देश की जानने लायक हलचल पर संघर्ष से सिद्धि की विशेष पेशकश संजय जैन की कलम से~~
* मैं चाहता हूं अगली हत्या मेरी हो*-
* राजनीति बाद में पहले शिष्टाचार*-
* एडीजी इंटेलिजेंस की कुर्सी पर कौन....?*-
* श्रद्धा-समर्पण से अर्पण*-
* अनोखी कन्या पूजा *-
* राम के तारणहार सीताराम*-
* तहसीलदार माला की व्यथा*-
* कब आओगे...कब आओगे...?*
*** हलचल ***
मैं चाहता हूं अगली हत्या मेरी हो.................
गांधीवादी चिंतक-किम एजुकेशन सोसायटी सूरत-गुजरात के मानद सचिव उत्तम परमार,समाजवादी चिंतक शशिकांत गुप्ते के अनुरोध पर अभी व्याख्यान के सिलसिले में इंदौर आए थे। वे जहां भी जाते हैं,बहू दीप्ति को अपनी लोकेशन और संबंधित का मोबाइल नंबर जरूर सेंड कर देते हैं। गांधी दर्शन विरोधी ताकतों से मिलने वाली हत्या की धमकियों के बाद से यह नियम उन्होंने बना लिया है। उन्हें अपनी हत्या होने का भय नहीं है,लेकिन परिवार को यह तो पता रहे कि वे कहां है....? सूरत के जिस किम गांव में एजुकेशन सोसायटी का आश्रम है,वहां मुख्य द्वार पर ही नफरती ताकतों के शिकार हुये गौरी लंकेश,पानसरे, एम कुलबर्गी और नरेंद्र दाभोलकर आदि के खून के धब्बे वाले तेल चित्र लगा रखे हैं। परमार खुद कहते हैं,मैं चाहता हूं अगली हत्या मेरी हो और यहाँ पांचवा चित्र मेरा लग जाय।
राजनीति बाद में पहले शिष्टाचार................
कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा और भाजपा की प्रवक्ता डॉ दिव्या गुप्ता इन दोनों ने राजनीति से पहले शिष्टाचार को प्रमुखता दे रखी है। क्रिश्चियन कॉलेज में मिश्रा डॉ ओम नागपाल के प्रिय छात्रों में रहे हैं। डॉ.नागपाल की बेटी डॉ.दिव्या का इस नाते वो सम्मान करते हैं।न्यूज चैनलों पर बुलाए जाने से पहले दोनों पता कर लेते हैं कि सामने प्रवक्ता कौन है....? यदि पक्ष-विपक्ष से दोनों के नाम की जानकारी हो तो वे फोन पर भी बाइट देने से मना कर देते हैं। एक बार दोनों का चैनल पर आमना सामना हो गया, दोनों ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा और बहस समाप्त होने से पहले आपस में माफी भी मांग ली,इसी शिष्टाचार के चलते..............
एडीजी इंटेलिजेंस की कुर्सी पर कौन....
पुलिस मुख्यालय में एडीजी इंटेलीजेंस की कुर्सी दस दिन से अफसर का इंतजार कर रही है। इंदौर में आईजी रहे और अभी इसी पद पर उज्जैन में आईपीएस अफसर संतोष सिंह का इस पद के लिये नाम तो चल रहा है। लेकिन दिक्कत यह है कि एडीजी पद पर पदोन्नति के लिये तीन माह का समय अभी और है। यदि गौर के लिये यह पद 90 दिन खाली रखा जाए,तो पुलिस इतिहास में ऐसा यह पहली बार होगा। अभी आईजी इंटेलिजेंस आशीष एडीजी का प्रभार संभाल रहे है। यदि सरकार गौर के लिये इतना लंबा इंतजार ना करे तो 1999 बैच के आईपीएस अधिकारी इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता को एडीजी इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। गौर बने या गुप्ता दोनों इंदौर में रहे भी हैं।
श्रद्धा-समर्पण से अर्पण.............
डॉ.मोहन यादव जब उच्च शिक्षा मंत्री थे तब से वे माधव विज्ञान महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष थे। जहाँ प्रो.अर्पण का समर्पण रहता था,उसकी नींव मजबूत होती गई। जिस दिन प्रो अखिलेश कुमार पांडे का कार्यकाल पूर्ण हुआ उसी दिन से अगले कुलगुरु के रूप में प्रो भारद्वाज की ठसक बढ़ गई थी। फिर भी नामों की रेस, चयन प्रक्रिया जैसी औपचारिकता तो पूरी करना ही थी। श्रद्धा-सबूरी और विश्वास का प्रतिफल विक्रम विवि हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.शैलेंद्र शर्मा,अवधेश प्रताप सिंह रीवा के केमेस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो.आरएन पटेल को भी समझ आ गया होगा।
अनोखी कन्या पूजन.............
मूल रूप से सागर के और अब मांगलिया निवासी विनोद सेन का तलावली में हेयर कटिंग सलून है। बीते 24 साल से कुंवारी कन्याओं के बाल मुफ्त में काट कर वे कन्या पूजन का धर्म निभा रहे हैँ। वे अपनी दुकान पर देखते थे कि गरीब मजदूर,लड़के के बाल तो कटवाते थे,लेकिन लड़की के नहीै। उन्हें उनके उलझे हुए बाल देख कर तकलीफ होती थी। तब विनोद ने तय किया कि गरीब बच्चियों के बाल मुफ्त में काटूंगा। उनकी शादी के बाद उन्हें बच्ची हुई,फिर लड़का हुआ। कुछ साल बाद दोनों की मौत हो गई। बेटी सृष्टि जब जिंदा थी,तब गरबे के लिए पापा से तैयार होती थी। एक दिन वह अपनी एक सहेली को भी ले आई कि पापा इसका भी मेकअप कर दो, इससे भी पैसे मत लेना। पहले बेटे की मौत हुई,सदमे में सृष्टि भी चल बसी। उस दिन से उन्होंने तय किया कि अब हर कन्या के बाल मुफ्त में ही काटूंगा।
राम के तारणहार सीताराम....................
मप्र के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा से रामनिवास रावत का लड़ना तय है। उनके सामने भाजपा के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी एक बड़ी चुनौती थे। भाजपा सरकार ने सीताराम आदिवासी को सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त करते हुए राज्यमंत्री का जैसे ही दर्जा घोषित किया,सीताराम ने ऐलान कर दिया कि वह विजयपुर विधानसभा से उपचुनाव अब वे नहीं लड़ेंगे।
तहसीलदार माला की व्यथा..................
भिंड जिले के मौ में पदस्थ महिला तहसीलदार माला शर्मा ने वीडियो वॉयरल कर कलेक्टर और एसडीएम पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाते हुए मानसिक प्रताड़ना की अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि मैं अपने परिवार से दूर हूं। मेरा चार साल का बच्चा ग्वालियर में है। मुझे अगस्त 23 से आज तक छुट्टी नहीं मिली है। तहसीलदार के इन आरोपों को प्रशासन ने बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इन्हें प्रताड़ना कैसी...? उनकी तो विभागीय जांच चल रही है।
कब आओगे...कब आओगे...
एसजीएसआईटीएस इंदौर का अगला निदेशक कौन होगा....?ग्वालियर के डा.कर्मवीर आर्य की संभावना अधिकतम है, लेकिन इन्हें अपने संस्थान की तरफ से अभी एनओसी नहीं मिली है। नए निदेशक को लेकर विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें 50 से ज्यादा आवेदन आए थे और करीब 15 उम्मीदवारों ने साक्षात्कार भी दे दिया है। एसजीएसआईटीएस में डा.राकेश सक्सेना के इसी जुलाई में सेवानिवृत्त होने के बाद अगस्त में संस्थान के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.विजय रोडे को प्रभारी बनाया,जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गए। अभी वर्तमान में डा.संदीप नारुलकर को प्रभारी बनाया गया है।
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