बड़वानी/पाटी~संकल्प सतपुड़ा को सजाने का
98 रासेयो विद्यार्थियों ने रोपे 856 पौधे~~



बड़वानी /उत्कृष्ट विद्यालय पाटी की रासेयो इकाई ने अपना ‘‘ पहाड़ी पर पलाश ‘‘ संकल्प दोहराते हुए पुनः उत्साहपूर्वक पौधरोपण किया। इसके तहत रासेयो के 98 स्वयंसेवकों ने विद्यालय के सामने वाली चयनित पहाड़ी पर 856 पौधे लगाए। ये वो पौधे थे जिन्हें विद्यार्थोयों ने गर्मी में खिलने वाले पलाश के फूलों के बीजों से अपने घरों, खेतों में तैयार किया था या वर्षा होने के बाद पलाश के पेड़ों के नीचे स्वतः उग आए पौधों को  जमीन से निकाल कर एकत्रित किया था।
     प्रयास छोटा लेकिन सन्देश बड़ा
        विद्यार्थियों का यह प्रयास देखने में किसी को भले ही मामूली लगे, लेकिन विद्यार्थियों के दृष्टिकोण से पर्यावरण जागरूकता को लक्षित करने वाला यह एक बड़ा सन्देश है। पाटी क्षेत्र की प्रायः सभी पहाड़ियाँ वृक्ष विहीन एवं बंजर हैं। इन पर पौधरोपण की कवायद बेमानी ही कही जा सकती है। पथरीली जमीन पर नर्सरी के परंपरागत नस्ल वाले पौधों का पनप पाना लगभग नामुमकिन है। ना तो पानी की उपलब्धता है और न सुरक्षा की व्यवस्था। ऐसे में पौधरोपण किया भी जाए तो महज औपचारिक बनकर रह जाएगा और पैसों की बर्बादी होगी सो अलग। इस समस्या का हल निकाला स्कूली विद्यार्थियों ने। ग्रामीण और कृषक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों ने पहाड़ों को हरा भरा करने हेतु पलाश का चयन किया। उनका तर्क था कि इसे ना तो मवेशी खाते हैं और न अधिक उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है। बारिश के दौरान एक बार लगा दिए जाने के बाद सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि पलाश कभी मरता नहीं। बस इसी विचार को अमली जामा पहनाते हुए विद्यर्थी पिछले 6 वर्षों से एक ही विशाल पहाड़ी पर पलाश का रोपण कर रहे हैं। उनकी संकल्पबद्धता का ही परिणाम है कि जिस पहाड़ी पर कभी एक भी पौधा नहीं था उस पर आज 400 से अधिक पौधे कमर की ऊँचाई तक के होकर लहलहा रहे हैं।
  संरक्षण से जल्द मिल सकती है कामयाबी
        छात्र अभिजीत चैहान, रौशनी सोलंकी, पूजा जमरे, अंकिता सोलंकी, शिवानी जमरे, अनीता सोलंकी आदि ने बताया कि हमने पूर्व विद्यार्थियों के कार्यों से प्रेरणा लेकर आज पौधरोपण किया है। छात्रों का कहना है कि यदि शासन एवं सामाजिक स्तर पर पहाड़ी को संरक्षित किया जाए तो परिणाम और भी बेहतर मिल सकते हैं। क्योंकि लगाए गए पौधों को मवेशी तो नहीं खाते लेकिन उन्हें चराने वाले इंसान खेल अथवा मजे के लिए उखाड़ देते हैं। फिर भी हमारे प्रयास  रंग ला रहे हैं। पर्यावरण जागरूकता की दिशा में यह पहाड़ी क्षेत्र में आदर्श साबित हो रही है।
   घरों से पहाड़ी तक का सफर
        पौधरोपण को लेकर विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। सुबह जब विद्यार्थी स्कूल पहुँचे, तो कंधों पर बस्ता और हाथों में पौधे थे। छात्रा अंकिता सोलंकी अकेली 150 पौधे लेकर स्कूल पहुँची, जिसमें 100 सीताफल और 50 पलाश के पौधे थे। 11 कक्षा की यह छात्रा बड़ी मुश्किल से पौधों का वजन संभाल पा रही थी मगर फिर भी चेहरे पर मुस्कान थी। उसने अन्य साथियों की मदद से पौधों को सलीके से रोपा। अन्य विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक पौधे लगाए। इस दौरान संस्था के प्राचार्य श्री विरेन्द्र सुल्या सहित रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी श्री कुलदीप ठाकुर, श्री नाथुसिंग सोलंकी, श्री कुँवरसिंग जमरे, सुश्री द्रौपदी अवास्या, सुश्री रूना जमरे आदि शिक्षकों का मार्गदर्शन रहा।
      इंद्रदेव ने भी सराहा
       पहाड़ी पर अपनी गतिविधि को अंजाम देते हुये विद्यार्थियों के इस दल ने हर राह चलते व्यक्ति का ध्यान अपनी और खींचा। यहाँ तक की क्षेत्र के भ्रमण पर निकले कलेक्टर का काफिला भी विद्यार्थियों से मुखातिब हुआ और कलेक्टर श्री अमित तोमर ने भी जानकारी लेकर उनका उत्साहवर्धन किया।  दिनभर तेज धूप रहने के बावजूद जैसे ही पौधरोपण संपन्न कर विद्यार्थी पहाड़ी से उतरे अचानक कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई जिससे सबके चेहरे खिल उठे। ऐसा लगा मानों विद्यार्थियों के प्रयास को इंद्रदेव भी सराहते हुये अपना समर्थन दिया हो।


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