रविवार 12 मार्च को मनाई जाएगी रंगपंचमी, दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिए राधा-कृष्ण को अर्पित करें गुलाबी गुलाल
धार। रविवार 12 मार्च को रंगपंचमी पर्व के साथ होली उत्सव का समापन होगा। पंचमी पर अपने ईष्ट देवताओं को उनके मनपसंद रंग अर्पित कर उनको प्रसन्न किया जा सकता है। इस संदर्भ में मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ अशोक शास्त्री ने बताया कि रंगपंचमी का त्योहार कृष्ण पंचमी की तिथि पर मनाया जाता है। इसका हिंदू धर्म में अपना अलग महत्व है। मान्यता है कि इस दिन देवी देवता रंगों और अबीर के साथ होली खेलते हैं। यही वजह है कि इस दिन को रंग पंचमी कहा जाता है। इस दिन शोभायात्राएं भी निकाली जाती है। होली की तरह देव होली के दिन लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर, डालकर शुभकामनाएं देते हैं।
दंपत्ति करें राधे-कृष्ण को प्रसन्न
डॉ अशोक शास्त्री के अनुसार इस दिन हवा में रंग और अबीर उड़ाने से वातावरण सकारात्मक होता है जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और सोचने समझने की क्षमता पर पड़ता है । साथ ही इससे लोगों के बुरे कर्म और पाप आदि नष्ट होते हैं। श्री शास्त्री ने बताया कि पंचमी पर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा को लाल या गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है । ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
मंत्रों का जाप भी करें
डॉ. शास्त्री के मुताबिक रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें । गाय के घी का दीपक जला कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पण करें। एक आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नम: मंत्र का तीन माला जाप करे। लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं। जाप के बाद पूजा में रखा हुआ जल सारे घर में छिड़क दें। इससे घर में धन की बरकत कुछ समय बाद जरूर दिखाई देगी। इसी के साथ भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को पीला रंग अर्पित कर सकते हैं , ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनके चरणों में पीले रंग का अबीर अर्पित करें। मां लक्ष्मी, बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग अर्पित करें। मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर अर्पित करें। सूयर्देव को लाल रंग चढ़ाएं या सिंदूर अर्पित करें, शनि देव को नीला रंग बेहद प्रिय होता है।
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