धार~अपहृत युवक का शव मिला, पुलिस-प्रशासन ने आरोपित के मकान-दुकान पर चलाई जेसीबी~~
 
जिला प्रशासन ने ग्राम धन्नड़खुर्द में आरोपी के कब्जे से 2 करोड़ कीमत की 15 हजार 950 वर्गफीट सरकारी भूमि कराई मुक्त ~~

6 थानों का पुलिस बल रहा मौजूद, हिन्दू संगठनों और मृतक के परिजनों ने किया प्रदर्शन ~~

अपहरण के बाद युवक को बेदर्दी से मारा, मौत होने के बाद जमीन में गाड़ दिया था शव, पीएम में सिर में चोंट के अलावा पसलिया टूटने की बात आई सामने ~~

हत्या का कारण युवती के प्रति आरोपी का झुकाव और युवती का मृतक के साथ दोस्ताना रहा है
 
धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

 जिला प्रशासन ने शुक्रवार को पीथमपुर के ग्राम धन्नड़ में हत्या के 1 आरोपी के मकान और फैक्ट्री को जमींदोज करने की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान करीब 1 करोड़ 91हजार 40 हजार (बाजार मूल्य) कीमत की  शासकीय जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई है। प्रशासन ने यह कार्रवाई आरोपित द्वारा युवक की हत्या करने और शव घर में गाड़ने की स्वीकृति के बाद की गई खुदाई में शव बरामद करने के बाद की है। उल्लेखनीय है कि मृतक युवक रूपेश पिता नत्थू बिरला 11 अक्टूबर को गायब हुआ था। इस मामले में युवक की महिला मित्र ने आरोपित आशिक पटेल पर संदेह जताया था। पुलिस ने इसके बाद आशिक सहित अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ में आरोपितों ने वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया था। इधर गुरुवार को ग्राम धन्नड़ में 6 थानों का पुलिस बल सहित प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर हर कोई हतप्रभ था। इसके बाद बुलडोजर, जेसीबी  लाए गए और एक के बाद एक आरोपित की सरकारी जमीन पर बनी संपत्तियां तोड़ दी गई। 
अलसुबह धन्नड़ में खुदाई कर निकाला शव 
मुख्य आरोपित आशिक पटेल सहित पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया है। जिसमें अल्केश मिश्रा, अंकुश दुबे, सुरेन्द्र पिता राज यादव, रवि मंडल और राहुल मंडल शामिल है। आशिक को बुधवार को ही हिरासत में ले लिया गया था। 24 घंटे की पूछताछ में उसने रूपेश की हत्या करने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर अलसुबह 5 बजे गांव पहुंचकर खुदाई करवाई। इस दौरान जमीन से शव निकाला गया।  
आशिकी में हुई हत्या 
प्रारंभिक तौर पर हत्या का मुख्य कारण आशिक पटेल के यहां काम करने वाली युवती से मृतक के मेल-मिलाप को माना जा रहा है। युवक से परिचय होने के बाद आशिक के यहां काम कर रही युवती ने अपना ठिकाना बदल लिया था और मृतक की नजदीक की कॉलोनी में रहने लगी थी। इस बात को लेकर आशिक नाराज था और उसने युवक को भी धमकाया था और युवती को भी मृतक से दूर रहने की बात कह रहा था। जिस दिन युवक गायब हुआ उसके बाद युवती ने पुलिस के समक्ष आशिक पटेल पर अपहरण करने का संदेह व्यक्त किया था। चूंकि आरोपित आशिक राजनैतिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ एवं आर्थिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति था। पुलिस ने सीधे कार्रवाई की बजाय पहले तार जोडेÞ। युवक की मोबाईल कॉल डिटेल में उसका अल्केश और अंकुश से बात होने और उनके साथ जाने की बात सामने आई। इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके सभी को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि आरोपी आशिक भी युवती पर जान छिड़कता था। 
पसलिया टूटी, सिर में भी चोंटे 
युवक का शव बरामद करने के बाद उसका पीएम करवाया गया। प्रारंभिक तौर पर युवत की पसलिया टूटी होने और सिर पर चोंट से रक्त स्त्राव होने की बात सामने आई है। संभावना है कि आशिक ने दोनों युवकों के माध्यम से मृतक युवक रूपेश को अपने यहां बुलाया और अपने अन्य साथियों की मदद से उसके साथ लगातार मारपीट की। इस दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आरोपियों ने घटना को छूपाने के लिए युवक का शव जमीन गाड़ दिया। 
हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन, 354 भी लगाई 
घटना को लेकर हिन्दू संगठनों ने भी प्रदर्शन किया। युवक का शव मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया। प्रशासन ने बुलडोजर-जेसीबी कार्रवाई के   माध्यम से ना सिर्फ शासकीय जमीन मुक्त कराई बल्कि आक्रोश को भी शांत किया है। इधर मृतक की महिला मित्र अनु चौरसिया की रिपोर्ट पर पुलिस ने आशिक के विरुद्ध 354 में प्रकरण दर्ज किया है। कॉल डिटेल सहित अन्य जानकारियों में आशिक द्वारा धमकाने और परेशान करने की बात सामने आई है। 
कार्रवाई में लेटलतीफी पर नाराजगी 
पीएम रिपोर्ट अभी स्पष्ट रूप से नहीं आई है, लेकिन चिकित्सक का एक विडियो वायरल हो रहा है जिसमें युवक की मौत शव बरामद होने से 12 घंटे पहले होने की बात कही जा रही है। आरोपित आशिक पटेल इस दौरान पुलिस हिरासत में था। ऐसे में डॉक्टर के सार्वजनिक बयान को लेकर सवाल उठने लगे है। इधर पीथमपुर पुलिस को लेकर भी लोगों में नाराजगी है। युवक के लापता होने के बाद आशिक पटेल पर सीधे संदेह प्रकट करने के बावजूद कार्रवाई में लेटलतीफी  किए जाने की बात कही जा रही है। इधर डॉक्टर के बयान ने आग में घी का काम किया है। हालांकि कुछ लोग 48 घंटे में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और शव को बरामद करना पुलिस की सफलता बता रहे हैं।  

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