धार~मॉबलिचिंग-धार में अवैध पशु परिवहन संदेह में मारपीट, ड्रायवर के हाथ तोड़े, 5 अन्य भी पिटाए ~~
घायल ने कहा हमने भीड़ को पशु परिवहन के परमिट दिखाए, उन्होंने कागज फाड़ दिए फिर की पिटाई ~~
5 ट्रक ड्रायवरों के पास रखी करीब डेढ़ लाख की सिल्लक गायब, मामला जिला मुख्यालय धार का ~~
जिला मुख्यालय पर अवैध गौ परिवहन के संदेह में आधी रात को मॉबलिचिंग की घटना हुई है। हरियाणा-महारष्ट्र पासिंग 5 ट्रक ड्रायवरों और हेल्परों के साथ करीब 25 से 30 लोगों ने मारपीट की है। इस मारपीट में ट्रक ड्रायवर शमशेरसिंह के दोनों हाथ टूट गए हैं। शमशेर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर सोमवार को उनका आॅपरेशन किया जाना है। इधर वाहन के अन्य ड्रायवरों के साथ भी मारपीट की घटना हुई है। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। इधर भीड़ की मारपीट के दौरान ड्रायवरों के पास रखी गई सिल्लक भी गायब हो गई है। करीब डेढ़ से दो लाख रुपए मारपीट के दौरान निकाले गए है। मामला बुधवार-गुरुवार की दरम्यिानी रात का है। वाहनों में करीब 73 दूधारू पशु व भैंस के बछड़े पुलिस ने बरामद करके गौशाला भिजवा दिए हैं। इधर मारपीट करने वाले युवाओं की पुलिस पहचान कर रही है।
पुलिस भी मौजूद रहीं
इस मामले में घटना इस प्रकार सामने आई है कि अवैध रूप से गौवंश को स्लाटर हाऊस के लिए परिवहन करने की सूचना पुलिस के वरिष्ठों को मिली थी। इस सूचना के बाद पुलिस के अनिल शर्मा सहित अन्य जवान घटना की रात को धार में मांडव रोड पर पेट्रोल पंप के नजदीक पार्इंट बनाकर खड़े थे। इस दौरान महाराष्ट्र पासिंग वाहन रोका गया। इसी वाहन के पीछे चार हरियाणा पासिंग वाहन चल रहे थे। इनकी तिरपाल हटाकर देखा गया तो दूधारू पशु भरे हुए थे। वहीं 1 वाहन में भैंस के बच्चे भी बड़ी संख्या में भरे थे। इसके बाद अचानक एक साथ बड़ी संख्या में युवक पहुंचे और ड्रायवरों को पीटना शुरु कर दिया। पुलिस के करीब आधा दर्जन कर्मियों ने बड़ी संख्या में मौजूद युवाओं से ड्रायवरों को बचाया। इसके बाद सुबह वाहनों को थाने लाया गया और पशुओं को रात में ही गौशाला भेजा गया।
हम तो पालने वाले हैं, महंगी गाये लाए
शनिवार को धार पहुंचे पुणे-महाराष्ट्र के पशुपालकों ने बताया कि हम गाय मारने वाले नहीं, पालने वाले लोग है। हरियाणा से एचएफ नस्ल की गाय लाए थे। इसमें दूधारू पशु ही थे। वहीं कुछ पशु बच्चे सहित लाए थे। एक-एक गाय की कीमत 80 हजार से 1 लाख के बीच है। करीब 30-40 लाख रुपए का सौदा करके हरियाणा से गाय खरीदी थी।
बछड़े को जन्म दिया, पशु सुरक्षित
वाहनों में तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज किया है। इधर प्रकृति वात्सल्य गौशाला में पुलिस ने करीब 56 पशु भिजवाए है। इस गौशाला की संचालिका पशुप्रेमी विजया शर्मा है। गौशाला में पशुओं की स्थिति को लेकर पशुपालक चिंतित थे। उन्होंने कहा कि उनका दूध निकालना जरूरी है। कुछ गाय प्रसवकाल में चल रही है। उन्होंने गौशाला में जाने की कोशिश की। संचालिका ने कहा कि पुलिस कस्टडी से आए पशु है। उनकी अनुमति के बगैर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इधर कुछ पशुओं का स्वास्थ्य खराब होने पर संचालिका ने चिकित्सक को बुलाकर स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। गौशाला में गौवंश ने एक बछड़े को भी जन्म दिया है।
यह सही ठूंस-ठूंस कर भरे थे
इस पूरी घटना में पशु परिवहन में ट्रक चालकों की लापरवाही भी सामने आई है। कुछ वाहनों में पशु संख्या से अधिक ठूंस-ठूंस कर भरे गए थे। यह सब पशुक्रुरता के तहत दंडनीय है। सबसे अच्छी बात यह रही कि इस पूरे प्रकरण में ट्रक मालिक से लेकर ट्रक ड्रायवर, पशु विक्रय करने वाले और खरीदने वाले अधिकांश बहुसंख्यक वर्ग से है।
पुनर्रावृत्ति रोकना जरूरी
इस पूरे मामले में यदि पुलिस मौके पर नहीं होती तो बड़ा घटनाक्रम हो जाता। भीड़ का चेहरा नहीं था, इसलिए पहचान की भी दिक्कत हो सकती थी। संभवत: कानून व्यवस्था कटघरे में खड़ी हो जाती। इस तरह की घटना की पुनर्रावृत्ति ना हो इसको लेकर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रतापसिंह को इस मामले में ठोस कदम उठाने चाहिए।
चित्र है 18धार5- धार। गौशाला में जब्त दूधारू गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए चिकित्सक।
बॉक्स-1
हम भी गौ रक्षा करते पर ऐसा नहीं करते
अवैध पशु परिवहन के मामले में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद गौपालकों को इसकी जानकारी मिली। महाराष्ट्र के पुणे और नासिक से कृषक व गौपालक शनिवार को धार पहुंचे। इसमें आर्चिस सेठिया नाम के पुणे के गौपालक भी धार आए थे। श्री सेठिया महाराष्ट्र में भाजपा में पदाधिकारी भी है। उन्होंने बताया कि पशुपालन उनका काम है। हरियाणा से पशु खरीदे थे। उन्हें शुक्रवार को सूचना मिली कि धार में पुलिस ने अवैध पशु परिवहन को लेकर वाहन व पशु जब्त कर लिए है। ड्रायवरों के साथ मारपीट की गई है। श्री सेठिया ने कहा कि हम भी अपने क्षेत्र में गौरक्षा के लिए काम करते है। हमने कभी किसी के साथ इस तरह की हरकत नहीं की। हम कागज देखते हैं। जानकारी जुटाते हैं। वास्तविक गौपालक को पशु ले जाने देते हैं।
चित्र है 18धार7- महाराष्ट्र से आए पशुपालक मोबाईल में परमिट दिखाते हुए।
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पुलिस नहीं आती तो वह हमें मार देते
जिला अस्पताल के मेल वार्ड में 55 वर्षीय शमशेरसिंह भर्ती है। उसके पैरों में भी टांके आए है। प्रतिनिधि ने जब घटना की जानकारी ली तो उसने कहा कि हम लोग हरियाणा से पशुओं को लोड करके निकले थे। मेरा साथी गाड़ी चला रहा था। मैं सो रहा था। अचानक शोर की आवाज हुई। देखा तो वाहन रूका हुआ है और कुछ लोग ड्रायवर को पीट रहे हैं। मैंने उतरकर कहा कि हमारे पास कागज है, लेकिन उन्होंने कागज फाड़ दिए। इसके बाद कुछ लोगों ने मुझे लात, घूसे और लाठियों से पीटना शुरु कर दिया। मुझे और अन्य लोगों को पुलिस ने बचाया। पुलिस नहीं पहुंचती तो वह हमें पीट-पीटकर मार डालते। मेरे कंधे और दूसरे हाथ में फ्रेक्चर हुआ है। 25-30 साल से देश के अलग-अलग राज्यों में पशुओं को परिवहन करने का काम कर रहे हैं। मेरे साथ पहली मर्तबा ऐसी घटना धार में हुई है। इस रूट से हम पहले भी5-6 मर्तबा निकले हैं,लेकिन ऐसा माहौल अभी तक नहीं देखा।
चित्र है 18धार6- धार। जिला अस्पताल में भर्ती ड्रायवर शमशेर।
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जैसा हुआ वैसी रिपोर्ट नहीं लिखी
शनिवार को कोतवाली थाना परिसर में नासिक से मोहन कोकटिया पशुपालक और एहमद नगर के पिरता कदम, गोपाल यादव, अर्चिस सेठिया सहित हरियाणा से पशु खरीदने वाले पालक पहुंचे थे। उन्होंने घटना को लेकर ड्रायवरों से भी चर्चा की। वाहन के ड्रायवर संदीप सिंह, प्रवीण, संजय कुमार, जयसिंह ने बताया कि हम सभी ट्रक ड्रायवरों के पास नकदी रुपया था। किसी के पास 10 हजार था, किसी के पास 65 हजार था। एक राज्य से दूसरे राज्य वाहन ले जाने के दौरान हमें रास्ते में मदद के लिहाज से राशि दी जाती है। मारपीट के दौरान हमारे कपड़े के बेग चले गए। राशि छीन ली गई। गाड़ी में रखे जेक, टॉमी जैसे आवश्यक सामान भी गायब है। हमने इसकी रिपोर्ट लिखाना चाही, लेकिन जैसा हमारे घटा वैसी रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
चित्र है 18धार8- धार। दूसरे वाहन के ड्रायवर ने सुनाई आप बीती।



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