खंडवा~हादसा से लापता बालक की तीसरे दिन तलाश में जुटी पुलिस~~
रवि कुमार खंडवा~~
प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है।बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। 30 घंटे से लापता बालक की तलाश में पुलिस अब भी जुंटी हुइ है। शनिवार से तवा डैम के 11 गेट फिर खोले दिये गये है। 7 फीट उंचे किये गये गेट से 1.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उधर गुरूवार को नर्मदा घाटी के जिले के इंदिरा सागर बांध के गेट और बकेट का परीक्षण करने के आये केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र पुणे के दल के दौरान बांध के सभी 20 गेट खोले गये जिसके परिणाम में नर्मदा का जलस्तर बढ़ने पर वनग्राम चिकढालिया निवासी संजय पिता सुनील (16) तेज बहाव का शिकार हो गया। घटना के 45 घंटे बाद तक शनिवार को भी लापता बालक का कोई पता नहीं लग सका है। तवा बांध से छोडा गया पानी आगे बढकर इंदिरा सागर बांध में पहुंचता है।
ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार दोपहर को वह बकरी चराने अपने साथियों के साथ बांध के बैकवाटर किनारे गया था। इस दौरान अचानक नर्मदा का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ की चपेट में आ गया। बताया जाता है कि उसके साथ एक अन्य ग्रामीण भी बहा था लेकिन तैरना आने से उसकी जान बच गई। शुक्रवार को परिजनों ने नर्मदानगर थाने पहुंच कर पुलिस को सूचना दी है। पुलिस द्वारा आसपास के थानों, नाविकों और वन चैकी को सूचना देकर बालक की तलाश की जा रही है।
इंदिरासागर बांध से 22 अगस्त को सुबह 11 बजे से डेढ़ बजे के बीच सभी 20 गेट जरूरत के अनुसार खोलकर करीब 8000 क्यूमैक्स पानी तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी में नर्मदा में छोड़ा गया था। दल के विशेषज्ञ व वैज्ञानिकों द्वारा इंदिरासागर बांध के सामने बनी बकेट के मॉडल का तकनीकी परीक्षण और अध्ययन करने के लिए गेट खोले गए थे। इस दौरान बांध के 12 गेट को तीन मीटर तक और आठ गेट एक मीटर तक खोलकर पानी छोड़ा गया था। करीब सात वर्ष बाद इस बांध के 20 गेट खोलने से नर्मदा में उफान आ गया था।
चिकढालिया के ग्रामीणों का कहना है कि विगत एक सप्ताह से बांध के गेट जरूरत के अनुसार खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी मात्रा नियंत्रित रहने से नर्मदा का उफान भी कम रहा लेकिन 22 अगस्त को एक साथ सभी 20 गेट खुलने पर जलस्तर एकाएक इतना बढ़ने की उम्मीद नहीं थी। यही कारण है कि ग्राम चिकढालिया के तीन नाबालिग बांध से लगभग चार किलोमीटर दूर निचले हिस्से में बकरी चराने गए थे। यहां एक टापू पर कुछ लोग निजी उपयोग के लिए मछली पकड़ने से संजय भी वहां चला गया। इस दौरान नर्मदा में अचानक पानी बढ़ जाने से रायसिंह पिता रामकिशन (50) तथा संजय तेज बहाव में बहने लगे। रायसिंह को तैरना आने के बाद भी बड़ी मशक्कत के बाद वह बच सका। लेकिन नाबालिग संजय का कोई सुराग नहीं लग सका है। संजय के परिजन ने बताया कि गुरुवार सुबह संजय बकरियां चराने घर से निकला था। अचानक नर्मदा का पानी बढ़ने से वह तेज बहाव में बह गया। इसके पहले नर्मदा का पानी इतनी तेजी से नहीं बढ़ा था।
ग्राम चिकढालिया के सरपंच बलीराम ने बताया कि तेज बहाव में बालक के बहने की सूचना नर्मदानगर थाने में परिजनों के साथ जाकर दे गई है। इतनी मात्रा में पानी बढ़ने की सूचना एनएचडीसी या प्रशासन की ओर से गुरुवार को नहीं मिली।
इस मामले मे पुनासा एसडीएम ममता खेडे ने कहा कि घटी के जिले के द्वय बांध इंदिरासागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट एक सप्ताह से खुले हुए है। इसकी पूर्व सूचना निचले क्षेत्र के गांवों, नाविकों और मछुआरों की दी जा चुकी है। बांध के गेट की संख्या बढ़ाकर परीक्षण की सूचना गुरुवार सुबह मिलने पर तत्काल पटवारी और ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच को देकर इंदिरासागर बांध के निचले हिस्से में सूचना जारी करवा दी गई थी।
इन्होने कहा
ग्राम चिकढालिया का बालक संजय गुरुवार दोपहर को नर्मदा की बाढ़ में बहने की सूचना परिजनों ने दी है। बांध के निचले हिस्से में बालक की तलाश की जा रही है। सभी थानों और नाविकों को सूचना दे दी है। बालक वहां बकरी चराने के लिए जाने की बात कही जा रही है।
गणपतसिंह कनेल, थाना प्रभारी नर्मदानगर
---------------
Post A Comment: