धार~पदोन्नति में आरक्षण के असंवेधानिक नियमों का स्पीक ने किया विरोध~~
प्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 को उच्चन्यायलय द्वारा2016 में अपास्त किए जिसके विरुद्ध म. प्र. शासन द्वारा अपील की जिसका निर्णय लंबित है। म. प्र.शासन द्वारा उक्त अपील पर शीघ्र निर्णय की पहल न करते हुए नए पदोन्नति नियम2022 का प्रारूप अधिसूचित करने जा रही है । इन नियमों से सामान्य,पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी/कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय होगा।
ये नियम मा.सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एम नागराज तथा जनरेल सिंह प्रकरण में निर्दिष्ट सिद्धांतों के विपरीत है जिसमें क्रीमीलेयर के सिद्धांत,पर्याप्त प्रतिनिधित्व के सिद्धांत और नियमों को लागू रखने की सीमा का उल्लेख नहीं है।
उक्त नियमों की आपत्ति प्रांत पदाधिकारियों द्वारा मंत्री समूह की बैठक और सामान्य प्रशासन विभाग को दर्ज की गई।
इस संबंध में स्पीक संस्था धार द्वारा कलेक्ट्रेट में माननीय मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम दीपश्रीे गुप्ता को सौंपा इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष हेमंत भोंसले, पंडित छोटू शास्त्री,अमिता वाजपाई,जितेंद्र शर्मा, प्रेम रावल,राजेंद्र चौहान,स्मृतिरत्न मिश्र,प्रमोद शर्मा, डी के उपाध्याय,रामकिशोर पांडे,राजेश गुंजाल,किशोर जैन, संयाजी मोहिते,अरुण सचान,तरुणा काले आदि उपस्थित थे।उक्त जानकारी जिला प्रवक्ता विपिन देशपांडे ने दी
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