बड़वानी~शिक्षक दिवस पर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन~~
*पुरानी पेंशन बहाली को लेकर रखा उपवास~~
अब तक शिक्षक दिवस को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और शिक्षक सम्मान का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन इस बार यह दिन इतिहास में पहली बार विरोध दिवस के रूप में दर्ज होगा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर 5 सितंबर को जिलेभर के शिक्षकों द्वारा गांधी समाधि स्थल कुकरा बसाहट बड़वानी पर एक दिवसीय उपवास रखकर सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम बहाली, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता व अव्यवहारिक इ-अटेंडेंस को बंद करने की मांग की ।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र जाधव का कहना है कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन से वंचित कर नई पेंशन स्कीम एनपीएस में डाल दिया गया। यह योजना पूरी तरह शेयर बाज़ार पर आधारित है। कई कर्मचारियों एनपीएस से रिटायरमेंट के बाद केवल 700-800 रुपये पेंशन मिल रही है, जो उनके बुढ़ापे को असुरक्षित बना रही है। संगठन का आरोप है कि देश के छोटे कर्मचारियों को तो पेंशन से वंचित कर दिया गया, जबकि सांसद, विधायक और उच्च पदस्थ अधिकारी आज भी आजीवन पेंशन का लाभ उठा रहे है।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला प्रभारी यशवंतसिंह चौहान का कहना है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक सम्मान का प्रतीक मानते हुए शिक्षक अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो यह पहली बार हो रहा है जब शिक्षक दिवस विरोध दिवस के रूप में मनाया जा रहा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के नेतृत्व ने वर्षभर के आंदोलन की रूपरेखा जारी कर दी है। प्रदेश और जिला स्तर पर उपवास के बाद राजधानी दिल्ली में विशाल प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। यह उपवास केवल शुरुआत है। यदि पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और भी व्यापक व निर्णायक रूप लेगा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला कोषाध्यक्ष कमल कुशवाह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली कर्मचारियों की जीवन सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। जब तक पुरानी पेंशन लागू नहीं होती, संघर्ष थमेगा नहीं। 5 सितंबर का उपवास सरकार को हमारी एकजुटता का स्पष्ट संदेश देगा।
महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमति विनीता मुलेवा ने सवाल उठाया कि पूर्व उपराष्ट्रपति को तीन-तीन पेंशन मिल सकती है, सांसद विधायक एक दिन की सदस्यता के बाद भी पेंशन पा सकते है, तो आखिर 30-35 साल सेवा करने वाले कर्मचारियों को क्यों वंचित किया गया? हमें एनपीएस नहीं चाहिए, केवल पुरानी पेंशन चाहिए।
*दिखावे का सम्मान नहीं,वाजिब हक दो*
राजपुर ब्लाक अध्यक्ष केशव यादव ने कहा कि शिक्षक दिवस पर जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर शासन - प्रशासन द्वारा भव्य शिक्षक सम्मान कार्यक्रम किए जाते हैं। लेकिन ये आयोजन बेमानी और मात्र दिखावा हैं । शिक्षकों को उनके मूलभूत और न्यायोचित अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों को लेकर लापरवाही और उदासीनता किस हद तक व्याप्त है इस बात का अंदाजा इसी तथ्य से आसानी से लगाया जा सकता है कि संभागीय उपयुक्त, सहायक आयुक्त से लेकर कोई भी अधिकारी शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। विगत 26 अगस्त को स्थानीय संसद गजेन्द्र सिंह पटेल द्वारा आयुक्त को पत्र लिखकर शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की मांग की गई थी। इसमें एक वर्ष से लंबित प्राथमिक शिक्षकों के उच्च प्रभार, संविदा शिक्षकों के संविलयन और 12 /24 वर्ष की सेवावधि पूर्ण कर चुके प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों की क्रमोन्नति शिक्षक दिवस के पूर्व दिए जाने संबंधी लंबित मामलों का उल्लेख किया गया। लेकिन उसके बावजूद आज तक भी किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नही की गई है ।
इस अवसर पर महिला मोर्चा जिला प्रभारी श्रीमती जागृति परिहार,सुनील मुकाती, राकेश बच्चन, धर्मेंद्र भावसार,राजेश जोशी, राजपालसिंह तोमर, नारायण चौहान, निलेश भावसार के सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।

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