*सेगाव~ग्राम पंचायत सेगाव के सचिव को लापरवाही बरतने पर जारी होगा शोकास नोटिस...जनसुनवाई में आई शिकायतो का समय सीमा में  नहीं किया गया निराकरण तो सचिव के खिलाफ उचित कार्यवाही के लिए लिखेंगे वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र...*~~

*प.महामना स्कूल के रास्ते पर फेल रही गंदगी को लेकर स्कूल संचालक द्वारा की गई शिकायत पर बोले नायब तहसीलदार राकेश बर्डे....*~~

*समय सीमा में समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर पाठक ने जनसुनवाई पर भी लगाया सवालिया निशान...*~~

*मौके पर पहुंचे सचिव ने शोकेस नोटिस पर दिया अपना  स्पष्टीकरण....*~~

✍सेगाव से संतोष गोयल की रिपोर्ट✍

*सेगाव*_मुख्यालय पर आज जनपद सभागृह में तहसील स्तरीय जनसुनवाई की गई ,जिसमें नगर के प.महामना स्कूल संचालक संजीव पाठक और प्राचार्या श्रीमती नीना पाठक द्वारा स्कूल मार्ग पर परसी गंदगी को लेकर एक बार फिर से आवेदन देकर यह गुहार लगाई कि स्कूल के आसपास फेली गंदगी से स्कूल में अध्ययन के लिए आने वाले  छात्र_छात्राओं के आने जाने के रास्ते  मे परेशानी का साम ना करना पड़ रहा है।पाठक द्वारा नायब तहसीलदार राकेश बर्डे को यह भी बताया गया कि इस सम्बन्ध में यह तीसरा आवेदन हैं पूर्व में दिए गए आवेदनों का आज तक कोई ठोस निराकरण नहीं हुआ हे।जिसके चलते उन्होंने जनसुनवाई पर भी सवालिया निशान खड़ा किया हैं।
   उधर जब इस सम्बन्ध में नायब तहसीलदार राकेश बर्डे  में बताया कि आवेदन अनुसार सचिव को समस्या से अवगत करा दिया गया था परन्तु सचिव द्वारा लापरवाही की जा रही है जिसको लेकर उन्हें शोकास नोटिस भेजकर जवाब मांगा जावेगा।
  मौके पर पहुंचे सचिव संतोष राठौड़ द्वारा शोकास नोटिस जारी करने की बात पर नायब तहसीलदार बर्डे को अपना स्पस्टीकरन देते हुए कहा कि इस समस्या को प्राथमिकता से लिया गया है और जल्द ही फेली गंदगी को दूर करने का प्रयास करेंगे।
*सीईओ को बताई समस्या ... झाड़ा पल्ला...*
जनसुनवाई में जब सीईओ शैलेन्द्र शर्मा को नगर के मुख्य मार्गो पर नाली का निकास नहीं होने के कारण बारिश का पानी सड़क के दोनों ओर गड्डो में इकट्ठा हो जाता है और उस पानी से कीचड़ हो जाता है जिससे राहगीरों और यात्रियों का पैदल चलना भी दुर्लभ हो जाता है के संबंध मे अवगत कराया गया तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए एक टूक में यह जवाब दे डाला कि बारिश में सब कुछ होता हैं...जबकि सवाल यह था कि बारिश के चलते सड़क के दोनों ओर पानी की निकासी के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी...।

✍सेगाव से संतोष गोयल की रिपोर्ट✍


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