धार~तालाब क्षमता से पानी कम, नपा का दावा गर्मी में नहीं आने देंगे जलसंकट ~~
सख्ती शुरु- पेयजल आरक्षित तालाबों में मोटरों से पानी लेने वालों को दी समझाईश ~~
ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होते ही पेयजल आपूर्ति की फिक्र शुरु, लोगों से पानी के अपव्ययय ना करने की अपील ~~
तापमान में बदलाव शुरु हो गया है। मार्च के बाद प्रारंभ होने वाली तपन फरवरी के अंतिम सप्ताह से ही महसूस होने लगी है। सड़कों पर दोपहर में आवाजाही सामान्य से कम हो गई है। इधर नगर में सुचारू पेयजल आपूर्ति को लेकर नगरपालिका ने सख्ती शुरु कर दी है। पेयजल आरक्षित तालाबों से आसपास के लोगों द्वारा पानी की मोटरों से पानी खींचने की कोशिशों पर निगरानी सख्त कर दी है। पीएचई के कर्मियों ने आसपास के कृषकों को फिलहाल तालाब का पानी बगैर अनुमति ना लेने की समझाईश दी है। साथ ही उपयोग करने पर मोटरें जब्त करने की चेतावनी भी दी है।
बगबग
4 तालाब, पर्याप्त पानी
शहर के लि अच्छी बात है कि दिलावरा जलावर्द्धन योजना के प्रारंभ होने के बाद से पेयजल संकट काफी हद तक कम हुआ है। इधर शहर में पेयजल आपूर्ति के उपयोग में आने वाले चार तालाबों में पर्याप्त पानी मौजूद है। ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत हुई है। अभी 5 महीने जुलाई तक तपन रहने वाली है। इससे तालाब का जल स्तर भी कम होगा। वहीं आपूर्ति को सुचारू रखना भी चुनौती रहेगा। हालांकि नगरपालिका का दावा है कि 1 लाख की आबादी वाले शहर में प्रतिदिन 1 करोड़ लीटर पानी की खपत होती है। यह व्यवस्था यथावत रहेगी। लोगों को गर्मी में पानी के संकट से नहीं जुझना पड़ेगा। नपा ने इसी के साथ लोगों से गर्मी को देखते हुए पानी का अपव्यय ना करने की अपील भी की है।
सप्लाय चैनल बदल सकते है
वर्तमान में नगर पालिका द्वारा शहर में दो दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। वहीं जब भीषण गर्मी का दौर शुरू होगा और तालाब का जलस्तर गिरने लगेगा। इस दौरान दो की बजाए तीन दिन छोड़कर जलापूर्ति की जाएगी। हालांकि इस बार मानसून की मेहरबानी के कारण तालाबों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। इधर दिलावरा तालाब से मुख्य रूप से पानी लिया जाता है। नगरपालिका इस वर्ष नयापुरा तालाब को पहले खाली करने का प्रयास करेगी। दरअसल बदनावर उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए नर्मदा का जल क्षेत्र को भी मिलने वाला है। इसके लिए नयापुरा तालाब का तीन गुना क्षेत्रफल बढ़ाने की कवायद की जाना है। ऐसी स्थिति में बारिश के पूर्व यह काम किया जाएगा। इसको लेकर नयापुरा तालाब के पानी को पहले उपयोग लिया जाएगा।
क्षमता से कम फिर भी पर्याप्त पानी
नटनागरा तालाब की एक एमसीएम यानि मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता है। इसमें वतर्मान में नटनागरा तालाब में 0.8 एमसीएम पानी उपलब्ध है। नटनागरा में भीषण गर्मी में पानी रहने से आसपास की कॉलोनी के नलकूप बंद नहीं होते हैं। गत वर्ष भी अंतिम समय तक तालाब ने साथ नहीं छोड़ा था। इससे लोगों को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा। वहीं इस बार भी वर्तमान में तालाब में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। वहीं शहर का सबसे महत्वपूर्ण तालाब दिलावरा की क्षमता 3.7 एमसीएम है। इसमें वर्तमान में 1.1 एमसीएम पानी उपलब्ध है।
इनका कहना है
यह बात सही है कि तालाब की संग्रहण क्षमता की अपेक्षा पानी कम है। इसके बावजूद आपूर्ति हेतु पर्याप्त पानी मौजदू है। गर्मी में लोगों को पेयजल के लिए परेशान होने नहीं दिया जाएगा। तालाबों से ही पानी सप्लाय होगा। जरूरत पड़ी तो अन्य विकल्प भी अपनाएंगे।
नेहा महेश बोड़ाने, नपाध्यक्ष धार
फैक्ट फाईल
तालाब पानी
-दिलावरा -1.1
-नटनागरा -0.8
-सीतापाट -0.9
-नयापुरा -0.9
मीलियन क्यूबिक मीटर में
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