झाबुआ~समर्थन को नहीं किसानों का समर्थन-पंजीयन करवाया मात्र 50 फीसदी किसानों ने ही
कृषि मंडी में गेहूं बेचने के लिए 5 हजार 461 किसानों ने करवाया पंजीयन,तीन दिन में एक भी स्लॉट बुक नहीं........................
जिले में गेहूं,चना,मसूर और सरसों की खरीदी कार्य शुरू हुए तीन दिन हो गए लेकिन अब तक एक भी किसान ने समर्थन मूल्य पर गेहूं सहित चारों उपज बेचने के लिए स्लॉट बुक नहीं करवाएं। इस बीच सोमवार शाम को सरकार द्वारा गेहूं की खरीदी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी,फिर लेकिन अगले दिन ही इस आदेश को पलट दिया गया। जिसके पीछे सरकार का तर्क था कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण उज्जैन सहित कुछ संभागों में गेहूं में नमी बनी हुई है। ऐसे में अब गेहूं की खरीदी यथावत प्रारंभ हो चुकी है।
एक ने भी स्लॉट बुक नहीं करवाया......................
जिले में 5 हजार 461 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन करवाया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं,चना,मसूर और सरसों की खरीदी 25 मार्च से प्रदेश सहित जिले में शुरू हो गई है। जिले में गेहूं खरीदी के लिए 23 केंद्र बनाए गए है। लेकिन 28 मार्च तक एक भी केंद्र पर खरीदी शुरू नहीं हो पाई थी। सोमवार से स्लॉट बुकिंग शुरू हो गयी थी,लेकिन 28 मार्च तक एक ने भी स्लॉट बुक नहीं करवाया। इस वजह से सभी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि केंद्रों पर खरीदी कार्य से जुड़ा अमला तैयारी के साथ उपस्थित रहा तो कहीं कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे ही केंद्र रहा। अधिकारियों को पता था ैकि एक भी स्लॉट बुक नहीं हुआ है तो कोई किसान उपज लेकर नहीं आएगा। यदि कोई पूछताछ करने भी आया तो ऑपरेटर या केंद्र पर काम करने वाले कर्मचारी जवाब दे देंगे।
समर्थन को नहीं किसानों का समर्थन-पंजीयन करवाया मात्र 50 फीसदी किसानों ने ही ..........................
उल्लेखनीय है कि जिले में 23 केन्द्रों पर गेहूं जबकि 2 केंद्रों पर चना,मसूर और सरसों की खरीदी होना है। जिले में समर्थन मूल्य पर इन सभी उपज को बेचने के लिए कुल 5 हजार 461 किसानों ने पंजीयन कराया है। मात्र 50 फीसदी किसानों ने ही पंजीयन करवाया है,जबकि गतवर्ष जिले में 10 हजार 668 किसानों ने पंजीयन कराया था।
नहीं करवाया मसूर और सरसों के लिए एक भी किसान ने पंजीयन .........................
जिले में सबसे अधिक गेहूं के लिए कुल 5 हजार 461 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसके अलावा चना के लिए 547 किसानों ने समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है। जबकि मसूर और सरसों के लिए एक भी किसान ने पंजीयन नहीं करवाया है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2125 रुपए घोषित किया है। इसके अलावा चना का प्रति क्विंटल 5335 रुपए, मसूर का प्रति क्विंटल 6000 रुपए और सरसों का प्रति क्विंटल 5450 रुपए समर्थन मूल्य घोषित किया है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रेट 2125 रुपए प्रति क्विंटल.....................
इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रेट 2125 रुपए प्रति क्विंटल है। यह रेट पिछले साल की रेट की तुलना में प्रति क्विंटल 110 रुपए ज्यादा हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि पिछले साल मंडियों में गेहूं के दाम 2100 रुपए से ज्यादा थे और समर्थन मूल्य पर कम इसलिए केंद्रों की तुलना में मंडियों में गेहूं ज्यादा बिकने पहुंचा था।
जिले में समर्थन मूल्य पर पंजीयन करवाने वाले किसानों की स्थिति ......................
2021-2022- 13 हजार 179
2022-2023- 10 हजार 668
2023-2024- 5 हजार 461
*** नोट-जानकारी खाद्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार।
2023 में गेहूं का सरकारी रेट क्या है .....?
फसल के नाम पिछले वर्ष का समर्थन मूल्य 2022 2023 -24 फसल का समर्थन मूल्य फसल के समर्थन मूल्य में वृद्धि
गेहूं 2015 रूपए 2125 रूपए 110 रूपए
सरसो 5050 रुपए 5450 रूपए 400 रूपए
चना 5230 रूपए 5335 रुपए 105 रुपए
मसूर 5500 रूपए 6000 रूपए 500 रूपए
जौ 1635 रूपए 1735 रूपए 100 रूपए
सारांश................
2023 गेहूं का सरकारी रेट क्या है ........
पिछले वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रूपए था जो बढ़कर 2125 रूपए हो चुका है वही सरसो का समर्थन मूल्य 5050 रूपए से बढ़कर 5450 रूपए हो चुका है एवं चना का समर्थन मूल्य 5230 रूपए से बढ़कर 5335 रूपए हो चुका है वही मसूर के समर्थन 5500 रूपए से बढ़कर 6000 रूपए हो चुका है एवं जौ के कीमत 1635 रूपए से बढ़कर 1735 रूपए हो चूका है इस प्रकार रबी फसल के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हुआ है।
गेहूं की खरीदी यथावत प्रारंभ.............................
समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मसूर व सरसों की खरीदी 25 मार्च से शुरू हो चुकी है। सरकार द्वारा गेहूं की खरीदी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी,लेकिन फिर अगले दिन ही इस आदेश को पलट दिया गया। ऐसे में अब गेहूं की खरीदी यथावत प्रारंभ हो चुकी है।
..................................संजय पाटिल-प्रभारी खाद्य अधिकारी-झाबुआ
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