झाबुआ~व्यापमं घोटाले में कांग्रेस पर ढिलाई के आरोप से फिर गरमाया माहौल~~

तीर चलाकर निशाने पर आ गए खांडेकर,व्हिसल ब्लोअर ने भी किया जवाबी हमला ~~

झाबुआ। ब्यूरो चीफ.-संजय जैन~~


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परिवहन विभाग के 45 आरक्षकों की नियुक्ति 12 साल बाद निरस्त करने और वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष खांडेकर द्वारा एक चैनल को व्यापम कांड मामले में दिए इंटरव्यू में तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ढिलाई को लेकर दिए जवाब के बाद इस कांड की अधबुझी आग फिर भड़क गई है। चूंकि खांडेकर को सिंधिया परिवार का नजदीकी माना जाता है,इस वजह से कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने तो खांडेकर को घेरा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सीबीआई द्वारा की गई जांच की हाईकोर्ट के पूर्व जज से जांच कराने की मांग कर डाली है।

सर्टिफिकेट नहीं चाहिए..............

पत्रकार और एमपीसीए के प्रेसिडेंट अभिलाष खांडेकर का कहना है कि एक चैनल पर इंटरव्यू के दौरान सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश को लेकर उनसे प्रश्न पूछा गया था। जवाब में उन्होंने यही कहा कि 15 महीने कांग्रेस-कमलनाथ सरकार रही उसने व्यापम जांच रिपोर्ट मामले में क्या किया...? यह जनता जानना चाहती है। मैं तो 1982 से आज तक हर मुद्दे पर लिखता रहा हूं। मैं पीएम से लेकर शिवराज के खिलाफ लिखता रहा हूं। जहां तक व्हिसल ब्लोअर की बात है,तो मुझे अपने काम के लिये इनका सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

कांग्रेस ने पहले यह मुद्दा उठाया था............

पूछे गए सवाल पर खांडेकर ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में काफी कुछ ढूंढ लिया था। लेकिन जो केस चलाने की मंजूरी चाहिए थी,वह बड़े लोगों के कारन नहीं मिली। कांग्रेस ने पहले यह मुद्दा उठाया था,लेकिन जब 15 माह की सरकार बनी तब कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चाहते तो कड़ा एक्शन ले सकते थे। सभी अधिकारी,फाइल उनके पास थी, लेकिन इस पर कोई बात नहीं रखी गयी। अब कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि आंदोलन करेंगे। लेकिन बड़ा आंदोलन अब वे कर पाएंगे,ऐसा लगता नहीं है। अब उनके पास ताकत भी नहीं बची है। अब सवाल भी उठेगा कि उस समय कांग्रेस ने क्यों नहीं किया...? जिनके साथ अन्याय हुआ,उन्होंने लड़ाई लड़ी वह सुप्रीम कोट तक भी गए और अन्याय के लिए वह खड़े भी हुए। सिंह और तन्खा व व्हीसल ब्लोअर थे, वह सभी गायब हो गए। व्यापमं का भूत गायब हो गया था। अब जिन बोतल से फिर निकल रहा है,लेकिन कांग्रेस को इसका श्रेय नहीं है,बल्कि उन्हें है जो अभी लड़ रहे हैं।

तब शिवराज नामा लिख रहे थे-व्हिसल ब्लोअर ने भी दिया जवाब..............


अभिलाष खांडेकर पर व्हिसल ब्लोअर डॉ.आनंद राय और आशीष चतुर्वेदी ने भी हमला किया। चतुर्वेदी ने कहा कि जब व्यापमं घोटाले की जांच चल रही थी, तब आप शिवराज नामा लिख रहे थे और उनके साथ मंच साझा कर रहे थे। वहीं राय ने कहा कि इन्होंने वाइल्ड लाइफ पर पुस्तकें छापकर सरकार से पैसा लिया और एमपीसीए में भी गड़बड़ियाँ हुई हैं।

कांग्रेस सरकार गिरा दी गई.......


इंटरव्यू के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने एक्स पर लिखा था की खांडेकर जी,आपको बड़ी गलतफहमी हुई हैं। जो आपने मुझ पर और तन्खा जी पर व्यापमं मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया है। हम निरंतर लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे। आप सभी पत्रकारों से प्रार्थना है कि व्यापमं घोटाला करने वालों से भी कभी इस विषय पर चर्चा कर लिया करें। माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी सीबीआई के कुछ जांच अधिकारियों ने गुमराह कर दिया। विवेक तनखा ने लिखा दिग्विजय जी,अनभिज्ञ व्यक्ति को माफ़ कर दीजिए। पत्रकारिता का फ़ज़र् किसने कितना निभाया दुनिया के सामने है। आप को और मुझे किसी को स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत नहीं है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव व कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कमलनाथ सरकार इस मामले में एक्शन लेने वाली थी। आरोपियों को लगा था कि वो जेल जाएंगे,इसलिए कांग्रेस सरकार गिरा दी गई।

पूर्व केंद्रीय मंत्री की मांग सीबीआई वाली जांच की हाईकोर्ट के जज से जांच कराएं...............



 मप्र के 45 परिवहन आरक्षकों की अब नियुक्तियां निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने सीबीआई द्वारा इस मामले की गई जांच को अब हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा मध्य प्रदेश में सीबीआई के जो अधिकारी जांच करने के लिए आए थे,वो ही भ्रष्टाचार में पकड़े गए है। इससे यह पता चलता है कि जांच करने वाले अधिकारी कितने सक्षम थे। इसलिए हम लोगों ने मांग की है कि हाई कोर्ट के किसी रिटायर वरिष्ठ जज की निगरानी में जांच करवाई जाए। आप देख सकते हैं कि प्रदेश में किस तरह से पत्रकार की हत्या हो जाती है और आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ घटना हो जाती है।

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