बड़वानी~जीवन में अंतिम क्षणों तक क्रियाशील बने रहना ही सुखद वृद्धावस्था-न्यायाधीश जोशी~~

बड़वानी /समाज में ऐसे कई वरिष्ठजन विभिन्न सेवाओं के साथ-साथ पारिवारिक व्यवसाय में जीवन के अंतिम पड़ाव तक क्रियाशील बने रहते हैं। फलस्वरूप कभी सेवानिवृत्ति एवं वृद्धवस्था का आभास नहीं होता है ।
उक्त बातें विश्व वरिष्ठजन दिवस के अवसर पर ‘अपना घर’ वृद्धाश्रम में आयोजित विधिक साक्षरता सह वरिष्ठजन संबल शिविर के दौरा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश श्री हेमन्त जोशी ने कही। इस अवसर पर उपस्थित तृतीय अपर जिला न्यायाधीश श्री आशुतोष अग्रवाल ने वरिष्ठों को अनुभव का सागर बताते हुए उनके अनुभवों को आत्मसात करने की बात उपस्थितों एवं नर्सिंग छात्राओं से कही। पूर्व कुलपति एवं आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी के सचिव डाॅ. शिवनारायण यादव ने अपने अनुभवों को साझा कर वरिष्ठजनों के जीवन्त उदाहरणों के द्वारा विद्यार्थियों को प्रेरक जानकारियों से रूबरू कराया एवं जीवन में सकारात्मक सोच सदैव बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया।
इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री सिंह द्वारा आधुनिक समाज में बुजुर्गों के प्रति बदलते दृष्टीकोण के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए युवाओं से बुजूर्गों के प्रति सद्भावना की बात कही।
इस दौरान अपना घर के वरिष्ठजनों का अतिथियों के द्वारा फूलमाला पहनाकर सम्मान के साथ फल वितरित किये गए।
वरिष्ठजनों एवं न्यायाधीशगणों ने पंचमुखी हनुमान पहाड़ी पर करंज के पौधे रोपकर उसे सींचकर बड़ा करने के लिए विद्यार्थियों एवं उपस्थितों को दायित्व सौपा।
शिविर में वरिष्ठजन श्री बी.एन दुबे एवं पैरालिगल वालेन्टियर सचिन दुबे, मणीराम नायडू, पी.एन. पाटीदार, श्रीमती नीता दुबे, मनीष पाटीदार, डाॅ. संजय राठौर, अमित भावरे, हिमांशु वाबले, दुरसिंग गुथरे, प्रदीप किराड़े आदि उपस्थित थे।


Share To:

Post A Comment: