खबर पर नजर~~~
धार~मामला एएसआई द्वारा की गई लाखों रुपए की धोखाधड़ी का~`
एटीएम, पासबुक व मोबाइल मिला, बैंक से आए 1200 पेज अब होगी जांच, बटालियन को लिखा पञ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )
धार की 34 वी बटालियन में पदस्थ एएसआई द्वारा की गई लाखों रुपए की धोखाधड़ी मामले में कोतवाली पुलिस टीम की जांच जारी है। रिमांड के दौरान बटालियन स्थित कार्यालय के बाद पुलिस आरोपी दिग्विजयसिंह चौहान को उसके निवास स्थान पर लेकर पहुंची, यहां से पुलिस को एक मोबाइल फोन, तीन एटीएम कार्ड व एक पासबुक मिली हैं। एटीएम कार्ड उसी बैंक के हैं, जिसमें आरोपी द्वारा रुपयों को ट्रांसफर करवाया जाता था। आरोपी ने इन एटीएमों का उपयोग करके ही हजारों रुपए खातों से निकाले तथा अपने शौक पूरा करने में खर्च कर दिए थे, जिसके चलते ही पुलिस अधिकारियों ने एटीएम व फोन को जप्त कर लिया है। हालांकि पूरा मामला बटालियन से जुडा होने के कारण कोई भी अधिकारी सीधे तौर पर कुछ बताने को तैयार नहीं हो रहा है। किंतु आरोपी को प्रकरण की जांच के लिए पुलिस लगातार अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर पूछताछ कर रही है।
दरअसल शहर के मांडू रोड पर 34वीं बटालियन का कार्यालय बना हुआ हैं, यहां पर ही वेतन शाखा में लोक सेवक लिपिक के पदस्थ दिग्विजय सिंह चौहान था। जहां पर वेतन शाखा में विभागीय काम देखने के दौरान ही गडबडी आरोपी ने शुरु की। बटालियन में पदस्थ उपसेनानी की और से एक आवेदन सौंपा गया था, जिसमें बताया गया कि बटालियन में पदस्थ एएसआई दिग्विजय सिंह द्वारा 42 लाख 85 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है। इस प्रकरण में भोपाल पर हुई हलचल के बाद एकाएक प्रकरण 1 जून को दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी मनोज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस अब जांच कर रही है। आरोपी को अरेस्ट करने के बाद सोमवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था, जहां से पुलिस को पूछताछ के लिए 10 जून तक का समय मिला है। एक दिन पूर्व जहां पुलिस आरोपी को बटालियन स्थित कार्यालय पर लेकर गई थी, आरोपी ने भुगतान के लिए कोषालय कार्यालय में कर्मचारियों के नाम पर बिल लगाए थे, ऐसे में बिलों की संख्या अधिक होने व कुछ अन्य दस्तावेज पुलिस को जप्त करना है। जिसके चलते कोतवाली पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बिलों की जानकारी देते हुए एक पञ बटालियन अधिकारियों को लिखा हैं, जिसमें जानकारी मांगी गई कि आरोपी ने पदस्थापना के दौरान संबंधितों के नामों से कुल कितने बिल लगाए हैं, उन्हें सूचीबद्ध करते हुए पुलिस को सौंपे जाए।
दो खातों के 1200 पेज आए
आरोपी एएसआई ने जिन खातों में 42 लाख रुपए भेजे थे, उन खातों का ट्रांजेक्शन पुलिस ने करीब 4 साल का बैंक से मांगा था। कुल तीन में से दो खातों का ट्रांजेक्शन पुलिस को प्राप्त हुआ हैं, दो बैंक खातों का करीब 1200 पेज पुलिस के पास बैंक से आ चुके है। अब इन खातों के ट्रांजेक्शन का पुलिस अवलोकन करेगी, ताकि कोषालय से आए रुपयों व खर्च हुए रुपयों की जानकारी सामने आ पाए। आरोपी ने बैंक में एक खाता अपने नाम पर, दूसरा खाता पत्नी के नाम पर व तीसरा खाता अपने भांजे के नाम पर बैंक में खोल रखा था, हालांकि इन खातों का उपयोग आरोपी स्वयं ही करता था।
बिलों की संख्या बढी
इस मामले में 1 जून को प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही धार पुलिस लगातार जांच कर रही हैं, मामला हाई प्रोफाइल होने व पुलिस से ही संबंधित होने के कारण टीम द्वारा प्रकरण की विवेचना बारीकी से की जा रही हैं, आरोपी एएसआई से पुलिस पूछताछ भी कर रही है। जिसमें पहले 12 कर्मचारियों के बिल लगने की बात सामने आई थी, इसके बाद एक ही कर्मचारी के नाम से दो से तीन बिल लगने पर पुलिस को आशंका 50 बिलों की थी। किंतु अब बिलों की संख्या 70 से ज्यादा हो चुकी हैं, हालांकि बटालियन से बिल प्राप्त होने पर ही उनकी संख्या स्पष्ट होगी।
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