झाबुआ~राजस्व खुफिया निदेशालय की झाबुआ में बड़ी कार्रवाई- अवैध रूप से मेफेड्रोन का उत्पादन स्थानीय लोगो,प्रशासनिक और विदेशी ताकतों सहयोग के बिना संभव है क्या~~

जिले के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र से 168 करोड़ रुपए की 112 किलो मेफेड्रोन-एमडी ड्रग जब्त,4 आरोपी गिरफ्तार~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ -संजय जैन~~


जिले के औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में कल रविवार सुबह तड़के राजस्व खुफिया निदेशालय-डीआरआई -डायरेक्टरेट रेवेन्यू इंटेलिजेंस- टीम ने सुनियोजित ढंग से दबिश देकर एक फैक्ट्री से 168 करोड रुपए की मेफेड्रोन-एमडी ड्रग जब्त की है। फैक्ट्री में अवैध रूप से मेफेड्रोन का उत्पादन किया जा रहा था। जिले में इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग जब्त करने का यह मामला पहली बार सामने आया है। अधिकारियों ने ड्रग्स के साथ-साथ अवैध ड्रग निर्माण में उपयोग किए जाने वाले सभी संसाधनों और रो-मटेरियल व फैक्ट्री भी सील कर दी है। यह पहली बार नहीं है कि मध्य प्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई हो। इससे पहले गत 6 अक्टूबर को भी भोपाल की एक फैक्टरी से 1800 करोड़ से ऊपर की एमडी ड्रग पकड़ी गयी थी,जिसके तार मेघनगर की इस फैक्ट्री से जुड़े होने की संभावना साफ नजर आ रही है। मामले में डीआरए टीम ने खबर लिखे जाने तक कोई भी अधिकृत बयान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि यह कारवाई पूर्ण रूप से गोपनीय तरीके की गयी है। यहाँ तक की स्थानीय प्रशासन को भी इस बारे में तनिक भी भनक नहीं थी।

ऐसे की गयी कार्यवाही...


जानकारी के अनुसार डीआरआई टीम ने मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र की एक फार्मा कंपनी के नाम से संचालित फैक्ट्री पर सुनियोजित ढंग से दबिश देकर फैक्ट्री से 112 किलो मेफेड्रोन जब्त की है,जिसकी कीमत 168 करोड रुपए बताई जा रही है। इसमें 36 किलो ड्रग पाउडर के रूप में और 76 किलो लिक्विड के रूप में जब्त की गयी है। इसे आमतौर पर * म्याऊ-म्याऊ * के नाम से भी जाना जाता है। यह एक साइकोट्रोपिक पदार्थ है,जो नशीली दवाओं और मनोवैज्ञानिक विकार अधिनियम के तहत आता है। फैक्ट्री के डायरेक्टर विजय सहित चार अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। टीम ने टेस्टिंग के लिए कुछ नमूने भी लिए हैं।

क्या इसके तार भोपाल से जुड़े हुए तो नही....


सूत्रों के अनुसार इस कारवाई के तार गत 6 अक्टूबर को भोपाल में जब्त की गई 1800 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग से जुड़े हुए हो सकते है। क्या इसके तार भोपाल से जुड़े हुए तो नही....? गौरतलब है कि इतनी बड़ी कार्यवाही लेकिन इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन कोई भी जानकारी देने को तैयार ही नहीं है।

फैक्ट्री मालिक और अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी....


डीआरआई हिरासत में लिए गए फैक्ट्री मालिक और अन्य संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। अब देखना है कि पूछताछ के बाद इस ड्रग्स के गोरख धंधे में लिप्त अन्य अपराधियों और उनके अवैध ठिकानों का डीआरआई पता लगाने में कितनी सफल हो पाती है। विचारणीय बात तो यह कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध रूप से मेफेड्रोन का उत्पादन,वह भी झाबुआ जिले में स्थानीय लोगो,प्रशासनिक और विदेशी ताकतों के सहयोग बिना संभव है क्या...?

देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय.....



छापेमारी अवैध ड्रग निर्माण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखी जा रही है। झाबुआ में हुई इस बड़ी कार्रवाई से इस बात का यह अंदाजा साफ लगाया सकता है कि पूरे राज्य में ड्रग्स का यह मकड़जाल कितने बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। इस ड्रग की लत से देश के युवाओं का हालात बड़ी दयनीय हो रही है,जो देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

स्थानीय पुलिस की सहभागिता नही.............


ऐसी बड़ी कार्यवाही राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा बड़े ही गोपनीय तरीके और अचानक की जाती है। अत: इस संबंध में अधिकृत जानकारी वे ही दे पाएंगे। इस मामले में झाबुआ पुलिस की कोई भी सहभागिता नहीं है।
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प्रेमलाल कुर्वे-एडिशनल एसपी






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