बड़वानी~जो जितना अधिक लिखेगा, वो उतना अधिक सीखेगा~~


बड़वानी  / हम बहुत पढ़ते हैं, लेकिन याद नहीं रहता है। परीक्षा में उत्तर देते वक्त भी बहुत गलतियां हो जाती हैं। यही कारण है कि हमारे नंबर भी बहुत कम आते हैं। यदि कोई हमसे हमारी पढ़ाई के बारे में पूछता है तो हम कोई जवाब नहीं दे पाते हैं। ऐसा उपाय बताइये कि हम जो भी पढ़ें, वो हमें अच्छे से याद रहे। इस तरह की चिंताओं और प्रश्नों के साथ प्रायः विद्यार्थी  शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ में संपर्क करते रहते हैं। इनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए आज प्राचार्य डाॅ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें कॅरियर काउंसलर डाॅ. मधुसूदन चैबे ने विद्यार्थियों को बताया कि पढ़ने के साथ लिखना भी आवश्यक है। आप जिस किताब से अध्ययन कर रहे हैं, उसमें से महत्वपूर्ण बातों, उद्धरणों, तारीखों आदि को एक नोटबुक में लिखते जाएं। पढ़ते वक्त आप जितना अधिक लिखोगे, उतना अधिक सीखोगे। पढ़ते वक्त लिखने से एकाग्रचित्तता उत्पन्न होती है। पढ़ने के दौरान आप जो लिखते हैं, वो आपके लिए नोट्स का काम करते हैं। उन्हें आप बार बार दोहराते रहें। इससे  महत्वपूर्ण बातें सदा के लिए याद हो जाती हैं। लिखना और सीखना अनन्य रूप से आश्रित हैं। कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने कहा कि अच्छी और प्रामाणिक पुस्तकों को अध्ययन का आधार बनायें। इनमें विषय को वैज्ञानिक ढंग से प्रतिपादित किया जाता है, जिससे समझने और याद रखने में सुविधा होती है। आयोजन में सहयोग किरण वर्मा, दीपिका धनगर, भूमिका शर्मा ने दिया। इसमें विद्यार्थियों ने प्रश्न भी किये, जिनका समाधान किया गया।


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