झाबुआ~जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों के तत्काल निराकरण के निर्देश दिए जाते है,लेकिन तत्काल की परिभाषा का मतलब क्या हैं कोई तो बताये~~

बहादुर सागर तालाब की दुर्दशा रोकने हेतु ,भौतिक सत्यापन कराने हेतु लगाई गुहार-धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका है,आवेदक जितेंद्र सिंह राठौर~~

झाबुआ। संजय जैन~~




 लोकसभा निर्वाचन 2024 की आंचर संहिता समाप्ति के पश्चात् कलेक्टर नेहा मीना गत मंगलवार को प्रातः11 बजे प्रथम जनसुनवाई की थी।  
        
बहादुर सागर तालाब की दुर्दशा रोकने हेतु ,भौतिक सत्यापन कराने हेतु दिया आवेदन....
आवेदक जितेंद्र सिंह राठौर ने बहादुर सागर तालाब में चल रहे DPR के विरुद्ध चल रहे गुणवत्ताहीन किये जा रहे कार्य की भौतिक सत्यापन की मांग अनुभवी एजेंसी जैसे PWD,RES या इरिगेशन से करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। उनका कहना है कि मैं विगत कई वर्षों से प्रशासन को तालाब में हुए अतिक्रमण के बारे मे साक्ष्य सहित शिकायत दे चुका हूं। मेरी शिकायत के बाद तालाब की जांच के बाद अतिक्रमण हुआ है यह सिद्ध भी हो चुका है। फिर भी प्रशासन अतिक्रमणकारियों को क्यो बचा रहा है...? आये दिन हम खबरों में पढ़ते है कि कलेक्टर ने जनसुनवाई के आवेदन के बाद तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। मजेदार बात तो में विगत कई वर्षों से हर बार यह देख भी रहा हु , निर्देश तो सिर्फ कागज और खबरों तक ही सीमित रह जाता है। लेकिन खुद जिले के मुखिया आज तक उनके स्वतः के निर्देश का पालन कराने के लिए कोई एफर्ट्स नही कर पाता है,सिर्फ कागज में ही तत्काल कार्यवाही लिख देना का खेल सतत चला आ रहा है। 

अधिकारियों को मात्र खानापूर्ति के नाम पर मात्र निर्देश देने से क्या होगा...? 


मुझे तो हंसी आती है कि इन दिनों जिला मुखिया रोज कही न कही गंगा जल संवर्धन अभियान के नाम तालाब के गहरीकरण के हेतु जिले के बाहर हर जगह जाती है और उनका शानदार फ़ोटो खबर के साथ प्रकाशित भी हो जाता है,लगता है कि वे सिर्फ फ़ोटो छाप राजनीति की शौकीन है। मजेदार बात तो यह है कि सम्पूर्ण बहादुर सागर तालाब में हुई अनियमिता के बारे में उन्हें पत्रकारों और मेरे द्वारा मेरी लिखित में शिकायत के माध्यम से इसके बारे में उन्हें कई बार सूचित भी किया जा चुका है। इसके बाद भी वे आज तक खुद के मुख्यालय पर जिले के सबसे प्राचीन और बड़े तालाब पर उसकी दयनीय स्थिति देखने के लिए आज तक एक बार भी नही गयी है।ऐसे में अधिकारियों को मात्र निर्देश दे देने से क्या होगा...? 

मुखिया को धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका हूं....



अब मै निराश होकर मुखिया को धारा 80 C के तहत नोटिस जारी करने का मन बना चुका हूं। आगे सुनवाई नही होती है तो मैं यह मामला लोकायुक्त और NGT तक भी ले जाने में पीछे नही हटूंगा।

मात्र कागज पर ही निर्देश ....

चुनाव के बाद की पहली जान सुनवाई में कुल 72 आवेदन आए। कलेक्टर ने सम्बंधित अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण के साथ ही पात्र व्यक्तियों को शासन की योजनाओ का लाभ दिए जाने के निर्देश दिए। लेकिन निर्देश के परिपालन हेतु कोई पहल नही होती है या उसकी रिपोर्ट लेने की शायद कोई जहमत भी नही करती है ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है।

यह थे उपस्थित .....



 इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र सिंह चौहान, अपर कलेक्टर श्री एस.एस.मुजाल्दा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ श्री हरिशंकर विश्वकर्मा एवं सभी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। 
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