झाबुआ~पिछले लगभग तीन महीने में करीब 2500 से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बने, लेकिन लोगों को मिले नहीं क्योंकि प्रिंट करने प्लास्टिक कार्ड ही नहीं~~

ना ही फिटनेस हो रहा ना ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल रहे ,यह कैसा विकास है .~~

परिवहन अधिकारी की सलाह-मैसेज में जो लिंक मिली,उससे प्रिंट करा लें ड्राइविंग लाइसेंस-कार्ड पाने भटक रहे लोग, दूर से आने वाले ज्यादा परेशान~~

झाबुआ। संजय जैन~~

जिला परिवहन कार्यालय में इन दिनों लोग ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। उनका लाइसेंस तो बन गया है लेकिन कार्ड नहीं मिल पा रहा है। वजह यह है कि ऊपर से प्लास्टिक कार्ड की शार्टेज चल रही है। पिछले दो महीने में करीब 2500 से ज्यादा लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग हो गए हैं। फिटनेस के लिए भी लोग बेतहाशा परेशान हो रहे है।

कार्ड नहीं मिल पा रहा...................
जिला परिवहन कार्यालय में हर महीने करीब 800 से 1 हजार लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहुंचते हैं। इनमें नए लाइसेंस के साथ ही नवीनीकरण और हेवी लाइसेंस के लिए आवेदन होते हैं। महीने भर में आने वाले कुल लाइसेंस में से 60 फीसदी आवेदन नवीन के होते हैं। इन आवेदकों के लाइसेंस तो कार्यालय में बन रहे हैं लेकिन लाइसेंस बनने के बाद लोगों को कार्ड नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है दिसंबर और जनवरी महीने में लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस तो बन चुके हैं लेकिन उन्हें कार्ड अब तक नहीं मिला है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि ऊपर से ही प्लास्टिक कार्ड की शॉर्टेज है। जिला परिवहन कार्यालय में ऐसे करीब 2500 से ज्यादा आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड के लिए चक्कर लगा रहे हैं।

हो रहे है लोग फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बेतहाशा परेशान ...................
लोग फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बेतहाशा परेशान हो रहे हैं। ना ही फिटनेस हो रहा ना ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल रहे,यह कैसा विकास है....? पिछले कई दिनों से फिटनेस भी नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते अन्य राज्यों में जाने पर वाहन मालिकों को आये दिन अच्छा खासा जुर्माना चुकाना पड़ रहा हैं। इन वाहनों को अक्सर अन्य राज्यों में ही जाना पड़ता है, क्योंकि जिले से पास ही गुजरात और राजस्थान की बॉर्डर सटी हुई हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड लगभग तीन महीने से नहीं आ रहे है और फिटनेस का पोर्टल तकनीकी कारणवश खुल ही नहीं रहा हैं। यह समस्या पूरे प्रदेश में चल रही है,इसमें विभाग का क्या दोष है ....?

सभी जिलों में कार्ड की कमी ...... ............
चाइना से आने वाली चिप के कारण भी शॉर्टेज बढ़ी ड्राइविंग लाइसेंस जिस कार्ड पर प्रिंट होता है, उसमें एक चिप भी रहती है। यह चिप चाइना से आती थी। अब इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस कारण भी कार्ड की शॉर्टेज चल रही है। सभी जिलों में कार्ड की कमी चल रही है। लोग कार्ड पाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि कार्ड नहीं होने से हम पर कार्रवाई हो रही है।

ऑनलाइन प्रिंट निकालने की दी जा रही सलाह ...............
परिवहन विभाग में लगभग सभी कार्य अब ऑनलाइन हो गए हैं। ऐसे में किस आवेदक का आवेदन किस स्तर पर चल रहा है, उसका मैसेज उसे प्राप्त होता रहता है। इसी प्रकार से ड्राइविंग लाइसेंस बनने के बाद भी आवेदक के पास मैसेज पहुंचता है लेकिन कार्ड न मिलने पर विभागीय कर्मचारियों द्वारा आवेदकों को मैसेज में प्राप्त होने वाली लिंक से ड्राइविंग लाइसेंस का प्रिंट निकालने की सलाह दी जा रही है।

कहा जाता है हर बार एक-दो दिन बाद आने का ...................
हर बार एक-दो दिन बाद आने का कहा जाता है,कार्ड नहीं दिया जा रहा है। मैंने अपना ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए आवेदन किया था। रिन्यूवल हो चुका है। उसका मैसेज भी मेरे पास आ गया है लेकिन अब तक कार्ड नहीं मिला है। जब भी आता हूं एक-दो दिन बाद आने का बोल दिया जाता है।
................सुनील कुमार-झाबुआ

यह कैसा विकास...?
मैंने नए लाइसेंस हेतु लगभग तीन माह पूर्व आवदेन कर दिया था,लेकिन मुझे अभी तक मेरा ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त नहीं हुआ है।मुझे आये दिन दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है।ऐसे में मुझे कई बार जुर्माना भी देना पड़ चूका है। यह कैसा विकास है.....? यह मेरी समझ से परे है।
..................संतोष नाकोड़ा-झाबुआ

०००००००००००० बॉक्स खबर ०००००००००००००००००
 तुरंत एजेंटी प्रथा पर अंकुश लगाने की आवश्यकता......................
जब इस मामले में हमने लोगो से चर्चा की तो अधिक्तर लोगो का कहना था कि करीब 2500 नए लाइसेंस का यह आंकड़ा तो विभाग के ऑफिसियल रिकॉर्ड में बताया जा है। लेकिन जो लाइसेंस बनकर तैयार विभाग तथा एजेंटो के दराजों में मिठाई के चक्कर में कैद है,उन आकड़ो के बारे में तो कोई चर्चा ही नहीं कर रहा है। कुछ लोगो का कहना था कि विषेशकर प्रशासन को तुरंत एजेटी प्रथा पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। प्रशासन सभी दस्तावेजों और कार्डो की गंभीरता से जाँच करे तो,सभी पर एजेंटो के अलग-अलग कोड-वर्ड उनके प्रतिष्ठानों के नामानुसार उन पर अंकित अवश्य मिलेंगे,बस आवश्यकता गंभीरता से जाँच करने की.....................
                                       ०००००००००००० बॉक्स खबर ०००००००००००००००००

पूरे प्रदेश में ही कार्ड की शॉर्टेज चल रही है....................
पूरे प्रदेश में ही कार्ड की शॉर्टेज चल रही हैं। ड्राइविंग लाइसेंस बन रहे हैं। कार्ड ऊपर से नहीं मिल पा रहा है। इसलिए प्रिंट नहीं हो पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में ही शॉर्टेज चल रही है। आवेदकों से ऑनलाइन प्रिंट निकालकर रखने के लिए कहा गया है। फिटनेस का पोर्टल तकनीकी कारणवश खुल ही नहीं रहा है।
.....................कृतिका मोहता-आरटीओ,झाबुआ।

Share To:

Post A Comment: