रिंगनोद~आईए एक एसे अध्यापक की सेवानिवृत्ति पर प्रकाश डाले जिनका सम्पुर्ण जीवन ही है शिक्षा और छात्रो को समर्पित आईए मिलते है उन शिक्षक से जो अपनी सेवा निवृत्ति नही बच्चो से बिछडने पर रोया~~
अनुराग डोडिया रिंगनोद~~
आईए आपको पहले परिदृश्य की और लै कर चले जो फोटो आपने न्युज मै देखे जहा एक और मंच सजा था सारे सहकर्मी प्राचार्या महोदय बीआरसी श्री चौबे सहित समाज के वरिष्ठ एवं ग्रामजन सभी उपस्थित होकर सोलंकी (सिर्वी) परीवार के भव्य अपने परिवार के वरिष्ठ एक बालक को मनचाहे मुकाम ओहदे तक पहुँचाने वाले एक शिक्षक के सेवानिवृत्ति समारोह का हिस्सा बन रहे थे सभी सम्मान एवं भोज मे आमंत्रीत थे अब लेकर चलते है एक दुसरे परिदृश्य की और--जब मै स्वयं (विचार न्युज़ रिंगनोद संवाददाता) मंच पर चुंकी एक अतिथि शिक्षक होने के नाते मैने भी श्री मोतीलाल जी सोलंकी का सम्मान कीया पर मंच पर उनकी बैचेनी और रुआंसी आंखे और कीसी भी चि़ज मै कि मंच पर कौन आ रृहा है मैरा सम्मान हो रहा है कही भी उनका ध्यान ना लगना मन मै कौंध कर गयी रहा न गया तो खबर लिखने और पत्रकार के नाते मैने सारा कार्यक्रम होने के पश्चात ऊनसे सम्पर्क करने की कौशीश की रुंधे मन से विचार न्युज से बात करते हुए उन्होने बताया की मैरा सफर 1989 से शुरु हुआ था तब हम औपचारिकेत्तर शिक्षा मै थे उसके बाद करीब 4-5 साल बाद हम पर्यवेक्षक हुए फिर यह कार्य तत्कालिन सरकार द्वारा बन्द कर दिया गया कैस लडकर हम 2005 मे बहाल हुए फिर नियम लाद दिया गया की egs गुरुजी की परीक्षा पास करना होगी वो भी अच्छे नम्बरो से पास की क्योकी ईच्छा थी राष्ट्र निर्माण मै सहयोग के लिए सही योद्धा तैय्यार करने की 2011 मै ईस कार्य मै सलंग्न हुए नवीन प्राथमिक विद्यालय ईन्द्राकाँलोनी ग्राम रिंगनोद मै और वही से वै सेवानिवृत्त भी हुए और तब से लैकर आज तक बस शिक्षा को ही अपना ध्येय माना) या यो कहे ईनका पुरा जीवन ही शिक्षा और छात्रो को समर्पित है अतिश्योक्ति ना होगा वही श्री सोलंकी ने विचार न्युज को धन्यवाद देते हुए कहा की मै पिछले कई दिनो से उदास हु सेवानिवृत्ति या वेतन के लालच मै नही बल्की बच्चो से दुर होने के कारण यहा विदित रहे की कैवल श्री सोलंकी ही नही बच्चै भी उनके अनगिनत नवाचार के कारण उनको बहुत प्रेम देते और आदर करते है और उन्होने भी सभी को अपने बच्चो सा ही प्रेम दिया कई बार नवाचार के कारण सुर्खियो मै भी रहे ऊन्होने विचार न्युज का विशेष धन्यवाद और आभार प्रकट करते हुए आशिर्वाद सम ये कहा आज तक शायद ही कीसी ने एसी बाते पुछी होंगी जो आपने पुछी जरुरत ये नही की आप करे जरुरत ये की आप तब पुछे जब सही वक्त हो और ये आपने किया और यह कहते हुए ऊन्होने अपनी ईच्छा प्रकट की की अवैतनिक ही सही बस मुझे बच्चो से अलग ना करे मै बिना वैतन भी अपनी सेवाएँ देने को तैय्यार हुँ धन्य है एसे शिक्षक जिन्होने ना कैवल अपने समाज और गाँव का बल्कि सबका नाम रौशन किया है हम सभी को उनसे प्रेरणा लेना चाहिए विचार न्युज एसे शिक्षक का आभार व्यक्त करता है क्योकि कोई कीसी भी सफलता के महल पर पहुँच जाए नीव मै एक शिक्षक ही होता है श्री सोंलकी की सेवानिवृत्ति के सम्पुर्ण कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ भुरालाल जी सोलंकी और श्री पाटीदार सर ने कीया संभवतया यह नगर मै पहला सफल आयोजन था जिसमे समाज रिश्तेदार परिवार एव मित्रगण सहकर्मी सभी सम्मिलित थे अन्यथा सामान्यतया सेवानिवृत्ति आयोजन अधिकांशतः सहकर्मियो तक सिमित होता है ईसिलिए पुनः धन्यवाद
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