धार~आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज से, बन रहे कई शुभ संयोग- डॉ शास्त्री~~




धार। आज सोमवार से आषाढ़ मास गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। गुप्त नवरात्रि पर अबकी बार कई शुभ संयोग बने हैं। मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ अशोक शास्त्री ने बताया कि इस बार गुप्त नवरात्रि सूर्य के मिथुन राशि में आगमन के साथ हो गया है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से गुप्त नवरात्रि का अधिक महत्व है। साल में चार नवरात्रि आती है। जिनमें आश्विन मास की शारदीय और चैत्र नवरात्रि को श्रद्धालु बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। इन्हें प्रकट नवरात्रि कहते हैं, जबकि माघ और आषाढ़ में जो नवरात्रि आती है उसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। जन सामान्य में यह बहुत प्रचलित नहीं है, क्योंकि गुप्त नवरात्रि को सिद्धि और साधना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और तंत्र-मंत्र के साधक इसमें विशेष रूप से साधना करते हैं।
रिद्धि-सिद्धी से होंगे निहाल  
डॉ शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का आरंभ आर्द्रा नक्षत्र में हो रहा है जो राहु का नक्षत्र है। तंत्र शास्त्र और धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि देवी की उपासना और तंत्र-मंत्र की सिद्धि राहुकाल और राहु के नक्षत्र में किया जाए तो यह अधिक फलदायी और लाभकारी होता है। संयोगवश इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का आरंभ वृद्धि योग में हो रहा है। ऐसे में गुप्त नवरात्रि पर देवी की दस महाविद्याओं की उपासना ध्यान पूर्वक करने वाले भक्ति रिद्धि-सिद्धि से निहाल होंगे।
दस महाविद्या की साधना का महत्व
डॉ शास्त्री के मुताबिक नवरात्रि की उपासना में चारों नवरात्रि में दोनों प्रकट नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि पर देवी की दस महाविद्याओं की साधना की जाती हैं। देवी की ये दस महाविद्याएं बहुत ही शक्तिशाली हैं और जिस भक्त पर कृपा कर देती हैं उनके लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं रह जाता है। देवी की ये दस महाविद्याएं हैं- काली, तारा (देवी), छिन्नमस्ता, शोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी (त्रिपुर सुंदरी), धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला। गुप्त नवरात्रि में श्रद्धालु तंत्र मंत्र की सिद्धि और मनोकामना पूर्ति के लिए इनकी उपासना करते हैं।
गप्त नवरात्रि पर शुभ संयोग
डॉ अशोक शास्त्री ने कहा कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज से आरंभ हो रहा है और 27 जून को समाप्त होगी। ऐसे में अबकी बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 9 दिनों की होगी। इस दौरान 25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है जबकि पूरे गुप्त नवरात्रि के दौरान 4 रवि योग का संयोग बना है जो बेहद दुर्लभ है। इस नवरात्रि में 20 जून, 22 जून, 24 और 27 जून को रवियोग लग रहा है।
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