोकेशन के आधार पर टेलीकाम कंपनियों की मदद से जानकारियां जुटाकर मोबाईल तलाशने में लगी हुई थी। सेल ने करीब 40 स्मार्ट फोन तलाशे। सोमवार को एसपी आदित्य प्रतापसिंह ने अपने हाथों से इनके मालिकों को फोन बांटे। इस दौरान मोबाईल मिलने से उत्साहित नन्हीं बच्ची ने एसपी को मिठाई खिलाकर धन्यवाद दिया। पत्र परिषद् में एसपी ने सायबर सेल की उपलब्धि की जानकारी साझा की। श्री सिंह ने बताया कि तलाशे गए मोबाईल की कीमत साढ़े 6 लाख रुपए है। इनके गुम होने संबंधी शिकायतें, आवेदनों पर एएसपी देवेन्द्र पाटीदार के मार्गदर्शन में सायबर क्राईम पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी उपपुलिस अधीक्षक सुश्री नीलेश्वरी डावर के साथ सायबर क्राईम ब्रांच धार प्रभारी त्रिलोकसिंह बैस को लगाया गया था। जिन्होंने इनकी जानकारी जुटाकर मोबाईल तलाशने में सफलता हासिल की है। सायबर सेल के आरक्षक सर्वेश सिंह चौहान, आरक्षक प्रशांतसिंह चौहान, आरक्षक शुभम शर्मा, आदर्शसिंह रघुवंशी, विवेक पांचाल ने जनवरी 2022 से   अब तक करीब 10 माह में गुम हुए मोबाईल ट्रेक कर तलाशे है। कई मोबाईल अलग-अलग राज्यों से मिले है। सभी आवेदनकर्ताओं ने मोबाईल गिरना बताया था इसलिए इस मामले में मोबाईल प्राप्त कर लौटाए गए हैं। 
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