बड़वानी~पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बडवानी के प्राइमरी के बच्चे फ़ील्ड ट्रिप पर गए~~

शिक्षकों से पूछा इतने ऊँचे पहाड़ पर इतनी ऊँची मूर्ति किसने और कैसे बनाई होगी ~~


बड़वानी /पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बडवानी के कक्षा 1 से 5 तक के प्राथमिक विभाग के बच्चे फ़ील्ड ट्रिप पर बावनगजा क्षेत्र में भ्रमण हेतु गए. प्राचार्य संगीता शेल्के के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अमलीकरण की दिशा में विद्यार्थियों में अवलोकन एवं पहल की क्षमता विकसित करने हेतु यह भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया गया। 
कार्यक्रम एवं भ्रमण दल प्रभारी कुन्दन राठौर के अनुसार प्राथमिक विभाग के दो सौ से ज्यादा विद्यार्थी अपने कक्षा अध्यापकों के साथ बावनगजा क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता को निहारने तथा तीर्थ स्थल के दर्शन हेतु गए. अनुभवात्मक शिक्षण हेतु फ़ील्ड ट्रिप का बहुत महत्व है. यही वजह है कि विद्यार्थियों की अनेक जिज्ञासाएं जाग्रत हो गई जो प्रश्नों के रूप में अपने शिक्षकों के साथ साझा हुई. श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, बावनगजा जिसे चूलगिरी भी कहा जाता है में भगवान आदिनाथ की एशिया की सबसे ऊँची प्रतिमा को देख कक्षा दूसरी के विद्यार्थी ने गर्दन ऊँची करके मूर्ति की तरफ़ मुखातिब होते हुए अपने शिक्षक से पूछा ‘सर सर इतने ऊँचे पहाड़ पर इतनी ऊँची मूर्ति किसने और कैसे बनाई होगी ?’ एक बच्चे का स्वाभाविक प्रश्न था कि ये आदिनाथ क्या होता है ? ब्रीफिंग के समय बच्चों को बताया गया कि यह जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है . सतपुड़ा पर्वतमाला के आखिरी छोर में यह पहाड़ को काटकर 84 फीट की एशिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाई गई है. जो जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथजी की है. यह एक वन क्षेत्र है

जिसकी सुरक्षा का जिम्मा वन विभाग के पास है. प्राकृतिक सम्पदा एवं वन्य जीवों के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने पेड़ पौधों वनस्पति और झरनों को निहारा . बरगद के विशाल पेड़ को देख विस्मित होकर उसकी जटाओं पर झूलने की कोशिश करते रहे बच्चे. विद्यार्थियों के अनुरक्षकों के रूप में प्रभाकर भीमा पावरा , हीरालाल मुजाल्दे , धर्मवीर सिंह, रश्मि सक्सेना , हिमांशु चौहान , अंजनी कुमार शुक्ल, भावना तोमर , ज्योति पाराशर , कांची शर्मा और संजना भालसे आदि शिक्षक- शिक्षिकाएं साथ थें।
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