*रंग पंचमी 12 को मनाई जाएगी* *( डाॅ. अशोक शास्त्री )*


          रंग पंचमी होली का ही एक रूप है जो देश के कई क्षेत्रों में चैत्र मास की कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है । इस बार रंग पंचमी 12 मार्च को मनाई जाएगी । भारत के कुछ हिस्सों में जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रंग पंचमी का विशेष महत्व है । रंग पंचमी मुख्य रूप से पंच तत्व जैसे पृथ्वी , अग्नि , वायु , जल एवं आकाश को सक्रिय करने के लिए मनाई जाती है ।
          इस संदर्भ में मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाॅ. अशोक शास्त्री विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रंग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में अपना अलग महत्व रखता है । रंग पंचमी का त्योहार होली के बाद पांचवें दिन मनाया जाता है । रंग पंचमी का त्योहार चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी के दिन मनाया जाता है । रंगों के त्योहार का पर्व मालवा क्षेत्र में अधिक प्रचलित है । मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रंग पंचमी का यह विशेष त्योहार बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है । मान्यता है कि , इस दिन देवी देवता रंगों और अबीर के साथ होली खेलते हैं । यही वजह है कि इस दिन को रंग पंचमी कहा जाता है ।
          डाॅ. अशोक शास्त्री के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार होली की ही तरह मनाया जाता है । ऐसे में इस दिन लोग रंग और गुलाल उड़ा कर अपनी खुशियां मनाते हैं । इसके अलावा बहुत सी जगहों पर इस दिन राधा रानी और कृष्ण को अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है । इसके अलावा इस दिन शोभा यात्राएं भी निकाली जाती है और होली की तरह देव होली के दिन भी लोग एक दूसरे पर रंग और अबीर डालते हैं ।
          डाॅ. अशोक शास्त्री के अनुसार इस दिन हवा में रंग और अबीर उड़ाने से वातावरण सकारात्मक होता है जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन , व्यक्तित्व और सोचने समझने की क्षमता पर पड़ता है । साथ ही इससे लोगों के बुरे कर्म और पाप आदि नष्ट होते हैं ।
          इस बार रंग पंचमी का त्योहार 12 मार्च 2023, रविवार को मनाई जाएगी । रंग पंचमी को होली महोत्सव का समापन होता है । 12 मार्च को उदयातिथि के अनुसार , रंग पंचमी का त्योहार 12 मार्च को ही मनाया जाएगा l
      *रंग पंचमी पर कैसे करें पूजा*
          डाॅ. शास्त्री ने बताया कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा का विधान है । इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा को लाल या गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है । ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है । इसके अलावा , अन्य देवी - देवताओं को भी रंग गुलाल अर्पित किया जाता है । 
          डाॅ. शास्त्री के मुताबिक रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें । गाय के घी का दीपक जला कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पण करें । एक आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें । लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं । जाप के बाद पूजा में रखा हुआ जल सारे घर में छिड़क दें । आपके घर में धन की बरकत कुछ समय बाद जरूर दिखाई देगी ।
          रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को पीला रंग अर्पित कर सकते हैं , ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनके चरणों में पीले रंग का अबीर अर्पित करें , मां लक्ष्मी , बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग अर्पित करें , मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर अर्पित करें , सूर्यदेव को लाल रंग चढ़ाएं या सिंदूर अर्पित करें , शनि देव को नीला रंग बेहद प्रिय होता है ।
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