बड़वानी~अब यूपीएससी की तैयारी के लिए नई दिल्ली जाने की जरूरत नहीं~~
बड़वानी 30 / सर मैं यूपीएससी की इंडियन सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए तैयारी करना चाहता हूं। आइएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना मेरा स्वप्न है। मैंने सुना है कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए नईदिल्ली के मुखर्जी नगर जाना जरूरी है। वहीं इसकी अच्छी तैयारी करवाने वाली कोचिंग क्लासेस है। लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मैं नईदिल्ली की कोचिंग और वहां के रहने तथा भोजन आदि का व्यय वहन नहीं कर सकता हूं। मैं क्या करूं? आये दिन शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ में विद्यार्थी आकर इस तरह के विचार व्यक्त करते हैं। आज इस समस्या के समाधान के लिए एक परिचर्चा कॅरियर सेल में आयोजित की गई। यह आयोजन प्राचार्य डाॅ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्शन में किया गया।
नई दिल्ली जाना जरूरी नहीं है
इस परिचर्चा में पुस्तकालय विशेषज्ञ प्रीति गुलवानिया और कॅरियर काउंसलर डाॅ. मधुसूदन चैबे ने विद्यार्थियों को बताया कि आईएएस बनने के लिए जिस परीक्षा से गुजरना होता है, वह देश की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षा है। लेकिन यह मिथक है कि इसकी तैयारी नईदिल्ली जाये बिना नहीं हो सकती है। देश के विभिन्न शहरों में अच्छी तैयारी करवाने वाले संस्थान हैं। साथ ही सेल्फ स्टडी से भी परीक्षा की तैयारी की जा सकती है।
तकनीक का लें लाभ
डाॅ. चैबे ने कहा कि आज का युग संचार क्रांति का युग है। नईदिल्ली तथा अन्य शहरों से अनेक आॅनलाइन कोचिंग क्लासेस संचालित हो रही हैं। इन क्लासेस में एडमिशन लेकर आप घर बैठे नईदिल्ली की तरह ही तैयारी कर सकते हैं। ऐसी ही क्लासेस में एक आॅनलाइन क्लास है- ‘टाॅरगेट आईएएस विद आलोक सिंह’। इस क्लास द्वारा 4 अगस्त से एक वर्ष के लिए कोचिंग प्रारंभ की जा रही है। इसकी फीस मात्र सात हजार रुपये है। इसमें सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन तीन घंटे का प्रशिक्षण दिया जायेगा। एक वर्ष में प्रारंभिक परीक्षा की पूरी तैयारी करवाई जायेगी। साथ ही मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्रों, निबंध और अंग्रेजी के अनिवार्य प्रश्नपत्र की तैयारी भी करवाई जायेगी। उत्तर लिखवाने का अभ्यास भी होगा। विद्यार्थियों द्वारा लिखे गये उत्तरों की जांच करके आवश्यक सुझाव भी दिये जायेंगे। सप्ताहांत में छह दिन पढ़ाई गई पाठ्य सामग्री के पीडीएफ नोट्स भी उपलब्ध करवाये जायेंगे। इंस्टीट्यूट प्रत्येक लेक्चर को एक वर्ष में पांच बार सुनने की सुविधा भी देगी। इससे रिवीजन करना सरल हो जायेगा। यह सुविधा आॅफलाइन क्लासेस में नहीं मिलती है। इस इंस्टीट्यूट की जानकारी के लिए आप गुगल पर ‘टारगेट आईएएस विद आलोक सिंह’ लिखकर सर्च करेंगे तो आपको सम्पूर्ण कार्यक्रम और फेकल्टी आदि की जानकारी मिल जायेगी। इसी तरह की और भी आॅनलाइन कोचिंग क्लासेस चल रही हैं। इनकी जानकारी के लिए कॅरियर सेल में संपर्क किया जा सकता है। सावधानीपूर्वक क्लास का चयन करें।
बचेगी बहुत धनराशि
किरण वर्मा ने बताया कि नई दिल्ली में बाजीराव, श्रीराम, दृष्टि जैसी कोचिंग क्लासेस हैं। इनमें आॅलाइन मार्गदर्शन का शुल्क एक लाख रुपये से दो लाख रुपये तक है। वह महंगा शहर है। वहां रहने और खाने पर भी एक साल में दो लाख रुपये तक खर्च हो जायेंगे। साथ ही एक अजनबी महानगर में रहने की चिंताएं भी हैं। यदि आॅनलाइन क्लासेस अटेंड करें तो इन सब व्ययों से बच सकते हैं। एक अच्छा स्मार्ट फोन या लेपटाॅप और इंटरनेट कनेक्शन के जरिये निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे।
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