खिलेडी~~नए सत्र में शराब लायसेंसी नियमो को खूंटी पर टांग के कर रहे मार्केटिंग~~
दो विभाग(आबकारी एवं पुलिस) के आपसी झोल के बीच शराब माफिया ले रहे आनंद~~
नई आबकारी नीति का सत्र शराब लायसेंसी ठेकेदारो पर लगाम कसने के लिए बनाई गई लेकिन विभागों के बीच मे अटकने होने के कारण यहाँ बदनावर के कानवन आबकारी सर्कल में ठेकेदार अपनी चांदी काटने में शुरू दिन से ही लग गए है क्योकि ठेकेदारो के मैनेजर से लेकर सेल्समैन तक शराब की दुकानों पर लोगो को लूटने में लगे है। जाहिर सी बात है की एक शराबी व्यक्ति को पीने के बाद खुद का भान नही रहता इसी का फायदा उठाकर ये लोग ग्राहकों से ओवर रेटिंग कर रहे है यह बात नही कि अधिकारी को इस बात की सूचना नही है सब जानते हुए भी अधिकारी इन ठेकेदारो पर कोई कार्यवाही नही करते है।इसका यही कारण माना जा सकता है की ठेकेदार को अधिकारी का खुला संरक्षण है। पिछले दिनों आबकारी अधिकारी धार को सूचना दी गई थी वही शिकायते भी चली थी लेकिन कुछ दिनों तक सख्ती के बाद फिर स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज इस तरह की ओवर रेटिंग से न तो सरकार का फायदा हो रहा है नही ग्राहकों का तो फिर इसका लाभ किसे मिल रहा है। इस प्रकार की ओवर रेटिंग 10, 15 रुपये नही बल्कि एक छोटी से छोटी बोतल पर 30रुपये से लेकर 50 रुपये तक है जिसके लिए लगाम कसने की बहुत ही अवश्यता है।
*शराब माफिया परिवहन के नियम में भी विभाग को दिखा रहे ठेंगा*
शराब लायसेंसी ठेकेदार सत्र की शूरूआत में ही पुलिस विभाग एवं आरटीओ के नियमो को ठेंगा बताते नजर आ रहे है क्योंकि नियमो की माने तो शराब के गोदाम से लेकर दुकान तक शराब की सप्लाय को लोडिंग वाहन में ले जाने का प्रावधान है लेकिन विभाग की मेहरबानी के कारण ये ठेकेदार पैसेंजर गाड़ियों में भरकर ले जा रहे है जो कि पुलिस विभाग एंव आरटीओ के नियमो धता बता कर सरपट गाड़िया दौड़ा रहे है जिस पर इन पर लगाम कसने की बहुत ही आवशयकता है। अगर शुरुआती तोर पर ही लगाम नही कसी जायगी तो ये पैसेंजर वाहन जो कि शराब के साथ अंधगति से गाड़ी दौड़ा रहे है न जाने किस व्यक्ति को दुर्घटना का शिकार बना लेंगे।
*अहाते बन्द फिर भी बेची जा रही ढाबो एवं किराणा दुकान पर शराब खाद्य विभाग के नियमो पर भारी*
शासन ने हाल ही में आबकारी नीति अनुसार अहातों में बैठकर पिने पर रोक लगा दी है तो फिर ढाबो पर शराब क्यो परोसी जा रही है खिलेड़ी से जुडे हुए ग्रामो में ढाबो पर शराब की सप्लाई नियमो की धज्जियां उड़ाने जेसी है वही आज अगर देखा जाए तो हर 10 में से 4 किराणा दुकान एवं पेय पदार्थ की होटल पर ठेकेदार डायरी पद्धति से अपने छुट्टे एजेंट बनाकर खुद एक नई दुकान बना रहे हैं जो की आबकारी विभाग एवं बाल खाद्य विभाग के नियमो का मजाक उड़ाने जैसा है।
*क्या कहते है जिम्मेदार*
सप्लाय के लिए वाहन कौन सा लिया जा रहा है वह सही है या नही इस पर जिम्मेदार आबकारी विभाग है हम नही।
*रामसिंह राठौर थाना प्रभारी कानवन*
ओवर रेटिंग के लिए हम जल्द ही कदम उठाएंगे ओर जो सप्लाय के लिए वाहनों की उपयोगिता है उस पर प्राथमिक तोर पर आबकारी विभाग ही कार्यवाही करने में सक्षम है लेकिन हम दोनों विभाग (पुलिस एवं आबकारी) कार्यवाही कर सकते है।
*जितेंद्र सिंह भदौरिया आबकारी अधिकारी बदनावर*
वही खाद्य दुकानों पर शराब की बिक्री के लिए जब खाद्य आपूर्ति अधिकारी बदनावर से चर्चा करने की कोशिश की गई तो सम्पर्क नही हो सका।
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