*छतरपुर~साक्षरता संविदा प्रेरकों का भूसा आंदोलन आज*~~


छतरपुर :- साक्षरता संविदा प्रेरक मोर्चा जिला इकाई छतरपुर द्वारा मंगलवार को स्थानीय मोटे के महावीर मंदिर में प्रातः 10:30 बजे से मंचीय कार्यक्रम उपरांत रैली का आयोजन कर जिला प्रशासन के समक्ष बेरोजगारी की मार झेल रहे निष्कासित साक्षरता संविदा प्रेरक भूसा खाकर सरकार को वचन याद दिलायेगे.

मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेश अहिरवार ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर महज 2000 /- रुपए प्रतिमाह मानदेय पर 2012 से निरंतर मार्च 2018 तक ग्राम पंचायत में साक्षरता के साथ साथ राज्य एवं केंद्र की मंशा अनुरूप कार्य को संपादित किया अकारण ही सरकार ने निष्कासित कर दिया मोर्चा द्वारा भूसा आंदोलन कलेक्टर परिसर के सामने किया जाएगा इस कार्यक्रम में प्रदेश संयोजक जितेंद्र सिंह घोष प्रदेश अध्यक्ष संदीप गुप्ता जिला संरक्षक  पूर्ण दत्त चतुर्वेदी जिला उपाध्यक्ष कालीचरण अहिरवार ने साक्षरता संविदा प्रेरकों से समय पर उपस्थित होने की अपील की है

*यह है मांग*

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रस्तावित वचन पत्र पुस्तिका में बिंदु क्रमांक 47.23 एवं वचन पत्र में क्रमांक 22 के अनुसार साक्षरता संविदा प्रेरकों की सेवा बहाली की जाए.

*18 माह से निष्कासित एवं 14 माह से मानदेय प्राप्त न होने के कारण मंहगाई से त्रस्त संविदा प्रेरक सामूहिक भूसा खाने को विवश हुए प्रेरक*

साक्षरता संविदा प्रेरक विगत मार्च 2018 से निष्कासन झेल रहे हैं एक तरफ इन्हें अल्प मानदेय मिलता था वहीं दूसरी ओर प्रदेश की पूर्व सरकार द्वारा निष्कासित कर दिया गया मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रस्तावित वचन पत्र पुस्तिका में बिंदु क्रमांक 47.23 एवं वचन पत्र क्रमांक 22 के अनुसार साक्षरता संविदा प्रेरकों का निराकरण 3 माह में करने का वचन दिया प्रदेश की सरकार वचन भूल गई वचन याद कराने के लिए एवं हमारी निर्धनता को प्रदर्शित करने के लिए जिला छतरपुर में भूसा आंदोलन किया जा रहा है

*1 लाख 85000 लोगों को बनाया  साक्षर*

2001 की जनगणना के बाद जिले में 1 लाख 87599 निरक्षरो को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया था वहीं 2011 की जनगणना में जो स्थिति मिली थी उनके अनुसार 2013 से 2018 तक 90 प्रतिशत निरक्षरो को साक्षर बनाया जा चुका है

*281 प्रेरकों के पद खाली*

जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में दो-दो प्रेरक रखे जाना थे बावजूद इसके जिले की 558 ग्राम पंचायतों में 1116 प्रेरकों के सापेक्ष सिर्फ 834 प्रेरकों को ही रखा गया जबकि 281 प्रेरकों के पद खाली रहे प्रेरको की कमी होने के बावजूद साक्षरता दर में वृद्धि दर्ज हुई


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