धार~14 शताब्दी में मांडू का रिश्ता चीन और तुर्की से रहा है उस दौर में भी कारोबार और संस्कृति का आदान-प्रदान होता था मांडू में मंगलवार को जी-20 देशों के अतिथि पहुंचे~~

( धार- डाॅ. अशोक शास्त्री )


14 शताब्दी में मांडू का रिश्ता चीन और तुर्की से रहा है उस दौर में भी कारोबार और संस्कृति का आदान-प्रदान होता था मांडू में मंगलवार को जी-20 देशों के अतिथि पहुंचे तो इतिहास के वह सुर्ख पन्ने एक बार फिर ताजा हो गए मांडू में जिस पलका बेसब्री इंतजार किया जा रहा था उससे लग रहा था कि मानो हमारी अतिथि देवो की परंपरा अभी भी चरम पर है ऐसे में मांडू के जहाज महल परिसर में जब दल के 100 मेहमान पहुंचे तो उनका लोक संस्कृति के अभिन्न अंग भगोरिया पर्व के माध्यम से स्वागत किया गया यहीं से संस्कृति की अलग-अलग छटा देखने का दौर शुरू हुआ उसके बाद अतिथि देवो भव की संस्कृति से पारंपरिक तिलक सत्कार किया गया सत्कार के पश्चात जब यह विदेशी मेहमान मांडू के जहाज महल पैलेस में पहुंचे तो उन्हें लगा कि वह किसी ऐसी दुनिया में आ गए हैं जहां पर आज भी इतिहास बोलता है ऐसी ऐतिहासिक जगह पर विदेशी पर्यटक और यह जी-20 के मेहमान अपने आप को रोक नहीं पाए और यहां की तस्वीरें खींची और सेल्फी लेने के साथ में अपने आप को यहां का साक्षी बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम किया इस तरह से यह सिलसिला आगे बढ़ा और जहाज महल के भ्रमण के साथ-साथ यहां की जल संरचनाओं को देखकर उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत महान देश है जहां पर जल का आज भी महत्व है और पुरातन काल में भी जल से जल महल और जहाज महल का नाता रहा है

5,40 को पहुंचा g20 के 100 सदस्यों का दल

मांडू के जहाज महल परिसर मैं जी-20 के 100 सदस्यों का दल शाम 5:40 को पहुंचा काफिले के साथ पहुंचाया इस दल के साथ प्रशासनिक अमला चल रहा था 6 लग्जरी बसों से यह विशिष्ट मेहमान मांडू पहुंचे

आदिवासी भगोरिया नृत्य और तिलक लगाकर सत्कार

अति विशिष्ट मेहमानों का स्वागत परंपरागत आदिवासी भगोरिया नृत्य से किया गया मांदल की थाप और थाली की झंकार सुनकर विदेशी मेहमान भी अपने आप को रोक ना सके और इस यादगार पल को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए किसी ने सेल्फी ली तो कोई मेहमान मांदल की थाप पर थिरकने से अपने आप को रोक ना सके स्वागत सत्कार की यह बेला आगे बढ़ी और और इन विदेशी मेहमानों को तिलक और फूल भेंट कर वेलकम किया

सांस्कृतिक नृत्य से स्वागत

महल परिषद में पहुंचते विशिष्ट मेहमानों का प्रसिद्ध नृत्यांगना ओ द्वारा ओ द्वारा अतिथि देवो भाव स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया भारतीय कल्चर को देखकर विदेशी मेहमान भी अभिभूत हो गए 

गाइडों के दल से इतिहास की बारीकियां को जाना 

100 सदस्यों के के दल को मांडू के इतिहास से रूबरू कराने के लिए 9 सदस्यों के गाइडों का दल तैयार किया गया जिन्होंने मांडू के जहाज महल का इतिहास और पुरातन जलसा रचनाओं के बारे में विधिवत जानकारी मेहमानों को दी इन गाइडों के दल में योगेंद्र परिहार विश्वनाथ तिवारी मोहम्मद कुरेशी परवेज कुरेशी राजू गोरसिया धीरज चौधरी मनीष चंद्र श्री विनय साकले जय तिवारी शामिल थे
Share To:

Post A Comment: