झाबुआ~होलाष्टक 27 से शुरु,मांगलिक कार्यों पर लग गया विराम~~

पंचांग में भेद- होली पूजन व दहन 6 व 7 मार्च में से किस दिन किया जाए~~

झाबुआ। संजय जैन~~



फाल्गुन माह चल रहा और होलिका दहन के पहले 27 फरवरी से होलाष्टक की शुरुआत हो गयी हैं। होलाष्टक के दौरान पूजा-पाठ व फाग उत्सव तो होंगे परंतु अन्य शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया। होली बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। ज्योतिषियों व पंडितों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी होलाष्टक में भी शुभ और लाभ का चौघड़िया देखकर की जा सकती है, परंतु इसके पहले सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग में खरीदारी श्रेष्ठ फलदायी रहेगी। इस बार होलिका पूजन व दहन को लेकर पंचागों में मतभेद है। ज्योतिषियों और पंडितों ने बताया कि पंचागों अनुसार 6 मार्च शाम 4.19 बजे भद्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा और समापन अगले दिन 7 मार्च सुबह 5.55 बजे होगा। इस अवधि के दौरान होलिका पूजन व दहन नहीं करने की मान्यता है। ऐसे में कुछ ज्योतिषियों व पंडितों का मत है कि 7 मार्च को ही होलिका पूजन व दहन करना श्रेष्ठ रहेगा।

7 मार्च से शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे...........................
ज्योतिषाचार्य पं.सत्यनारायण शुक्ल ने बताया कि यह होलाष्टक 26 फरवरी की मध्य रात्रि में शुरू हो गया । इसलिए 27 फरवरी को सूर्योदय के साथ मान्य हैं और 6 मार्च तक होलाष्टक रहेगा। इसके बाद 7 मार्च से शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। हालांकि विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 8 व 9 मार्च को है। होलाष्टक के पहले व होलाष्टक के दौरान खरीदारी के लिए कई शुभ मुहूर्त है। इनमें प्रॉपर्टी सहित अन्य वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं। होलिका पूजन व दहन को लेकर कुछ मतभेद है। उज्जैन,भोपाल, इंदौर क्षेत्र के कुछ पंचागों में 7 मार्च को भद्रा रहित मुहूर्त में पूजन को लेकर लिखा गया है।

फुलेरा दूज आज, जिले में होंगे विवाह आयोजन .....................
फाल्गुन माह में आने वाली फुलेरा दूज का बहुत महत्व है। यह अबूझ मुहूर्त है। ज्योतिषाचार्य पंडित दिग्विजेंद्र व्यास ने बताया कि राजस्थान सहित मप्र के कई जिलों में इस दिन विवाह आदि सभी शुभ व मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जाते हैं। फुलेरा दूज मंगलवार को प्रारंभ हो गई थी,जो आज बुधवार सुबह सूर्योदय के पहले तक है। इसलिए अधिकांश जगह मंगलवार को ही फुलेरा दूज मनाई गई। कुछ पंचांगों में बुधवार को भी फुलेरा दूज मनाने का उल्लेख है, इसलिए आज भी शहर सहित अंचल में कई जगह विवाह आदि मांगलिक कार्य होंगे। इसके बाद विवाह लग्न के लिए शुभ मुहूर्त 8 व 9 मार्च को रहेंगे। हालांकि होलाष्टक के पहले भी विवाह के कुछ मुहूर्त है।



मप्र के कुछ पंचांगों में 7 मार्च को होलिका दहन व पूजन ...........................
सूर्य पंडित मोहित ने बताया कि राजस्थान के अधिकांश पंचांगों में 6 मार्च का होलिका पूजन व दहन लिखा है। इस दिन प्रदोष काल में शाम 6.35 से रात करीब 8 बजे के बीच पूजन व दहन कर सकते हैं। मप्र के कुछ पंचांगों में 7 मार्च को होलिका दहन व पूजन के लिए लिखा गया है। किस दिन होलिका पूजन व दहन किया जाए इसे लेकर दो दिन में निर्णय करेंगे। जिला राजस्थान से लगा हुआ है, इसी कारण यहां के लोग दोनों प्रदेशों के पंचागों का मानते हैं।
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