*छतरपुर~श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय की नई उड़ान*~~
*अंग्रेजी शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से हुआ समझौता*~~
*प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की मौजूदगी में हुआ करार*~~
छतरपुर। छतरपुर के सागर रोड पर स्थित जिले का एक मात्र निजी श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय लगातार सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। विगत रोज मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग सभागार भोपाल में श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय और इंग्लैण्ड के प्रख्यात कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के बीच अंग्रेजी शिक्षा के उन्नयन के लिए एक आवश्यक करार हुआ। इस करार के तहत कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के द्वारा श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी छतरपुर में कौशलयुक्त अंग्रेजी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समझौते किए गए।
श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति ब्रजेन्द्र सिंह गौतम ने बताया कि भोपाल में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की मौजूदगी में श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विजय सिंह एवं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के उपसंचालक लियाम बिंट के बीच यह समझौता हुआ। समझौते के तहत कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एसेसमेंट इंग्लिश विभाग कौशलयुक्त अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा देने, अंग्रेजी के कार्यक्रमों को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल करने, सेमीनार, कांफ्रेंस, कार्यशाला, लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए काम करेगा। श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी में कैम्ब्रिज शिक्षण प्रमाण पत्र हेतु तीन पक्षों के बीच हस्ताक्षर के साथ यह समझौता हुआ जिसमें श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम के निर्देशन में पूर्व सचिव विजय सिंह के द्वारा निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. एमएस परिहार, टीके अरूणाचलम के बीच करार किया गया।
*बुन्देलखण्ड में होगा अंग्रेजी का विस्तार*
श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी की ओर से कुलाधिपति ब्रजेन्द्र सिंह गौतम ने बताया कि बुन्देलखण्ड के लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच हुआ यह करार बेहद फायदेमंद होगा। इस करार के तहत कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का इंग्लिश एसेसमेंट विभाग इंग्लैण्ड अथवा भारत में मौजूद अपने विशेषज्ञों का दल श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी में भेजकर हमारे शिक्षकों को इंग्लिश के सभी प्रारूपों का प्रशिक्षण देगा। जब शिक्षक प्रशिक्षित होंगे तब इसका लाभ बुन्देलखण्ड के आम विद्यार्थियों को भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बुन्देलखण्ड के विद्यार्थी अंग्रेजी में मार्किंग तो कर लेते हैं लेकिन इंग्लिश स्पीकिंग, राईटिंग और लिसनिंग में उन्हें हमेशा समस्या बनी रहती है। इस करार के साथ इस समस्या का निदान मिल सकेगा।
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