भोपाल~"हीरा" के माथे विवाह मुकुट : कांग्रेस में आदिवासी ताकत दिखाने की होड़~~

जयस नेता शादी के बहाने दिखाएंगे ताकत~~

भोपाल सैयद रिजवान अली ~~

अगले बरस होने वाले मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस ने अपने अपने कमान कसना शुरू कर दिए हैं। तरकश में आदिवासी वोटर्स के तीर जमा करने की होड़ भी शुरू हो गई है। भाजपा राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री की मौजूदगी वाला एक बड़ा आयोजन कर इस समुदाय के लिए बाहें फैला चुकी है। शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री की राजधानी आमद भी इसी श्रृंखला का हिस्सा मानी जा रही है। ऐसे में कांग्रेस ने भी अपने इस संरक्षित और सुरक्षित वोट बैंक को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। संजोग पार्टी के विधायक और आदिवासी नेता के विवाह समारोह का बन गया है।
कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा लाल अलावा अगले महीने दुल्हा बनने जा रहे हैं। शादी की दावत में उन्होंने 25 हजार से अधिक कांग्रेस व जयस कार्यकर्ताओं को न्यौता भेजा है। एम्स दिल्ली में सहायक प्राध्यापक की नौकरी छोड़कर कांग्रेस से विधायक बने 39 साल के इस डॉक्टर को धमतरी की जागृति पसंद आ गई है। जो खुdद भी डॉक्टर है,शादी की दावत उन्होंने धार जिले के अपने गांव भैसलाई में रखी है। इस दावत के बहाने डॉ. हीरा अलावा कांग्रेस और जयस से जुड़े आदिवासी युवाओं के बीच अपनी ताकत भी दिखाने जा रहे हैं। खास बात यह है कि डाॅ. हीरा अलावा के विवाह की दावत पूरी रात चलेगी। निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया के जरिये भी भेजे जा रहे हैं।

पूरे देश में है नेटवर्क
आदिवासी संगठन जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते डॉ हीरालाल अलावा का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। आदिवासियों को लेकर कई बड़े आयोजन कर चुके डॉ अलावा ठेठ आदिवासी इलाके मनावर के ग्रामीण अंचल से ताल्लुक रखते हैं। इसके चलते उनके विवाह समारोह में क्षेत्र के अलावा देशभर के आदिवासी नेता, कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिकों के आलावा अन्य समाजजन मौजूद रहने वाले हैं।

अरुण ने छेड़ा नया राग
दो दिन पहले राजधानी भोपाल में हुई कांग्रेस के वरिष्ठजनों की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने जातिगत आधार पर मौजूद उपस्थिति को केंद्र में रखते हुए प्रतिनिधित्व देने की बात कही है। यादव की ये बात हालांकि प्रदेश में मौजूद यादव वोटर्स को ध्यान में रखते हुए कही गई मानी जा रही। लेकिन यदि कांग्रेस का केंद्रीय अमला इस बात पर सहमत होता है तो आदिवासी वोटर्स की तादाद के आधार पर बड़ा फायदा डॉ हीरालाल अलावा को ही मिलेगा।

उठती रही है आदिवासी सीएम की मांग
कांग्रेस सत्ताकाल में अक्सर आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठती रही है। प्रदेश में मौजूद आदिवासी तादाद को देखते हुए कांग्रेस ने दो बार आदिवासी उप मुख्यमंत्री बनाए भी हैं। धार जिले की मनावर तहसील के गंधवानी से ताल्लुक रखने वाले स्व शिवभानु सोलंकी इस कड़ी के पहले नेता थे। बाद में इसी जिले की कुक्षी तहसील की स्व जमुना देवी को ये मौका दिया गया था। आदिवासी वोट बैंक सहेजने के लिए कांग्रेस ने बड़वानी जिले के राजपुर से विधायक बाला बच्चन को नेता प्रतिपक्ष और सत्ता काल में गृह मंत्री भी बनाया है।

भाजपा भी लगा रही है निशाना
प्रदेश में आदिवासी वोट की ताकत को देखते हुए भाजपा ने इस आसान टारगेट पर निशाना साधना शुरू किया है। करीब पांच महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी भोपाल में जनजातीय सम्मेलन में इस समुदाय के लिए तोहफों की बारिश कर इस अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भोपाल यात्रा को भी इसी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। इस शुरुआत के बाद भाजपा के पास आदिवासी वोट सहेजने का एक बड़ा एजेंडा तैयार बताया जा रहा है। जिसपर चुनाव के करीब आने के साथ तेज कदम होते जाने की उम्मीद की जा रही है।
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