खंडवा~ पुनासा तहसील में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल लगा रहे हैं प्राइवेट स्कूल ~~
पूरे ब्लॉक में नियम विपरीत हो रहा स्कूलों का संचालन जवाबदार बने मुख दर्शक ~~
रवि सलुजा खंडवा~~
धड़ल्ले से खुल रहे हैं प्राइवेट स्कूल…… पुनासा ब्लॉक में धड़ल्ले से प्राइवेट स्कूल संचालकों को अनुमति दी जा रही है और प्राइवेट स्कूल संचालक सरकारी नियमों के विपरीत स्कूलों के संचालन में मस्त हैं।
नियम क्या कहते हैं।
सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी स्कूल संचालक को स्कूल संचालित करने के लिए पहले बीआरसी से भौतिक सत्यापन कराना होगा उसके बाद रिपोर्ट जिला अधिकारी के पास जाएगी। लेकिन प्राइवेट स्कूल खोलने वाले ज्यादातर संचालक भौतिक सत्यापन तो करा लेते हैं परंतु सरकार के द्वारा घोषित नियमों के विपरीत ही ज्यादातर स्कूलों का संचालन हो रहा है नियम तो यह है कि स्कूल संचालक को कम से कम 1 एकड़ के दायरे में खेल मैदान और स्कूल का संचालन करना होगा साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण एवं खेल मैदान लाइब्रेरी और अन्य तेजल सहित कहीं और नियम है परंतु इन नियमों के विपरीत ही क्षेत्र में स्कूलों का संचालन हो रहा है।
ब्लॉक के हर गांव में प्राइवेट स्कूल…… पुनासा ब्लॉक के नर्मदा नगर बीड मुंदी खुटला मोहना ओमकारेशवर बांगरदा आदि में इन दिनों भारी तादाद में प्राइवेट स्कूल में चल रही हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर सरकार के नियमों के विरुद्ध ही संचालित हो रही है और स्कूल संचालकों के द्वारा परमिशन लेने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करते हुए मिलीभगत कर परमिशन प्राप्त कर ली जाती है लेकिन अगर अधिकारी मौके पर जाकर देखेंगे तो सारा माजरा साफ हो जाएगा।
खामोश बैठे हैं अधिकारी…… शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों की शिक्षा के लिए कितने भी प्रयास कर लिए जाएं परंतु जब तक अधिकारी सक्रिय नहीं होगा यह प्रयास अधूरे ही रहेंगे और प्राइवेट स्कूल के मामले में भी यही हो रहा है जहां प्राइवेट स्कूलों में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के हौसले दिनोंदिन बुलंद होते जा रहे हैं बांगरदा बीड मोहना खुटला की कुछ स्कूलों में सरकारी नियमों के विपरीत चल रहे स्कूलों में ना तो बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में भवन है और तीन के साइड में ही ज्यादातर स्कूलों का संचालन हो रहा है और ना ही खेल मैदान की समुचित व्यवस्था है लेकिन फीस के नाम पर यह स्कूल संचालक पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने से भी परहेज नहीं करते दो दो तीन तीन कमरों के भवन में स्कूल संचालित हो रहे हैं और अधिकारियों का खामोश बैठना कहीं ना कहीं यही दर्शाता है कि यहां सब कुछ सेटिंग और मिलीभगत से ही चल रहा है।
प्राइवेट स्कूलों पर मेहरबानी क्यों..?…… शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा प्राइवेट स्कूलों पर मेहरबानी क्यों सबसे बड़ा सवाल यही है क्या नियम विरुद्ध स्कूल में संचालित करने पर ऐसे स्कूल संचालकों के ऊपर कड़ी कार्रवाई नहीं होना चाहिए और समय-समय पर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाना चाहिए जिससे स्कूल संचालन कर रहे संचालकों पर दबाव बना रहे कि वह छात्र छात्राओं को नियम में आने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएं और उनके अधिकारों से उन्हें वंचित ना रखें लेकिन जब जिम्मेदार अधिकारी ही बेखबर रहेगा तो फिर अवैध स्कूल संचालकों पर कैसे कटेगी लगाम यह समझ से परे है।
बसों में ना तो जीपीएस ना लेडीस कंडक्टर….. जो भी प्राइवेट स्कूल क्षेत्र में संचालित हो रही है वह बच्चों को लाने ले जाने के लिए ज्यादातर जगह बस सुबह मिनी आटा का इस्तेमाल किया जा रहा है परंतु इनमें नियम के अनुसार ना तो लेडीस कंडक्टर है और ना ही जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन फिर भी स्कूल संचालक फीस और ध्यान दे रहे हैं ना ही शिक्षा विभाग जिम्मेदार कौन.?…
इनका कहना है
मुझे आपसे जानकारी मिली है और समय-समय पर हमारे अधिकारी निरीक्षण करने जाते हैं और आप बता रहे हैं तो मैं स्वयं जाकर प्राइवेट स्कूलों के मामले में देखता हूं।
श्री भुसारिया जी बीआरसीसी पुनासा
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खंडवा~ पुनासा तहसील में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल लगा रहे हैं प्राइवेट स्कूल ~~पूरे ब्लॉक में नियम विपरीत हो रहा स्कूलों का संचालन जवाबदार बने मुख दर्शक ~~ रवि सलुजा खंडवा~~
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