*ऩेमावर~केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची देवास के नेमावर आचार्य संत विद्यासागर महाराज के दर्शन कर  लिया आशीर्वाद*~~

अनिल उपाध्याय ऩेमावर~~

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी शनिवार दोपहर देवास जिले के नेमावर हेलीकॉप्टर से पहुंची और जैन मुनि संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया तत्पश्चात आप हैंडलूम फैब्रिक सेंटर की कार्यप्रणाली का निरीक्षण करने पहुँची।

विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कुर्सी पर बैठने से यह कह कर मनाकर दिया कि सत्य के सामने में कुर्सी पर नही बैठ सकती।
आध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए मानवता को परिभाषित करते हुए आचार्य श्री विद्यासागरजी और मुनिसंघ का आशीर्वाद आज प्राप्त हुआ।
आचार्यश्री के प्रकल्प के माध्यम से हिंसा के अवगुणों को लेकर भी जेल में बंद कैदी आध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए हथकरघा के माध्यम से संतों का सानिध्य प्राप्त कर रहे हैं।
अहिंसा के मार्ग पर चलना, स्वावलंबन के साथ जीना और प्रभु का स्मरण करते हुए समाज के संरक्षण में अपने आप को समर्पित करने का भाव आपके माध्यम से जो जनमानस में जागृत हुआ है उसके लिए मैं आपके श्रीचरणों में सादर वंदन करती हूँ। 
आपके शुभाशीष से ब्रम्ह्चारिणी बहिने शिक्षा का आशीर्वाद बेटियों को दे रही हैं, हथकरघा के माध्यम से सूत को काटकर संस्कार भरा वस्त्र निर्मित किया जा रहा है। आपके दिखाए मार्ग पर चलकर शिल्प की दुनिया के लोगों को जोड़कर भारत के भविष्य का वो अपने हाथों से निर्माण कर रहे हैं। राष्ट्र कीर्ति के पथ पर हम सभी सदैव चलें ऐसा आशीष आपसे मांगती हूँ।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आचार्यश्री से निवेदन किया कि ससंघ देश की राजधानी दिल्ली आएं। 

आचार्य श्री:

विशेष रुप से विशेष विषय को लेकर जिज्ञासू (मंत्री महोदय) दूरी को दूर करते हुए आज यहां आए हैं। अपने व्यस्ततम समय से समय निकालकर जनता के कल्याण की भावनाओं को लेकर संस्कारित जीवन निर्मित हो देश के कल्याण के साथ राष्ट्र भाव सदैव बना रहे।  यही भाव देश की जनता में भी आए, इन सब भावों को लेकर महोदया आई हैं।

जैन समाज के प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी, पुनीत जैन ने बताया आचार्यश्री ने राष्ट्र उत्थान पर केंद्रित करते हुए अपने उदगार में कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए कई वर्ष होने के बावजूद पूर्व स्थिति में नहीं आए।

हमें भारत को आगे बढ़ाने के साथ-साथ संस्कारित करने की दिशा में भी काम करना चाहिए।
हमें अपनी संस्कृति में पुनः लौटना है। हमे अपनी संस्कृति के अनुसार ही विश्व पटल पर भारत को आदर्श बनाना चाहिए।

भारत तो विश्व गुरु था और रहेगा। भारत की जीवंत संस्कृति यदि कोई है तो वह अहिंसा ही है।
भारतीय अर्थशास्त्रियों के भरोसे ही अमेरिका अपनी मंदी से उबरने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगा है। 

हम राष्ट्र के प्रति आस्थावान और समर्पित होकर रहेंगे तो देश को कोई हिला नहीं पाएगा।

हथकरघा, अंबर चरखा और हतशिल्प के कारण तिहाड़ जेल में हुंकार भरने वाले कैदी प्रार्थना कर रहे हैं, हिंसा को भूल गए हैं। कैदियों के जीवन में परिवर्तन आ रहा है।

व्यापार से धन नहीं बढ़ता, श्रम करने से बढ़ता है। जो व्यक्ति श्रम करेगा, वो कभी भूखा नहीं सोएगा। श्रमण शब्द की उत्पत्ति श्रमदान से ही हुई है।

भारत वासना, विलासिता को नहीं बल्कि उपासना और साधना को पूजने वाला देश है। हमारी दृष्टि अखंड भारत की ओर होना चाहिए।

भारत हमेशा भगवान का भक्त रहा है। राम से नहीं राम नाम का सच्चा सुमिरन करने से ही सारे काम हो जाते हैं। श्रीराम के नाम के जाप के सहारे ही हनुमानजी ने कई बाधाओं को लांघकर अविस्मरणीय कार्य किए। 

इस अवसर पर आचार्यश्री ने देश की सीमा पर सुरक्षा में लगे सैनिकों की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
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इससे पूर्व हेलीपेड पर भाजपा संगठन की ओर से खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, भाजपा जिला महामंत्री नंदू चौधरी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राजावत, मंगलेश यादव, कचरु पटेल, सोहन पटेल अनुराधा जोशी आदि ने स्वागत किया।
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सक्रिय सम्यक सहकार संघ की ओर से सुशीला पाटनी एवं ब्रम्हचारी सुनील भैयाजी ने हथकरघा से बनी साडी भेंट की।
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ट्रस्ट कमिटी की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेशचंद काला, दिलीप सेठी, राजिव कटनेरा, महेंद्र अजमेरा ने कलश और जैन साहित्य भेंट कर स्मृति ईरानी को सम्मानित किया।
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लगभग ढाई घंटे जैन मंदिर परिसर पर रही स्मृति ईरानी ने आचार्यश्री के आशीर्वाद से चलने वाले समाजसेवा के विभिन्न प्रकल्पों हथकरघा, हस्तशिल्प, प्रतिभास्थली, मातृभाषा हिन्दी जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर आचार्यश्री से लम्बी चर्चा की। इसके साथ ही बारीकी से हथकरघा से निर्मित वस्त्र, हस्तशिल्प से बनी विभिन्न वस्तुओं का अवलोकन किया।


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