झाबुआ~ अब आधार में दर्ज होगी किसानों की कुंडली~~

फर्जी ऋण लेने पर रोक लगाने हो रहा लैंड  डिजिटलाइजेशन किसानों को भी मिलेगी इससे सुविधा~~


झाबुआसंजय जैन~~

खेती किसानी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार लैंड डिजिटलाइजेशन करवा रही है। इसके साथ ही अब आधार में किसानों की कुंडली तैयार की जाएगी। आधार कार्ड का नंबर डालते पता चल जाएगा कि किसान ने अपनी जमीन पर किस योजना में कब ऋण लिया है। इससे एक तो एक ही जमीन पर अलग-अलग योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर ऋण नहीं लिया जा सकेगा। दूसरा किसानों को भी लाभ खेती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राज्य सरकार के इस प्रयोग के तहत अब फसल बीमा और खसरे में किसान का आधार नंबर दर्ज किया जाएगा।





 
गड़बड़ी पर भी रोक लग सकेगी......
आधार नंबर के जरिए तुरंत ऑनलाइन रिकार्ड पता चल जाएगा कि किस जमीन पर कितना मुआवजा दिया गया है और कितना कर्ज लिया गया
है। इससे मुआवजे व कर्ज की डुप्लीकेसी रुकेगी। एक ही खेत पर अलग-अलग योजनाओं का नाम लेने की गड़बड़ी पर भी रोक लग सकेगी। जिले में 1 लाख से ज्यादा किसानों की कुंडली हो रही तैयार हो रही है। वहीं राजस्व विभाग और कृषि विभाग मिलकर काम करेंगे।  






सारा डाटा डिजिटल माध्यम से रिकॉर्ड में दर्ज किया जा रहा  ...  
राजस्व विभाग ने अभी लैंड डिजिटलाइजेशन का 100 प्रतिशत काम कर दिया है। अब इसे अपग्रेड मोड में लाया जा रहा है। यानी तक
नीकी तौर पर अपग्रेड कर सरकारी सिस्टम में सर्विस डिलीवरी सुधारने काम होगा। इसी के तहत आधार नंबर लिंकअप पर विचार हुआ है। वहीं कि
सानों के कर्ज के मामले में जब पिछली सरकार के समय डाटा-स्क्रूटनी हुई थी, तो कई केस ऐसे सामने आए थे,जिनमें खेती की एक ही जमीन पर
दो बार मुआवजे या कर्ज ले लिए गए। एक जमीन पर एक ही बार कर्ज लिया जा सकता है। वजह ये कि कर्ज न चुकाने की स्थिति में जमीन जब्त
होती है,लेकिन यदि दो जगह से कर्ज है तो किसका हक जब्ती पर रहेगा। इसी तरह मुआवजा डबल लेने के केस भी सामने आए। किसानों की जमीन
का डिजिटलाइजेशन होने के बाद सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। जबकि अभी योजनाओं में कई बार किसानों की गड़बड़ी
सामने आ चुकी है। अब किसानों का सारा डाटा डिजिटल माध्यम से रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है।






किस खसरे का मालिक कौन....? ऑनलाइन मिलेगी जानकारी .....
सॉफ्टवेयर में चेकिंग का सिस्टम भी डाला अभी ऑनलाइन रिकॉर्ड होने पर भी जमीन के मालिक का नाम पता नहीं चलता है। आधार नंबर दर्ज होने
से मालिक का नाम भी पता चलेगा। आधार नंबर चेक करके ही कर्ज व मुआवजा दिया जाएगा। यदि किसी एक आधार पर दो बार मुआवजा या क🙅
र्ज दिया गया,तो ऑनलाइन ही पता चल जाएगा। सॉफ्टवेयर में इसके लिए ऑटो चेकिंग का सिस्टम भी डाला जाएगा। अभी इस पर काम चल रहा
है।






100 प्रतिशत काम कर दिया





राजस्व विभाग ने अभी लैंड डिजिटलाइजेशन का  100 प्रतिशत काम कर दिया है। अब इसे अपग्रेड मोड में लाया जा रहा है।
............मुकुल त्यागी-जिला आपूर्ति अधिकारी




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