धार~अनिश्चितकालीन धरना- पुनर्वास पैकेज की मांग के आंदोलन में स्कूली विद्यार्थी भी आए मैदान में ~~

भांजे-भांजियों की सूनों मामा की तख्तियां लेकर रैली निकाली, धरने में भी हुए शामिल ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

नर्मदा पट्टी के डूब क्षेत्र निसरपुर में बड़ी संख्या में लोग पुनर्वास पैकेज से वंचित रह गए हैं। नर्मदा बचाओं आंदोलन के बैनर तले इनकी आवाज उठाई जाती थी। अब स्थानीय भाजपा इकाई को भी मैदान में आना पड़ा है। बीते 3 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना भाजपाईयों द्वारा  प्रारंभ किया गया है। इसमें पैकेज से वंचित लोगों की सूची लेकर कांग्रेस ने भी भाजपा के प्रदर्शन को बल दे दिया है। वहीं गुरुवार को स्कूली विद्यार्थी भी आंदोलन में कूद गए है। इनमें अधिकांश वह विद्यार्थी है जिनके पालकों को पुनर्वास पैकेज नहीं मिल पाया है। 
ज्ञापन सौंपा, रैली निकाली 
गुरुवार को बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी ‘मामा शिवराज भांजे भांजीयो की सुने अब पुकार’ और ‘हमारे माता पिता को दे पुनर्वास पैकेज की अनुदान राशि का लाभ’। इस तरह के नारे लिखी तख्तियां थमकर बच्चे रैली के रूप में क्षेत्र के प्रमुख मार्गों से होते हुए धरना स्थल पर पहुंचे। यहां पर नन्हें विद्यार्थी धरने में भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार कुणाल अवाश्या को सौंपा गया।  
बच्चे बोले पैकेज का वादा किया, निभाया नहीं 
छात्रा शीतल पाटीदार, प्रकृति पाटीदार,आशना पाटीदार, भूमिका उपवाल ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हमारा गांव निसरपुर सरदार सरोवर परियोजना शुरू से ही प्रवाहित है और आपके द्वारा डुब प्रभावित परिवारों को मकान बनाने हेतु पुनर्वास पैकेज 5 लाख 80 हज़ार रुपए का देने का वादा किया गया था और आपने बहुत से प्रभावित परिवारों को पैकेज प्रदान किया लेकिन अब अधिकारियों की लापरवाही के कारण हमारे माता पिताओं को पुनर्वास पैकेज की राशि प्राप्त नहीं हई है। 
सबके घर बन गए, हम पानी में 
छात्राओं ने बताया कि हम आज भी हमारे माता-पिता के साथ डूब के ग्राम में पानी के आसपास रह रहे हैं।  हमारे मकानों को पानीचारों ओर घेर लेता है फिर भी हम वहां रहने के लिए मजबूर है।  हमारे माता-पिता बहुत गरीब है और इसी कारण हम  पुनर्वास स्थल पर मकान निर्माण नहीं कर सकते। मामा जी आपसे आपके भांजा भांजी यही गुहार लगा रहे हैं कि हमारे माता-पिता को पुनर्वास पैकेज की राशि दें, जिससे हम व हमारे परिवार पुनर्वास स्थल पर मकान निर्माण कर अपना भविष्य बना सके। 

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