धार~उलझा पेंच- नपा ने मांगी स्ट्रीट वेंडर्स झोन हटाने की राशि, परिवहन विभाग ने बस स्टैंड प्रतीक्षालय का मूल्यांकन चाहा~~

आधुनिक विस्तारित बस स्टैंड निर्माण में भूमि की राशि लेगा परिवहन विभाग, मिले संकेत~~

जमीन की राशि देना पड़ी तो मौजूदा दुकानदारों के नए बस स्टैंड में दुकान आवंटन प्राथमिकता होगी प्रभावित~~

धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )




धार। शहर में आधुनिक और विस्तारित बस स्टैंड निर्माण का काम शुरु हो गया है। बीम-कॉलम निर्माण के लिए गड्ढें खोदे गए है। वहीं सरिये एवं निर्माण सामग्री स्थल पर पहुंच गई है। हालांकि काम ने गति नहीं पकड़ी है, किंतु विधानसभा चुनाव के पूर्व काफी हद तक गेट और बिल्डिंग स्ट्रक्चर को आकार देने का काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है। इधर बस स्टैंड निर्माण में परिवहन विभाग के एक पत्र ने पेंच उलझा दिया है। विभाग ने जिला पंजीयक कार्यालय से यात्री प्रतीक्षालय एवं दुकानों का मूल्यांकन कराने की बात कही है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि परिवहन विभाग जो देनदारियां में उलझा हुआ है वह नपा द्वारा बनाए जा रहे बस स्टैंड में भूमि के बदले सरकारी गाईड लाईन के अनुसार राशि की मांग कर सकता है। इसे नपा द्वारा डिपो परिसर की भूमि विक्रय के अनुबंध शर्तों के तहत स्ट्रीट वेंडर्स झोन की दुकानें हटाने के लिए करीब पौने दो करोड़ की राशि मांगने के बाद की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है।
राशि चुकाने से बढ़ जाएगी लागत
राज्य परिवहन विभाग द्वारा मूल्यांकन कराने की यह समस्त कार्रवाई भोपाल कार्यालय से हो रही है। मूल्यांकन कराने की कार्रवाई को लेकर नपा के अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। इसे औपचारिक कार्रवाई बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो पेंच उलझ गया है। यदि परिवहन विभाग को यात्री प्रतीक्षालय की भूमि के बदले राशि देना पड़ी तो बस स्टैंड की लागत बढ़ जाएगी। इधर राशि मांगने की स्थिति बनने पर बचने के लिए कानूनी तोड़ भी ढूंढे जा रहे है। उल्लेखनीय है कि करीब 10 करोड़ के खर्च से धार में आजादी के बाद पहली मर्तबा विस्तारित क्षेत्रफल में आधुनिक बस स्टैंड निर्माण का काम शुरु किया गया है।
दावा-हक प्रभावित नहीं होने देंगे
आधुनिक बस स्टैंड निर्माण के बाद क्षेत्र में जमीन की कीमतें बढ़ने की संभावना है। कई बिजनेसमेन क्षेत्र की जमीन के भाव का आसमान की ऊंचाई देने के लिए अभी से महंगे दाम कर चुके है। ऐसी स्थिति में दशकों से यात्री प्रतीक्षालय की दुकानों में लीज किरायेदार के रूप में व्यापार कर रहे व्यापारी अपने भविष्य को लेकर आशंकित है। हालांकि नपाध्यक्ष श्रीमती नेहा महेश बोड़ाने और उपाध्यक्ष मयंक म्हाले ने दावा किया है कि किसी का हक प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। आधुनिक बस स्टैंड निर्माण में पुराने वास्तविक दुकानदारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इधर परिवहन विभाग द्वारा राशि मांगने के पेंच के बाद नए बस स्टैंड में प्रतीक्षालय के दुकानदारों को दुकान आवंटन प्रभावित होने की आशंका भी बढ़ गई है।
लीज खत्म करने का है अधिकार
बस स्टैंड यात्री प्रतीक्षालय में काबिज दुकानदारों का लंबे समय से किराया बाकी है। प्रशासन और विभाग के पास बस स्टैंड सहित डिपो परिसर की दुकानों की लीज अधिकार को खत्म करने का प्रावधान भी है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों और नपा का मुख्य ध्येय यह है कि लागत मुनाफा आधार पर जो ले उसे दुकान देना है।
प्रयोगों से हमेशा बढ़ी दिक्कतें
धार हमेशा अधिकारियों की प्रयोगशाला रहा है। पुराने अधिकारियों के फैसलों को बदलना या उसमें परिवर्तन करना नए अधिकारियां का शगल रहा है। यही कारण है कि डिपो की भूमि विक्रय की शर्तों में पीछे से रास्ता देना शामिल होना बताया जा रहा है। दरअसल राज्य परिवहन विभाग की डिपो भूमि में कभी पीछे से रास्ता ही नहीं रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगे है कि करीब 15 फीट ऊंचाई पर बने डिपो को पीछे से रास्ता देने की शर्त किस लाभ के आधार पर शामिल की गई। इस तरह के प्रयोग ने 180 स्ट्रीट वेंडर्स के व्यापारिक स्थल को प्रभावित करने की स्थिति बना दी है।
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