बैतूल~शिवपुराण में कार्तिकेय एवं गणेश जन्म बतलाया गया ~~

सचिन शुक्ला बैतूल~~

शाहपुर -  ग्राम भयावाडी के खेडा पति मन्दिर प्रांगण में चल रही शिव महापुराण के छठवें दिन में कथा वाचक पंडित अखलेश परसाई शाहपुर वाले ने शिव पुत्र कार्तिकेय और गणेश के जन्म का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि गणेश का जन्म मां पार्वती के मैल से नहीं (उबटन) से हुआ था।
कथा व्यास परसाई जी ने बताया कि जब गंगा ने भगवान शिव से उनके पहले पुत्र को जन्म देने का वरदान ले लिया। तब अग्नि ने कबूतर और भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। इन दोनों के प्रेममयी अंश को भगवान शिव ने मुंह से पकड़ कर गंगा में डाल दिया। इससे कार्तिकेय का जन्म हुआ। कथा में पंडित जी ने बताया कि मां पार्वती ने कार्तिकेय को द्वार पर बैठा कर कहा कि मेरे स्नान के समय किसी को अंदर मत आने देना। मगर उन्होंने शिव को पिता होने के कारण उन्हें अंदर जाने दिया इससे पार्वती नाराज हो गईं। उन्होंने अपने शरीर से मैल(उबटन) उतार कर विनायक की रचना की। यहां शनि की नजर पड़ने के कारण गणेश का मुख काला हो गया। उनके द्वारा शिव को रोकने पर शिव ने गणेश का सिर काट दिया। यह सिर चंद्रमा पार पहुंचकर उसमें विलीन हो गया। उधर महाऋषि पराशर के अभिशाप के कारण धरती पर विचरण कर रहे गजराज का सिर काटकर गणेश जी के धड़ पर लगा दिया गया। इस तरण गणेश को शनि के प्रकोप और गजराज को अभिशाप से भी मुक्ति मिल गई। अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।  शिव पुराण में प्रतिदिन कन्याभोज भंडारे का आयोजन किया जा रहा है ।


Share To:

Post A Comment: