*दिनांक 23 सितंबर के बाद चीन के साथ और बिगडेंगे हालात* ( डाँ. अशोक शास्त्री )
~चीन संग और बिगड़ेंगे हालात , क्या होगा दिनांक 23 सितंबर के बाद जब राहु आएगा वृष राशि में ।
~चीन संग और बिगड़ेंगे हालात
~अधिक संवेदनशील वृषभ राशि में राहु का गोचर
~कुछ महीने संवेदनशील रहेंगे भारत के लिए
~भारत पर युद्ध और किसी बड़े नेता के साथ अनहोनी घटना
~यूनिफार्म सिविल कोड जैसा कानून लागू करना हो भी सकता है
~पिछले सालो में जब राहु वृष राशि तब भारत में अनहोनी घटना
~23 सितंबर को दो पाप ग्रह राहु और केतु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। ये दोनों ग्रह हमेशा आमने-सामने रहते हैं। इन दोनों ग्रहों का राशि परिवर्तन राशियों को जहां प्रभावित करेगा वहीं भारत और देश के प्रधानमंत्री की कुंडली पर भी असर डालेगा ।
~पिछले सालो में जब जब राहु वृष राशि में आया है तब तब भारत के लिए संवेदनशील हुआ है ।
~राहु वृष राशि में 01 मई, 1946 नवंबर 18, 1947
~भारत की आजादी और बटवारे के समय हुए सांप्रदायिक दंगों
~राहु वृष राशि में 05 दिसंबर, 1964 जून 24, 1966
~भारत-पाक युद्ध 1965
~श्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मृत्यु 11 जनवरी 1966
~राहु वृष राशि में 13 जुलाई, 1983 जनवरी 29, 1985
~ऑपरेशन ब्लू स्टार 1 जून 1984 – 8 जून 1984
~इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984
~राहु वृष राशि में 16 फरवरी, 2002 सितंबर 05, 2003
~गुजरात गोधरा काण्ड 27 फ़रवरी 2002
*राहु वृष राशि में 23 सितंबर, 2020 अप्रैल 12, 2022*
*अधिक संवेदनशील वृषभ राशि में राहु का गोचर* ( डाँ. अशोक शास्त्री )
ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री के अनुसार वृषभ राशि में राहु का गोचर मनुष्यों को दुःख देने वाला तथा दुर्भिक्ष कारक कहा गया है । भारत के संदर्भ में अन्य देशों की तुलना में वृषभ राशि में राहु का गोचर अधिक संवेदनशील पाया गया है । भारत की आजादी और बटवारे के समय हुए सांप्रदायिक दंगों के समय राहु वृषभ राशि में गोचर कर रहा था । वर्ष 1965 में हुए भारत - पाक युद्ध तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमय मृत्यु के समय भी राहु वृषभ राशि में गोचर कर रहा था ।
*कुछ महीने संवेदनशील रहेंगे भारत के लिए* ( डाँ. अशोक शास्त्री )
ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री ने कहा कि ठीक 18 वर्ष बाद जब राहु पुनः वृषभ राशि में पहुंचे तो ऑपरेशन ब्लू स्टार , तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और सांप्रदायिक दंगों ने भारत की आत्मा को झकझोर दिया था । दिसंबर 2001 में संसद पर आतंकी हमले तथा कुछ महीनों बाद हुए गुजरात दंगों के समय भी राहु वृषभ राशि में गोचर कर रहा था । डाँ. शास्त्री के मुताबिक दिनांक 23 सितंबर को राहु पुनः वृषभ राशि में आ रहे हैं । यहां राहु 18 महीनों तक रहेंगे । ऐसे में कोरोना महामारी , आर्थिक मंदी और सीमा पर चीन की आक्रामकता से जूझ रहे भारत के लिए अगले कुछ महीने बेहद संवेदनशील होने वाले हैं ।
*राहु-केतु का प्रभाव आजाद भारत और प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली पर* ( डाँ. अशोक शास्त्री )
ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री के मुताबिक दिनांक 17 सितंबर 1950 को पैदा हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है और आजाद भारत की कुंडली वृष लग्न की है । वृश्चिक और वृष राशि दोनों एक दूसरे से समसप्तक यानि 1/7 ( आमने - सामने ) के अक्ष पर हैं । इसलिए राहु के वृषभ राशि में और केतु के वृश्चिक राशि में गोचर के समय आज़ाद भारत की कुंडली तथा प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली दोनों का लग्न और सप्तम भाव इन पाप ग्रहों के फंदों में जकड़ जाएगा । आज़ाद भारत की कुंडली में अभी चंद्रमा में शनि की अशुभ दशा चल रही है जो कि अगले वर्ष जुलाई के महीने तक चलेगी । डाँ. शास्त्री ने कहा कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी चंद्रमा में सूर्य की विंशोत्तरी दशा में चल रहे हैं जो कि उनकी कुंडली में पाप ग्रहों से प्रभावित हैं । प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में चंद्रमा नीच का होकर संघर्ष स्थान यानी छठे भाव के स्वामी पाप ग्रह मंगल से युक्त है जबकि सूर्य की केतु से युति उनके स्वस्थ्य और सुरक्षा को लेकर अगले 18 महीने कुछ संवेदनशील स्थिति का निर्माण कर रहें हैं ।
*बिगड़ सकती है स्थिति और चीन संग*
ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री ने बताया कि राहु के वृषभ राशि में गोचर से कुछ दिन बाद सूर्य दिनांक 17 अक्टूबर को अपनी नीच राशि तुला में पहुंच कर शनि की दसवीं दृष्टि तथा मंगल की आठवीं दृष्टि से पीड़ित होंगे जिसके फलस्वरूप चीन से हालात और बिगड़ सकते हैं । शेयर बाजार में भारी गिरावट तथा सोने में तेजी का योग बनेगा । राहु का वृष में आना तथा सूर्य का भी पीड़ित होना दिनांक 17 अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच भारत पर युद्ध और किसी बड़े नेता के साथ अनहोनी घटना का योग बना रहा है जिससे देश में विचित्र स्थिति का निर्माण हो सकता है । अगले वर्ष फरवरी माह में 6 ग्रहों की मकर में युति , मंगल का मेष में गोचर तथा राहु का वृष में होना सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने का योग बना सकता है । जिसका कारण यूनिफार्म सिविल कोड जैसा कानून सरकार के द्वारा आनन - फानन में लागू करना हो भी सकता है । ऐसे में सत्तारुढ़ दल को संभलकर चलने की जरूरत होगी , जनता का विश्वास खासकर युवाओं में अपना प्रभाव बनाए रखना बेहद जरूरी होगा । ( डाँ. अशोक शास्त्री )
*ज्योतिषाचार्य*
डाँ. पं. अशोक नारायण शास्त्री
श्री मंगलप्रद् ज्योतिष कार्यालय
245, एम. जी. रोड ( आनंद चौपाटी ) धार, एम. पी.
मो. नं. 9425491351
*--: शुभम् भवतु :--*
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